संजीव शुक्ल 'सचिन' Tag: गीत 219 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 May 2023 · 1 min read कुछ तो है गड़बड़ ...!! कुछ तो है गड़बड़ ...!! _____________ तू तो करता नवल नित छल, कुछ है गड़बड़। किन्तु है मेरा मन कोमल , कुछ हैं गड़बड़। धर्म की देता नित्य दुहाई। राम... Poetry Writing Challenge · गीत 1 111 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 23 May 2023 · 1 min read भाव उपजे हैं मन में नवल, गीत लिखने दे। भाव उपजे हैं मन में नवल, गीत लिखने दे। सुन री मैयत बैठ जा द्वारे। क्यों आई तू साँझ- सकारे। खटखटाना नहीं साँकल, गीत लिखने दे। भाव उपजे हैं मन... Poetry Writing Challenge · गीत 2 2 213 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 23 May 2023 · 1 min read प्रेम पिपासा मेरे मन में मची हलचल, मेरा मन पागल। तुझे ढूँढे नयन हर पल, मेरा मन पागल। हिरणी सी चलती बलखाती। जैसे निर्मल प्रीति की पाती। किसी शायर की लगती ग़ज़ल,... Poetry Writing Challenge · गीत 1 119 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 18 May 2023 · 1 min read #यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक। #यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ यदा- कदा संवाद मधुर, छल का परिचायक। मान - प्रतिष्ठा ज्ञान सभी वह बातें कर- कर। जिससे हो गुणगान तुम्हारा समय- समय पर। मोह- पाश, भ्रमजाल अश्रुदायक... Hindi · गीत 1 324 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 May 2023 · 1 min read #बह_रहा_पछुआ_प्रबल, #अब_मंद_पुरवाई! #बह_रहा_पछुआ_प्रबल, #अब_मंद_पुरवाई! ____________________________________ लोभ के वश प्रेम के पथ, खुद गई खाई! हाय! क्या करे माई? खण्ड आँगन का हुआ यह, देख ममता रो रही। शोक में डूबी हुई है,... Hindi · गीत 1 326 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 27 Apr 2023 · 1 min read मैं ही केवल और न कोई......!! #मैं_ही_केवल_और_न_कोई..!! __________________________________________ मैं भी से मैं ही तक जाना, विध्वंसक संत्रास रहा यह। मैं, मैं का कब दास हो गया, मुझे नहीं आभास रहा यह।। अपने थे सब सङ्गी साथी,... Hindi · गीत 1 235 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 8 Apr 2023 · 1 min read #देकर_दगा_सभी_को_नित_खा_रहे_मलाई......!! #देकर_दगा_सभी_को_नित_खा_रहे_मलाई......!! _____________________________________ दो पक्ष कर रहे हैं, बिन बात की लड़ाई। देकर दगा सभी को, नित खा रहे मलाई।। सेवक बता सभी से, ओ शीश का झुकना। मतलब निकालने को,... Hindi · गीत 1 591 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Apr 2023 · 1 min read #चाह_वैभव_लिए_नित्य_चलता_रहा_रोष_बढ़ता_गया_और_मैं_ना_रहा।। #चाह_वैभव_लिए_नित्य_चलता_रहा_रोष_बढ़ता_गया_और_मैं_ना_रहा।। _______________________________________________ चाह वैभव लिए नित्य चलता रहा, रोष बढ़ता गया और मैं ना रहा।। याम हो या निशा एक सम मान कर, ऐषणा ने जगाया जगे ही रहे। मान... Hindi · गीत 1 180 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Mar 2023 · 1 min read सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!! #सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!! _______________________________________________ रीति की अर्थी सजाकर, सभ्यता से हो विलग हम, सद्य कर अभिदान पावक में जलाने जा रहे हैं।। पूर्वजों से आज तक भी जो मिली थीं थातियाँ वो,... Hindi · गीत 1 200 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Jan 2023 · 1 min read नारी_व्यथा #नारी_व्यथा _______________________________________________ वर्तिका बन जली दीप माध्यम बना, किन्तु गुणगान जग में उसी का हुआ। प्रेम पर्याय है त्याग का बोलकर, नित्य सम्मान जग में उसी का हुआ। हर व्यथा... Hindi · गीत 3 4 262 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 9 Dec 2022 · 1 min read हद हुईं कबतक भला तुम आप ही छलते रहोगे।। हद हुईं कबतक भला तुम आप ही छलते रहोगे।। _____________________________________ ढोंग को यूँ ढंग में कर सम्मिलित चलते रहोगे। हद हुईं कबतक भला तुम आप ही छलते रहोगे।। मंदिरों में... Hindi · गीत 1 189 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Dec 2022 · 2 min read #है_तिरोहित_भोर_आखिर_और_कितनी_दूर_जाना?? #है_तिरोहित_भोर_आखिर_और_कितनी_दूर_जाना?? ___________________________________________ सम्पदा की चाह उर में सभ्यता से हो विलग हम, चल पड़े किस ओर आखिर और कितनी दूर जाना। नयन मूंँदे चल रहे बस सुधि नहीं संतान की... Hindi · गीत 5 2 432 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 29 Nov 2022 · 1 min read मन पीर बह उठेगा, फिर हर्ष तुम करोगे।। मन पीर बह उठेगा, फिर हर्ष तुम करोगे।। ____________________________________________ जब हार से उबरकर, संघर्ष तुम करोगे। मन पीर बह उठेगा, फिर हर्ष तुम करोगे।। मन पीर पाल चलना, तौहीन जिन्दगी... Hindi · गीत · मृदुगति छंद ( मांत्रिक ) 1 137 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Nov 2022 · 1 min read प्रेम का फिर कष्ट क्यों यह, पर्वतों सा लग रहा है|| प्रेम का फिर कष्ट क्यों यह, पर्वतों सा लग रहा है|| __________________________________________ देख दूजा गात कामुक, मन अगन जब जग रहा है| प्रेम का फिर कष्ट क्यों यह, पर्वतों... Hindi · गीत 3 2 237 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 11 Nov 2022 · 1 min read #चुनाव_संहिता #चुनाव_संहिता __________________________________________ छद्म के ताबूत में तुम, कील ठोको प्यार से अब, मिल गया मौका सुनहरा, फिर नहीं बकलोल बनना।। पाँव में जिनके अभीतक, लोटते तुम फिर रहे थे, हाथ... Hindi · गीत 2 1 138 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Nov 2022 · 1 min read #अतिथि_कब_जाओगे?? #अतिथि_कब_जाओगे?? ___________________???____________________ आगत बस दो-चार दिनों का, निपट रहे तड़पाओगे। बस इतना वर दो मुख खोलो, बोलो कब तुम जाओगे।। सदियों से आतिथ्य निभाने, की अपनी परिपाटी है। मान अनन्तर... Hindi · गीत · हास्य रस 1 209 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Oct 2022 · 2 min read तम भरे मन में उजाला आज करके देख लेना!! तम भरे मन में उजाला आज करके देख लेना!! _________________________________________ तम भरे मन में उजाला आज करके देख लेना, उत्सवों के दौर जीवन से कभी फिर कम न होंगे।। द्वेष... Hindi · गीत 2 391 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Oct 2022 · 1 min read सत्य सनातन पंथ चलें सब, आशाओं के दीप जलें। सत्य सनातन पंथ चलें सब, आशाओं के दीप जलें। धर्म युक्त व्यवहार सभी का, सत्य जनित हर पुण्य फले।। करो कृपा हे! रघुकुल राघव, हर मन से तम दूर रहे।... Hindi · गीत 1 204 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Oct 2022 · 1 min read पधारो नाथ मम आलय, सु-स्वागत सङ्ग अभिनन्दन।। पधारो नाथ मम आलय, सु-स्वागत सङ्ग अभिनन्दन।। _________________________________________ धनाधिप यक्ष नरवाहन, निधीश्वर विश्रवा नंदन। पधारो नाथ मम आलय, सु-स्वागत सङ्ग अभिनन्दन।। बदी शुभ कार्तिक का यह, सदा शुभ पर्व धनतेरस।... Hindi · गीत · विधाता छंद 1 580 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 14 Oct 2022 · 2 min read जयकार हो जयकार हो सुखधाम राघव राम की। जयकार हो जयकार हो सुखधाम राघव राम की। ______________________________________ दृग में बसे रघुनाथ पावन धाम हैं हर याम की। जयकार हो जयकार हो, सुखधामा राघव राम की।। हनुमान हैं जिनको... Hindi · गीत · भजन माला 1 286 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 29 Sep 2022 · 1 min read सरस्वती आरती #सरस्वती_आरती ——————----——–///--------------------------------- मन से मिटे कुविचार माँ शुभ कर्म का उपहार दे | है आरती स्वीकार कर वरदान दे माँ शारदे || हिय से लगा कर वत्स की दुविधा सदा... Hindi · गीत 2 298 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Sep 2022 · 1 min read पितृपक्ष_विशेष नमन पूजनीय पितृ हमारा आपका हम सभी का सर्वथा कल्याण करें। #पितृपक्ष_विशेष ____________________________________________ दे गये हमको धरा पर जन्म जीवन मान प्यारे। व्यक्त कर निष्ठा तू अपनी दे उन्हें सम्मान... Hindi · गीत 1 213 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Sep 2022 · 1 min read उलझनों से तप्त राहें, हैं पहेली सी बनी अब। उलझनों से तप्त राहें, हैं पहेली सी बनी अब। वेदनाएं जिन्दगी में, कर रही छाया घनी अब।। क्या घटित क्या घटने वाला, मैं करूं कैसे समीक्षा। मौत के सु-आगमन तक,... Hindi · गीत 1 188 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Sep 2022 · 1 min read #मरी_शिष्टता_बिन_बीमारी !! #मरी_शिष्टता_बिन_बीमारी !! _________________________________________ पनघट की प्रेमिल खुशबू को, निगल गई बेशर्मी भारी। खुली सड़क पर चुम्मा -चाटी, मरी शिष्टता बिन बीमारी। लाज! शर्म से पानी -पानी, देख रही युग की... Hindi · गीत 1 244 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 9 Aug 2022 · 1 min read बिहार एवं बिहारी (मेलोडी) बिहार एवं बिहारी (मेलोडी) ______________________________ हमहि बिहार हयी, हियरा के प्यार हयी । मीठ व्यवहार हयी, सुघर विचार हयी। समझी ना हमके जी गड़बड़ घोटाला-२ तनिको फुटानी ना सहाला, बिहारी... Bhojpuri · गीत · मेलोडी (लोक गीत) 6 2 507 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Aug 2022 · 1 min read #मैं_पथिक_हूँ_गीत_का_अरु, #गीत_ही_अंतिम_सहारा।। #मैं_पथिक_हूँ_गीत_का_अरु, #गीत_ही_अंतिम_सहारा।। ________________________________________ भाव की बहती धराएँ, दे रहीं हमको किनारा मैं पथिक हूँ गीत का अरु, गीत ही अंतिम सहारा।। सुरसरि में शब्दों की मैं, नित्य ही गोते लगाऊँ।... Hindi · गीत 3 1 584 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 23 Jul 2022 · 1 min read सुखला से सावन के आहत किसान बा।। सुखला से सावन के आहत किसान बा।। ____________________________________ बगली में ढेबुआ ना हो हो हो हो------ बगली में ढेबुआ ना, डेहरी में धान बा। सुखला से सावन के आहत किसान... Bhojpuri · गीत · लोकगीत 1 858 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Jun 2022 · 1 min read तुम निष्ठुर भूल गये हम को, अब कौन विधा यह घात सहें।। नमन माँ शारदे #विधा:- दुर्मिल सवैया छंद आधारित गीत विधान:- सगण आठ आवृत्ति ________________________________________________ पदचाप सुने बहु वर्ष गए, निज नैनन से जलधार बहे। तुम निष्ठुर भूल गये हम को,... Hindi · गीत 5 3 724 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 29 May 2022 · 1 min read द्वेष_लोलुपता_त्याग_हृदय_में, #दीप_जलाओ_मेरे_साथी|| विधा- गीत _______________________________________________ #द्वेष_लोलुपता_त्याग_हृदय_में, #दीप_जलाओ_मेरे_साथी|| ________________________________________________ मन भीतर जो तम फैला है, उसे मिटाओ मेरे साथी| द्वेष लोलुपता त्याग हृदय में, दीप जलाओ मेरे साथी|| माया है ठगनी ठगती है,... Hindi · गीत 3 1 547 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 8 May 2022 · 1 min read माँ मातृ दिवस की आप सभी को अनंतानंत हार्दिक शुभकामनाएँ। " सादर चरणस्पर्श माँ " 【 #माँँ 】 गीतिका छंद 2122 2122 2122 212 या ला ल लाला / ला ल... Hindi · गीत · माता पिता 5 5 541 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 May 2022 · 1 min read रे पथिक! जग में सभी कुछ, छोड़ कर जाना पड़ेगा।। रे पथिक! जग में सभी कुछ, छोड़ कर जाना पड़ेगा।। ____________ल_____________________________ दम्भ से मुख तक भरा , घट फोड़कर जाना पडे़गा। रे पथिक! जग में सभी कुछ, छोड़ कर जाना... Hindi · गीत 7 7 640 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 May 2022 · 1 min read स्वेद का, हर कण बताता, है जगत ,आधार तुम से।। #विश्व_श्रमिक_दिवस_विशेष ~~~~~~~~~~~~||||||~~~~~~~~~~~~~ खेत भी, खलिहान तुम से, और सब, व्यवहार तुम से। स्वेद का, हर कण बताता, है जगत ,आधार तुम से। तोड़ कर, पाषाण को तुम, राह निर्मित कर... Hindi · गीत 6 2 886 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 29 Apr 2022 · 1 min read अब सुप्त पड़ी मन की मुरली, यह जीवन मध्य फँसा मझधार।। 🙏 जय माँ वागीश्वरी 🙏 #विधा:- अरविंद सवैया आधारित गीत विधान:- 8 सगण + 1 लघु 112 112 112 112, 112 112 112 112 1 ~~~~~~~~~~~~~~||||||||||~~~~~~~~~~~~~~ सजना सपना गहना सपना,... Hindi · गीत 1 695 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Apr 2022 · 1 min read पितृ वंदना पितृ वंदना देव का, ही रूप शास्वत, आप ही, हैं स्वर हमारे। प्रेम का, पर्याय जग में, आप ही, ईश्वर हमारे। आप से, ही भान हमको, क्या गलत, क्या कुछ... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · गीत · माता पिता 55 94 2k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Apr 2022 · 1 min read हैं पिता, जिनकी धरा पर, पुत्र वह, धनवान जग में।। विधा-आदित्य छन्द आधारित गीत विधान-मापनीयुक्त मात्रिक छन्द, क्रमागत दो चरण समतुकांत होना अनिवार्य, 5,14,19 वीं मात्रा पर यति एवं 28 वीं पर विराम। _________________________________ स्वर्ग या, जन्नत सभी कुछ, मान... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · गीत 27 34 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 16 Apr 2022 · 1 min read प्रीति की, संभावना में, जल रही, वह आग हूँ मैं|| #विधा-आदित्य छन्द आधारित गीत #विधान-मापनीयुक्त मात्रिक छन्द, क्रमागत दो चरण समतुकांत होना अनिवार्य, 5,14,19 वीं मात्रा पर यति एवं 28 वीं पर विराम ___________________________________________ वेदना, की हर व्यथा में, व्यक्त... Hindi · गीत 3 2 817 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Apr 2022 · 1 min read शब्द बिन, नि:शब्द होते,दिख रहे, संबंध जग में। #पुनः_एक_गीत, #सादर_समीक्षार्थ ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ स्वार्थ की, बुनियाद पर, सब हो रहे, अनुबंध जग में| शब्द बिन, नि:शब्द होते, दिख रहे, संबंध जग में|| स्वांग ही, आधार बनकर, प्रीति को, छलने लगा... Hindi · गीत 5 4 604 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Apr 2022 · 1 min read स्वागत गीत आप सभी को हिंदू नूतन वर्ष एवं वासंतिक नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं _______________________________________________ वर्ष का आरंभ है नवरात्रि का आरंभ आगत। मातु के शुभ आगमन का चल करें सब मिल... Hindi · गीत 1 696 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Apr 2022 · 1 min read वेदनाओं का हृदय में नित्य आना हो रहा है, और मैं बस बाध्य होकर कर रहा हूँ आगवानी। #बहुत_दिनों_बाद_पुनः_एक_गीत_आप_सभी_के_समक्ष ~~~~~~~~~~~~~|||||||||||~~~~~~~~~~~~ वेदनाओं का हृदय में नित्य आना हो रहा है, और मैं बस बाध्य होकर कर रहा हूँ आगवानी। जन्म लेकर कोख से ही और उस पर वार करना,... Hindi · गीत 3 2 569 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 18 Mar 2022 · 1 min read दर्द की भावना से ग्रसित मीत तुम,जिंदगी की गिरह खोलते क्यूँ नहीं..!! प्रदत्त पंक्ति- दर्द की भावना से ग्रसित मीत तुम,जिंदगी की गिरह खोलते क्यूँ नहीं। ____________________________________________ प्रेम मेरा तुम्हें लग रहा छल- कपट, प्रीत निज का भला तौलते क्यूँ नहीं। दर्द... Hindi · गीत 1 679 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 16 Mar 2022 · 1 min read मोह बंधन मोह बंधन बने सब संत के जैसा , लगे दुनिया भी मनभावन। नहीं हो मोह का बंधन , तभी जीवन सरस पावन।। हृदय में है छुपा सबके , पाप अरु... Hindi · गीत 1 535 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 31 Jan 2022 · 1 min read महत्व गीतों का महत्व गीतों का ________________ निरसता एकरसता का जो, पल दो पल में क्षरण करे| गीत वहीं जो हर्ष बोध का, मन भीतर ही वरण करे|| जीवन की अनुभूति व्यञ्जना, है... Hindi · गीत 1 638 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 29 Jan 2022 · 1 min read #जन_गण_मन_की_बात_करो_मत,#करनी_है_जब_मक्कारी!! #जन_गण_मन_की_बात_करो_मत,#करनी_है_जब_मक्कारी!! ____________________________________________ जन-गण-मन की बात करो मत,करनी है जब मक्कारी| बन्धु! हमको विदित है इतना, सत्ता है तुमको प्यारी|| गिद्ध लोमड़ी श्वान सुअर या, खल श्रृंगाल कहें तुमको| देकर इतनी... Hindi · गीत 2 5 760 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Jan 2022 · 1 min read लोक_गीत (परदेशी के पीड़ा) #लोक_गीत (परदेश के पीड़ा) _________________________________________ बाँधि पीढि पर बैग ऊ बड़हन, लेई मनवाँ अरमान। आजु निकलनी दिल्ली भइया, छोड़ि खेत-खलिहान। मिली नोकरी सुनर- सुघर, आ पइसो भरपूर। येहि आस में... Bhojpuri · गीत 1 393 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Jan 2022 · 1 min read हमरे_भावे_व्यञ्जन_ओकर, दुधपुआ_हऽ_नाम..!! #विधा - गीत (छंदमुक्त) (भोजपुरी #हमरे_भावे_व्यञ्जन_ओकर, #दुधपुआ_हऽ_नाम..!! ________________________________________ हमरे भावे व्यञ्जन ओकर, दुधपुआ हऽ नाम। अगर बताइब बनी ई कइसे, दिहब का इनाम।। पहिले चाउर धोईं ओकरा, घाम में खूब... Bhojpuri · गीत 1 221 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Jan 2022 · 1 min read अजबे जमाना आइल गजबे बुझात !! विध- गीत (छंदमुक्त) अजबे जमाना आइल गजबे बुझात !! ________________________________ अजबे जमाना आइल गजबे बुझात| बढ़ल महंगाई मुंह दाँतो अब बन्हाता|| खाईं भात चोखा अब मिली नाहीं पुआ| सगरो अँहार... Bhojpuri · गीत 1 244 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Jan 2022 · 2 min read तीज- त्यौहार को छोड़कर मैं शुभे! इस बियाबान में ठोकरें खा रहा|| #सरहद_पर_प्राणों_की_आहुति_देने_को_तत्पर_हमारे_वीर_सैनिकों को मेंरा कोटि-कोटि प्रणाम _______________ #शब्दों_की_सलामी__________________ तीज- त्यौहार को छोड़कर मैं शुभे! इस बियाबान में ठोकरें खा रहा| प्रेम का पुष्प हिय में हुआ था उदित, राष्ट्र का प्रेम... Hindi · गीत 1 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Jan 2022 · 1 min read वक्ष में प्रेम के जब खिले पुष्प थे, मैं सुगंधों तले ही हुआ मुग्ध था वक्ष में प्रेम के जब खिले पुष्प थे, मैं सुगंधों तले ही हुआ मुग्ध था। प्रेम के बीज कब के हुये अंकुरित, अंश पर हल लिए मैं भटकता रहा। जोतने... Hindi · गीत 1 446 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Jan 2022 · 1 min read #मदिरा_पीकर_आये_स्वामी, #नर्कलोक_में_जाओगे| #मदिरा_पीकर_आये_स्वामी, #नर्कलोक_में_जाओगे| ===================================== मदिरा पीकर आये स्वामी, नर्कलोक में जाओगे| होंगे दूत भयानक यम के, दण्ड कठिन तुम पाओगे|| मद्यपान यह कलुष कर्म है, फिर भी तुम रहते हो रत|... Hindi · गीत 1 2 456 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Jan 2022 · 1 min read गीत _______________________________________________ उर की पीड़ा उर में रखना, समझें अपना शान यहीं| रोना भी तो छुपकर रोना, मर्दों की पहचान यहीं|| मन को बेध रही वह पीड़ा, सब अपने ही पाले... Hindi · गीत 1 460 Share Previous Page 2 Next