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2 May 2024 · 1 min read

*दिल का आदाब ले जाना*

‌ग़ज़ल
——–
दिल का आदाब ले जाना।
खत का जवाब ले जाना।

वो चाँद तन्हा तन्हा है,
साथ अपने गुलाब ले जाना।

ये रात सिमट जाए पहले,
दिन का हिसाब ले जाना।

वहां सब लोग एक जैसे हैं,
तुम अपना नकाब ले जाना।

जिंदगी की पाठशाला है ये,
सबक की किताब ले जाना।

जो पहले कभी बोया था,
काट उसको जनाब ले जाना।

सुधीर कुमार
सरहिंद फतेहगढ़ साहिब पंजाब।

Language: Hindi
1 Like · 14 Views
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