Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Aug 2021 · 1 min read

करो प्यार तुम (गीतिका)

* करो प्यार तुम *
~~
सभी से हमेशा करो प्यार तुम।
करो बस यही काम हर बार तुम।

मुहब्बत बड़ी बात है जान लो।
सहन कुछ करो पांव में खार तुम।

बरसता रहा खूब सावन यहां।
करो अब जरा स्नेह बौछार तुम।

घटा छा रही जग रही चाहतें।
करो प्रिति का सत्य स्वीकार तुम।

सभी ओर देखो खिले फूल हैं।
किसी के गले का बनो हार तुम।

किसी बात का मत बुरा मानिए।
बिताओ खुशी के दिवस चार तुम।
~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ०२/०८/२०२१

2 Likes · 2 Comments · 312 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from surenderpal vaidya
View all
You may also like:
एक कुंडलिया
एक कुंडलिया
SHAMA PARVEEN
विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
Ritu Asooja
23/110.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/110.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रै तमसा, तू कब बदलेगी…
रै तमसा, तू कब बदलेगी…
Anand Kumar
ज़िन्दगी थोड़ी भी है और ज्यादा भी ,,
ज़िन्दगी थोड़ी भी है और ज्यादा भी ,,
Neelofar Khan
प्यार भी खार हो तो प्यार की जरूरत क्या है।
प्यार भी खार हो तो प्यार की जरूरत क्या है।
सत्य कुमार प्रेमी
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा,
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
Surinder blackpen
बिल्ली
बिल्ली
Manu Vashistha
तभी लोगों ने संगठन बनाए होंगे
तभी लोगों ने संगठन बनाए होंगे
Maroof aalam
*आंतरिक ऊर्जा*
*आंतरिक ऊर्जा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*धन्य विवेकानंद प्रवक्ता, सत्य सनातन ज्ञान के (गीत)*
*धन्य विवेकानंद प्रवक्ता, सत्य सनातन ज्ञान के (गीत)*
Ravi Prakash
देशभक्ति
देशभक्ति
Dr. Pradeep Kumar Sharma
■ मेरा जीवन, मेरा उसूल। 😊
■ मेरा जीवन, मेरा उसूल। 😊
*प्रणय प्रभात*
जादू था या तिलिस्म था तेरी निगाह में,
जादू था या तिलिस्म था तेरी निगाह में,
Shweta Soni
काव्य का आस्वादन
काव्य का आस्वादन
कवि रमेशराज
चेहरे की शिकन देख कर लग रहा है तुम्हारी,,,
चेहरे की शिकन देख कर लग रहा है तुम्हारी,,,
शेखर सिंह
"मातृत्व"
Dr. Kishan tandon kranti
एक कप कड़क चाय.....
एक कप कड़क चाय.....
Santosh Soni
खालीपन
खालीपन
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"" *आओ बनें प्रज्ञावान* ""
सुनीलानंद महंत
बोलना , सुनना और समझना । इन तीनों के प्रभाव से व्यक्तित्व मे
बोलना , सुनना और समझना । इन तीनों के प्रभाव से व्यक्तित्व मे
Raju Gajbhiye
अगर.... किसीसे ..... असीम प्रेम करो तो इतना कर लेना की तुम्ह
अगर.... किसीसे ..... असीम प्रेम करो तो इतना कर लेना की तुम्ह
पूर्वार्थ
*दिल का आदाब ले जाना*
*दिल का आदाब ले जाना*
sudhir kumar
वास्तविकता से परिचित करा दी गई है
वास्तविकता से परिचित करा दी गई है
Keshav kishor Kumar
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – ईश्वर का संकेत और नारायण का गृहत्याग – 03
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – ईश्वर का संकेत और नारायण का गृहत्याग – 03
Sadhavi Sonarkar
जिंदगी
जिंदगी
Sangeeta Beniwal
अपनी भूल स्वीकार करें वो
अपनी भूल स्वीकार करें वो
gurudeenverma198
हे मां शारदे ज्ञान दे
हे मां शारदे ज्ञान दे
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Loading...