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8 Jul 2022 10:13 AM

बहुत सुंदर
शाश्वत सत्य पर सुंदर सृजन।

शब्दो की तारतम्यता बेहतरीन ……
दम्भ से मुख तक भरा , घट फोड़कर जाना पडे़गा।
रे पथिक! जग में सभी कुछ, छोड़ कर जाना पड़ेगा।।

सादर अभिवादन सहित नमन आदरणीय श्री

12 May 2022 07:58 PM

Ati uttam

6 May 2022 07:41 AM

वाह वाह वाह, बहुत सुंदर सृजन

सहृदय आभार आदरणीया

5 May 2022 09:10 AM

कहने को शब्द नहीं है। बहुत सुन्दर रचना। अति उत्तम। जितनी भी तारीफ करूं कम है।

सादर अभिवादन सहित नमन आदरणीय श्री

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