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Comments (34)

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14 Jun 2022 06:22 PM

वाह
धन्य हैं आप इस रचना के बूते
प्रणाम

9 Jun 2022 11:12 AM

वाह वाह भैया
बहुत बेहतरीन गीत रचना

वन्दनीय सृजन … भावपूर्ण … सुंदर कृति …आपका लेखन सराहनीय है । आदरणीय … उक्त शीर्षक पर मेरी मौलिक रचना “पिता महज एक व्यक्ति नहीं है” को अपना स्नेहाशीष प्रदान करें।
रचना पर पहुंच कर like & comment करें ।

4 Jun 2022 11:40 AM

बहुत ही सुन्दर।मेरी रचना पिता की याद भी पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया देकर मुझे कृतज्ञ करे

30 May 2022 01:32 PM

बहुत ही खुबसूरत रचना।
कृपा मेरा गुरूर है पिता रचना पढकर कृतार्थ करें।

15 May 2022 06:17 PM

बहुत ही सुन्दर लेखन आदरणीय। मुझे आपकी कृपा चाहिए। मेरी कविता”वो कोई और नहीं पिता है”को दृष्टिगोचर करने की अति महान कृपा करें

12 May 2022 07:58 PM

Sundar

हार्दिक आभार

10 May 2022 08:26 PM

दमदार लेखनी साहेब

सहृदय आभार आदरणीय श्री

सादर अभिवादन सहित नमन

पितृमहत्ता पर अतिसुंदर प्रस्तुति !
धन्यवाद !

सादर अभिवादन सहित नमन

बहुत खूबसूरत रचना

सादर अभिवादन सहित नमन

4 May 2022 11:08 AM

Behtarin

सहृदय आभार

पिता विषय पर आपकी अति सुंदर हेतु बहुत बहुत बधाई! मेरी रचना ‘कर्ज भरना पिता का न आसान है’ का अवलोकन भी अवश्य करें। यदि रचना अच्छी लगे तो आशीर्वाद स्वरूप लाइक व कमेंट भी दें।

सादर अभिवादन सहित नमन सर जी

28 Apr 2022 06:58 PM

अप्रतिम

स्नेहिल आभार

26 Apr 2022 02:26 PM

बहुत सुन्दर

सहृदय आभार मित्रवर

20 Apr 2022 10:55 AM

उत्तम प्रस्तुति आदरणीय।

सादर अभिवादन सहित नमन आदरणीया

वन्दनीय सृजन …!!

सादर अभिवादन सहित नमन सर जी

उत्कृष्ट रचना हेतु बहुत बहुत बधाई।

सादर अभिवादन सहित नमन सर जी

“हैं पिता, जिनके धरा पर, पुत्र वह, धनवान जग में।” अति सुन्दर काव्य रचना जी।

सादर अभिवादन सहित नमन आदरणीय श्री

हैं पिता, जिनके धरा पर, पुत्र वह, धनवान जग में।, बेहद लाजवाब सृजन,
आपको सादर अभिवादन

सादर अभिवादन सहित नमन आदरणीय श्री

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