Kokila Agarwal 51 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kokila Agarwal 1 Nov 2018 · 1 min read मेरी माँ माँ के आँचल की छाँव घनेरी बनी रही वो हरदम प्रहरी भरी धूप में ठहरी ठहरी माँ की बातें प्यार भरी खिड़की दरवाजे और बिछौना मेरे घर का हर इक... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 22 791 Share Kokila Agarwal 15 Sep 2017 · 1 min read -- २१२२--१२१२--२२ आ रहा है कोई पास दिल के भी आ रहा है कोई ख्वाब मेरे सजा रहा है कोई ज़िंदगी फिर से जी गये हम तो प्यार हमसे जता रहा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 453 Share Kokila Agarwal 15 Sep 2017 · 1 min read ---- इक सिवा सांस के क्या बाकी है ज़िंदगी अब भी क्यूं सताती है दरमिया अपने इक खलिश सी है वास्ता ये ही एक बाकी है ज़िंदगी की तमाम खुशियां भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 349 Share Kokila Agarwal 12 Sep 2017 · 1 min read -- २२--२२--२२--२२ आर बना नफ़रत को तू अब प्यार बना स्वर्ग धरा को ही यार बना बीच हमारे दुनिया सारी कासिद यारो को यार बना सुंदर मन सुंदर भावो का सुंदर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 421 Share Kokila Agarwal 12 Sep 2017 · 1 min read -- २१२२--२१२२--२१२२ ई है कोशिशे नाकाम तो हरदम रही है चल रहे हैं फिर भी यारो ज़िंदगी है ज़िंदगी की फ़लसफे बिंदास हैं दुख रहे या हो खुशी देखी नमी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 345 Share Kokila Agarwal 12 Sep 2017 · 1 min read -- २१२२--१२१२--२२ अर गया कब का आंख से तो उतर गया कब का जख्म सीने का भर गया कब का टूटकर दिल को अब समझ आया खेल वो खेलकर गया कब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 401 Share Kokila Agarwal 12 Sep 2017 · 1 min read --- १२२२--१२२२--१२२ अक है हमारी चाह तो बस तुम तलक है तुम्ही बोलो तुम्हे किसकी कसक है खुलेगा राज सीने में दफ़न है छुपा लेती थी जो पलके भनक है ज़माने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 614 Share Kokila Agarwal 12 Sep 2017 · 1 min read -- मापनी 221 2121 1221 212 गीत:- मिलती है ज़िन्दगी में मुहब्बत कभी कभी ?????उम्दा मिसरा की बधाई सर?? दामन पकड़ लिया तो छुड़ाया न जायेगा -------- चिलमन गिरा दिया तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 442 Share Kokila Agarwal 12 Sep 2017 · 1 min read -- २२१--१२२१--१२२१--१२२ ईर अलग है जाना ही नहीं प्यार की तो पीर अलग है ये दर्द बड़ा है मगर तासीर अलग है पर्दो ने कहा था तुम्हें आंखों की ज़ुबां से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 414 Share Kokila Agarwal 12 Sep 2017 · 1 min read -- २१२२--२१२२--२१२२--२१२ आ सकते नहीं दिल बहलता ही नहीं हम ये बता सकते नहीं प्यार में हारे हैं दिल अपना जता सकते नहीं ख्वाइशो के पर लगे थे आसमा को थी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 370 Share Kokila Agarwal 12 Sep 2017 · 1 min read -- नमन साथियो। पहली कोशिश देखिये-- दिया दहलीज का क्यूं कांपता है खुदाया दिल मेरा क्या बांचता है नई तकनीक में कुछ खो गया है खतों में कौन खुशबू डालता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 428 Share Kokila Agarwal 12 Sep 2017 · 1 min read -- १२२२--१२२२--१२२ आ रहूंगा अकेला जान घबराना नहीं तू मैं तेरे साथ बन साया रहूंगा तुम्हारी चाहतो में था हमेशा कहो तो कैसे अंजाना रहूंगा तेरी आंखो में कैसी थी शरारत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 399 Share Kokila Agarwal 12 Sep 2017 · 1 min read -- २१२२--११२२--११२२--२२ आयें कैसे जाने वाले भी भला लौटके आयें कैसे कशमकश ये है कि हम उनको भुलायें कैसे आज हम रूठ गये उनसे तो मुश्किल होगी वो भी रूठें हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 569 Share Kokila Agarwal 12 Sep 2017 · 1 min read -- २१२२--१२१२--२२ आन रख लेते हम हथेली पे जान रख लेते तुम अगर कुछ ईमान रख लेते यूं तो मैं कुछ नहीं किसी के लिये तुम ही कुछ मेरा मान रख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 420 Share Kokila Agarwal 12 Sep 2017 · 1 min read --- २२--२२--२२--२२ आ कर देखो मन की आग बुझाकर देखो दिल अपना दरिया कर देखो दोष हमीं को देते आये खुद से आंख मिलाकर देखो सागर से भी गहरी चाहत गहराई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 312 Share Kokila Agarwal 12 Sep 2017 · 1 min read गज़ल १२२-१२२-१२२-१२ आने लगी शमा दिलजलो को जलाने लगी पतंगो को यूं आज़माने लगी गले ज़िंदगी के जरा वो लगी कज़ा मुस्कुरा साथ आने लगी मिलाकर नज़र दूर तुम क्या गये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 393 Share Kokila Agarwal 12 Sep 2017 · 1 min read गज़ल २१२२--२१२२--२१२२--२१२ आना हो गया रब की थी मर्ज़ी गली में उनका आना हो गया यूं ही बस दिल को धड़कने का बहाना हो गया क्या बताऊं कितनी कमियां हैं मेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 536 Share Kokila Agarwal 12 Sep 2017 · 1 min read गज़ल २१२२--१२१२--२२ आ रहा है कोई पास दिल के भी आ रहा है कोई ख्वाब मेरे सजा रहा है कोई ज़िंदगी फिर से जी गये हम तो प्यार हमसे जता रहा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 375 Share Kokila Agarwal 9 Feb 2017 · 1 min read कफ़न मुस्कुरा जब जब बढ़ाया इक कदम तूफ़ान नज़रों में समाया दम- ब- दम घेरकर सारी दिशाओं से मुझे वक्त ने नज़रे चुराईं फिर दमन मेरा पिंजर आज भी चुपचाप है... Hindi · कविता 1 329 Share Kokila Agarwal 24 Jan 2017 · 1 min read मन कभी सोचो कि पल दो पल जियें खुद के लिये यारो कभी सोचो कि कोई हो जहाँ न हो कोई नज़र यारो कभी सोचो कि सोचो से भी मिल जाये... Hindi · कविता 2 600 Share Kokila Agarwal 23 Jan 2017 · 1 min read मैं हर लम्हा पुकारती हूं मैं.. हर लम्हा हारती हूं मैं.. समझ न आये मायने अब तक बस लम्हे संवारती हूं मैं... इक तमाशा बन गई ज़िंदगी बस जीकर गुज़ारती हूं... Hindi · कविता 1 343 Share Kokila Agarwal 16 Jan 2017 · 1 min read मैं गुज़रती हूं अंधेरो से लिये तक़दीर हाथों में बिखरती हूं सिमटती हूं लिये उम्मीद ख्वाबों में दोष किसका है किसके सर लगे बस वक्त ही जाने जीतकर धुंध से बाज़ी... Hindi · कविता 2 1 619 Share Kokila Agarwal 12 Jan 2017 · 1 min read काश मुझे भी बिटिया होती रचनाकार- Kokila Agarwal विधा- कविता काश मुझे भी बिटिया होती उसकी आंखो में खुद को जीती महकी मेरी बगिया होती मन की बाते मैं उससे करती छन से टूटा ख्वाब... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 664 Share Kokila Agarwal 9 Jan 2017 · 1 min read मन मन --- आंख खोल जब वो मुस्काया प्रथम परिचय बंदिश का पाया जैसे जैसे सम्भला जीवन खुद को तन पिंजरे में पाया देखा चारो ओर ही बंदिश समय चक्र बलशाली... Hindi · कविता 1 712 Share Kokila Agarwal 7 Jan 2017 · 1 min read काश मुझे भी बिटिया होती काश मुझे भी बिटिया होती उसकी आंखो में खुद को जीती महकी मेरी बगिया होती मन की बाते मैं उससे करती छन से टूटा ख्वाब मेरा ये तन मन भी... Hindi · कविता 2 474 Share Kokila Agarwal 4 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक ज्ञान पिपासा भोले पंछी चुग चुगके सब पान लिया आत्मसात करके हृदय में पीड़ा को जैसे जान लिया अक्षर अक्षर में बिंधी पीर थी पंछी ये न जान सके करूण... Hindi · मुक्तक 2 316 Share Kokila Agarwal 1 Jan 2017 · 1 min read गया साल गया साल हर ले गया कुछ झूठी उम्मीदो की आस जीवन का रास छोड़ गया इक गहरा सागर शब्दों का शायद सुहास इक महारास एक समर्पण निर्मल अर्पण गहरे समंदर... Hindi · कविता 1 319 Share Kokila Agarwal 30 Dec 2016 · 1 min read सत्रह छ:छ: पांच सत्रह का एक दांव शकुनि का क्या बोल गया विवश हुआ ब्रह्माण्ड लाज का घूंघट भी वो खोल गया स्वयं प्रभु के रहते कैसे ,विध्वंस की रचना रची... Hindi · मुक्तक 2 496 Share Kokila Agarwal 23 Dec 2016 · 1 min read ज़िंदगी यूं भी मिलेगी ज़िंदगी यूं भी मिलेगी ये कभी सोचा न था लम्हा लम्हा बिंध गया कतरा कतरा बिखर गया कशमकश में वक्त भी सहम सहम ठहर गया सिलवटों में अश्क अब सिमट... Hindi · कविता 1 310 Share Kokila Agarwal 23 Dec 2016 · 1 min read बांझ सुमन गर्म कपड़ो का संदूक खोले कितनी देर से बैठी थी। बेटे का पुराना लाल स्वैटर झटककर पहन लिया था दूर से आई एक आवाज , मां कार बनाना इस... Hindi · कहानी 2 347 Share Kokila Agarwal 5 Dec 2016 · 1 min read क्या करे क्या करे---- खुशी , कैसी खुशी अर्जित कर रहा था अखिल जो किसी के आंसुओं से लिखी है, जबरन किसी की जड़ो को काटने से मिली है। सुमन देर तलक... Hindi · कहानी 3 356 Share Kokila Agarwal 5 Dec 2016 · 1 min read अंतहीन यात्रा शरीर, क्या है, बस जन्म लेने का माध्यम या फिर एक सौभाग्य भी जन्म देने का। सुमन की थरथराती ऊंगलियां अपने ही शरीर को टटोलकर देखती रहीं बहुत देर तक।... Hindi · कहानी 3 1 327 Share Kokila Agarwal 5 Dec 2016 · 1 min read नंगे पांव अंजिली आखिर कितनी देर आंसुओं से तन मन भिगोती , रात कब तक अपनी परछाई से उसकी आंखो में घुलती। शायद मंदिर के घण्टे ने तीन बजाये थे, आंखे बोझिल... Hindi · कहानी 4 473 Share Kokila Agarwal 19 Nov 2016 · 1 min read जीवन साथी छीना मेरे अधिकारो को बोलो तुमने क्या पाया साथी बन यूं साथ चले साया भी साथ न आया पलट गया समय आज अब हम से तू मैं हुये हैं भावों... Hindi · कविता 4 1 630 Share Kokila Agarwal 19 Nov 2016 · 1 min read अनकही छीन मेरे अधिकारो को बोलो तुमने क्या पाया साथी बन यूं साथ चले साया भी साथ न आया पलट गया समय आज अब हम से तू मैं हुये हैं भावों... Hindi · कविता 1 420 Share Kokila Agarwal 18 Nov 2016 · 1 min read बचपन मैं अक्सर सोचती हूं रात के गहरे अंधेरो में न जाने क्यूं वो बीते पल अभी भी मुझमें ज़िंदा हैं मुझे अक्सर ही लगता है शहर शमशान हो जैसे ये... Hindi · कविता 2 327 Share Kokila Agarwal 16 Nov 2016 · 1 min read स्तब्ध छवियां तो धूमिल हो जातीं हैं पर प्रेम समर्पण अब देखा अंतर्मन भी मौन हुआ उसका ये अर्पण देखा किंकर्त्तव्यविमूढ़ सी तकती आंखें ने ये कैसा मंज़र देखा मेरे जैसा... Hindi · कविता 1 288 Share Kokila Agarwal 14 Nov 2016 · 1 min read बाल दिवस पर चलो बचपन की यादों को खुदी से बांट लूं मैं आज पलको में सजे ख्वाबो में बाबा मैं भी हूं क्या आज तुम्हें क्या याद है अब भी मेरी पहली... Hindi · कविता 1 414 Share Kokila Agarwal 12 Nov 2016 · 1 min read अंतर्द्वंद किसी का किसी पर कैसा अधिकार मैं तू से या तू मैं से जीवन्त तो नहीं कैसे मुगालते पल रहे क्यूं हम खुद को ही छल रहे निकल नहीं पाते... Hindi · कविता 1 393 Share Kokila Agarwal 9 Nov 2016 · 1 min read पत्नियो के नाम आज की रचना पत्नियों के नाम-- तिनका तिनका जोड़कर पत्नी जी मुस्काती थीं जब भी मांगे वो उनको अंगूठा दिखलाती थीं रद्दी न हो जाये कहीं अनमोल खजाना ये अपना... Hindi · कविता 1 1 434 Share Kokila Agarwal 9 Nov 2016 · 2 min read आस पांच साल बाद बेटा बहू और पोते को लेकर दिवाली पर घर आ रहा था। कुसुम बड़े मनोयोग से सब तैयारियों में जुटी थी। बाहर भीतर घर चंदन करने में... Hindi · कहानी 3 1 347 Share Kokila Agarwal 7 Nov 2016 · 1 min read चारदिवारी गुज़रते गुज़रते ज़िंदगी कहां आ गई है। सब समेटने में कब सब बिखर गया , सुमन लगातार हाथ की लकीरो में खोज रही थी। नमकीन आंखे भीतर भीतर बरस रहीं... Hindi · कहानी 3 449 Share Kokila Agarwal 7 Nov 2016 · 1 min read दोहे जीवन की ये चाकरी मुझको नहीं सुहाय थामूं बहिया अापकी मुझको लियो बुलाय तुझको सुमिरन सब करें जोगी भया न कोय मेरे मन आके बसो भोग जोग इक होय कच्ची... Hindi · दोहा 2 1 570 Share Kokila Agarwal 7 Nov 2016 · 1 min read कोहरा बहुत सोचा कि अश्को को भुला फिर मुस्कुराऊंगी कभी मुझसे कभी तुमसे गल्तियां हो ही जाती हैं न बिसरी धूप की रंगत तेरे सपने मेरे अपने न जाने कब ढली... Hindi · कविता 1 1 598 Share Kokila Agarwal 30 May 2016 · 1 min read सोच सोचती थी क्या तुम्हारी सुगंध को मेरी खुशबू रास आयेगी क्या वो उसमें समा पायेगी क्या अपने अस्तित्व को तुममें खो पायेगी हंस पड़े थे अधर नाबालिक सोच पर Hindi · कविता 1 690 Share Kokila Agarwal 30 May 2016 · 1 min read झूठ सच से क्या बोलता रहा झूठ सच से क्या बोलता रहा सच सच न रहा झूठ बन गया नफरतों की आंधियों में प्यार दुआ न हुआ टूटकर रह गया लम्हा जो मासूम था रो पड़ा... Hindi · कविता 1 565 Share Kokila Agarwal 28 May 2016 · 1 min read विलाप विलाप ये कैसा विलाप मद्धम स्वर की चीत्कारें अंतरिक्ष में खोई नज़र का रूदन अंतहीन एक औरत की मृत्यु का एक मां की मृत्यु का स्वयं पर करूणा का भयावह... Hindi · कविता 2 618 Share Kokila Agarwal 26 May 2016 · 1 min read सोच कभी कभी सोचती हूं भगवान सुनता है क्या बहुत ही छोटी होती है ये सोच सोच में बहे आंसू भी यूं ही कोई उंगली क्यूं थाम लेता है क्यूं संग... Hindi · कविता 1 507 Share Kokila Agarwal 25 May 2016 · 1 min read सोच गहराईयां कितनी समय की गर्भ में पर कुछ नहीं एक हलचल थी कहीं पर आज पर वो भी नहीं मैं कहां हूं खोज कैसी और नज़र में भी नहीं कट... Hindi · कविता 1 719 Share Kokila Agarwal 25 May 2016 · 1 min read सुप्रभात इतने बरस में हमने जाना हार जीत बेमानी है बस में अपने कुछ नहीं है समय रेत या पानी है Hindi · कविता 1 491 Share Page 1 Next