Bhartendra Sharma Language: Hindi 76 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Bhartendra Sharma 2 Feb 2021 · 5 min read अधूरा पर पूर्ण प्यार ना कवि ना कोई लेखक हूँ, पर कुछ पंक्ति लिख लेता हूं.. ना रस लोलूप भंवरे जैसा पर सौम्य कली लख लेता हूं.. जीवन का मार्ग अनिश्चित है, इसमें कुछ... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 29 165 940 Share Bhartendra Sharma 7 Jan 2021 · 1 min read मेरी बेटी प्यारी बेटी क्या है क्यों है और कैसी है.. चंदन की खुस्बू जैसी है.. मेरी बेटी प्यारी बेटी। मम्मा उसको दिनभर टोके.. पर मंदिर की घंटी के जैसे.. वो दिनभर बजती रहती... Hindi · कविता 6 16 580 Share Bhartendra Sharma 2 Mar 2021 · 1 min read नारी *नारी* नारी क्या है जटिल पहेली खुद भी खुद को नहीं जानती.. सबला है पर जानबूझकर, खुद को सबला नहीं मानती... सृजन उसी से पोषण उससे पालन भी उसके ही... Hindi · कविता 1 540 Share Bhartendra Sharma 2 Jan 2021 · 1 min read क्या है तुम में क्या है तुम में जो पाने को मैं पागल सा हो जाता हूं... तुम्हें देखकर ना जाने क्यूं अपने से ही खो जाता हूं... भीगी पलकों के अंतर से नयनों... Hindi · कविता 4 5 577 Share Bhartendra Sharma 7 Feb 2021 · 2 min read मेरा गांव मेरा गांव (कितने हसीन थे) कच्ची दीवारों पर छप्पर पड़े थे... थे घर छोटे छोटे पर दिल के बड़े थे... वो आमों की बगीयां वो सावन के झूले.. वो कपड़े... Hindi · कविता 2 1 523 Share Bhartendra Sharma 1 Apr 2021 · 2 min read मूर्ख दिवस मूर्ख दिवस क्यों बनाते हो हमें मूर्ख आज बस एक दिन, हम तो पीढ़ियों से अनवरत बना रहे हैं मूर्ख स्वयं को... और समझकर खुद को समझदार पालते हैं वहम... Hindi · कविता 3 541 Share Bhartendra Sharma 22 Mar 2021 · 1 min read कविता अंतरराष्ट्रीय कविता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। इस अवसर पर मेरी एक कविता अंतर्मन के भावों का सुप्त और जागृत ख्वाबों का, अंबर की नीली स्याही से सृजित धरा पर एक... Hindi · कविता 1 2 507 Share Bhartendra Sharma 9 Mar 2021 · 1 min read महिला दिवस महिला दिवस पर स्वरचित रचना ना तब भी कमजोर थी ना अब कमतर कौम... तब काली का रूप थी अब भी मेरीकॉम... अब भी मेरीकॉम किरण बेदी और अरुधंती... जब... Hindi · कविता 2 1 538 Share Bhartendra Sharma 6 Mar 2021 · 1 min read मुक्तक दिल लेने या देने की चीज नहीं है, ये तो बस खुद के लिए खुद को मिला होताहै.... फिर न बैचेनी न जुदाई, बेरुखी ना नफरत, महक लिए गुलशन सा... Hindi · मुक्तक 1 482 Share Bhartendra Sharma 26 Mar 2021 · 1 min read होली - 1 होली - 1 नव तरुणी मधु से भरी हुई, जब निकल निकट से जाती हो... नव यौवन की खुशबू बिखेर, सब तितर-बितर कर जाती हो... कृश तनु पर अति बोझिल... Hindi · गीत 469 Share Bhartendra Sharma 12 Feb 2021 · 1 min read चुंबन दिवस चुंबन दिवस Happy kiss day मोहब्बत की कशिश इतनी, नशे में झूम लेता हूँ... आलम बेबफाई, बेरुख़ी का है, जलेमन घूम लेता हूँ... फ़साद बेबात हैं, बेबात हैं धरने और... Hindi · मुक्तक 7 4 495 Share Bhartendra Sharma 16 Mar 2021 · 1 min read मुक्तक युगों युगों तक चिंतन करते, तब कुछ लम्हे लिख पाते हैं... कुछ यादों को ही लिख पाते, लेकिन जीवन रह जाते हैं... कलम रेतते, स्याही भरते, लिखने की कोशिश भी... Hindi · मुक्तक 4 440 Share Bhartendra Sharma 5 Feb 2021 · 1 min read मुक्तक-रोपा रिश्ता हम चाहें मिले वो जरूरी नहीं... मिलकर भी साथ दे ये जरूरी नहीं... कुछ अपना मुकद्दर कुछ उनका हिसाब, रोपा रिश्ता भी महके जरूरी नहीं... भारतेन्द्र शर्मा (भारत) धौलपुर Hindi · मुक्तक 3 4 465 Share Bhartendra Sharma 11 Feb 2021 · 1 min read अपना घर भरतपुर राजस्थान में लावारिस, शारीरिक एवं मानसिक अस्वस्थ लोगों की देखरेख हेतु संचालित "अपनाघर" का अवलोकन किया तो ये कविता लिखी:- मावस के घुप्प अंधेरे में, रोती आवाजें आती हैं...... Hindi · कविता 7 11 427 Share Bhartendra Sharma 3 Mar 2021 · 1 min read मैं पुरुष रूप में वरगद हूं..पार्ट-7 मैं पुरुष रूप में वरगद हूं..पार्ट-6 भीतर से हूं निरा खोखला, बाहर दिखता गदगद हूँ… मिथ्या कहते है सबल श्रेष्ठ, मैं पुरुष रूप में वरगद हूँ… मैं वरगद हूँ, मैं... Hindi · कविता 1 4 406 Share Bhartendra Sharma 31 Mar 2021 · 1 min read अन्तर्मन की बातें अन्तर्मन की बातें भीतर की सीलन में सड़ती, लेकिन नहीं सुखाई जाती... अन्तर्मन की बातें अक्सर, ना सबसे बतियाई जातीं... रहते सदा भीड़ के अंदर पर अंदर से निपट अकेले...... Hindi · कविता 1 1 404 Share Bhartendra Sharma 14 Jan 2021 · 1 min read मैं और तुम हैं साथ साथ चरखी और पतंग से मैं और तुम हैं साथ साथ चरखी और पतंग से... बंध में बंधे हुए इसलिए सधे हुए एक महीन तंग से... जब भी तुम चाहती हो उड़ना में देता हूं... Hindi · कविता 4 3 396 Share Bhartendra Sharma 15 Jan 2021 · 1 min read गजल लाख समझो मुझे तुम खिलौना कोई.. पर मुझे है शिकायत न शिकवा कोई.. याद आते हो क्यों ये पता भी नहीं.. हो हकीकत में तुम या हो सपना कोई.. छोडकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 1 400 Share Bhartendra Sharma 22 Feb 2021 · 1 min read आज का युग ऐतबार की बातें प्यार वफ़ा और पाक दोस्ती सम्भव है क्या... आज का युग ऐतबार की बातें संभव है क्या... अगर किसी को दिल के भीतर चोर दिख रहा, अपने दिल को चीर... Hindi · मुक्तक 1 409 Share Bhartendra Sharma 9 Feb 2021 · 1 min read ऐतबार चेहरे से तो समझदार लगते हो फिर भी इकरार कर बैठे.. इस बेरंग फरेबी दुनिया में प्यार का इजहार कर बैठे.. तोड़ कर जोड़ लो भारत, हर चीज दुनिया की... Hindi · मुक्तक 4 1 419 Share Bhartendra Sharma 9 Feb 2021 · 1 min read आरक्षण आरक्षण माँ बच्चों में भेद करेगी समुचित पोषण कैसे होगा... सबसे सम व्यवहार ना होगा इकरस तोषण कैसे होगा... राष्ट्र सभी को है एक जैसा कौम भेद स्वीकार नहीं है...... Hindi · कविता 5 13 385 Share Bhartendra Sharma 13 Feb 2021 · 1 min read Happy Hug Day Happy Hug Day बसंती पाख में जाना नामुमकिन ख्वाब है पाला... हसीं सपनों की हाला से लबालब आंख का प्याला... यदि ना तुम कल्पना होती अगर होती हकीकत में, तुम्हें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 374 Share Bhartendra Sharma 1 Jan 2021 · 1 min read अभिनंदन 2021 स्वरचित अभिनंदन 2021 प्यारे नूतन वर्ष तुम्हारा अभिनंदन ... गत से पीड़ित हम तुम्हारा सादर वंदन ... क्रूर 20 ने हमको बेरहमी से रौंदा कितना सस्ता हुआ हमारी जान का... Hindi · कविता 6 4 352 Share Bhartendra Sharma 19 Jan 2021 · 1 min read शायरी सी कविता सी शायरी सी कविता सी अंबुज सी खिली हुई भोली सी चंचल सी लकुटी सी काया पर जुल्फ घनी उपवन सी कामिनी वह भोली सी सोम्य पथगामिनी है… शायरी सी कविता... Hindi · कविता 4 5 360 Share Bhartendra Sharma 14 Mar 2021 · 1 min read पहली मुलाकात पहली मुलाकात अगर उस शाम बरसात नहीं होती... पहली मुलाकात यूं खास नहीं होती... तुम्हारा लाल साइकल पर इतरा कर हवा होना.. तुम्हीं थी मर्ज कॉलेज में तुम्हारा ही दवा... Hindi · कविता 3 363 Share Bhartendra Sharma 11 Mar 2021 · 1 min read शिव मुक्तक जीवन इतना सरल नहीं है, जब बहुतों ने भरमाया... इस जीवन से मृत्यु सरल है, तरह तरह से बतलाया... दुनियां भ्रम है दीप्ति अगन है, घोर निराशा छाया तम है,... Hindi · मुक्तक 1 2 366 Share Bhartendra Sharma 8 Jan 2021 · 1 min read यूं घुट जाना ठीक नहीं है जीवनोत्सव की सुखद घड़ी में, मन तन व हर पल रोमांचित होता है.. यादों की लडियों स्मृतियों में, स्वप्निल सा सबकुछ संचित रहता है.. भीड़भाड़ से दूर अकेले यूं बैठे... Hindi · कविता 4 10 353 Share Bhartendra Sharma 1 Jan 2021 · 1 min read अलविदा 2020 स्वरचित अलविदा 2020 कर लेते हैं तय कुछ नए मकसद ज़िन्दगी के, न भेद पाये जो निशाने अब वो पीछे छोड़ देते हैं... देर से ही सही पर दस्तूरे जहां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 4 348 Share Bhartendra Sharma 10 Feb 2021 · 1 min read किसी टैडी वियर जैसी किसी अहसास की दुनियाँ के इक़ दिकलश नगर जैसी... बड़ी मासूम सी हो तुम मुहब्बत के असर जैसी... तुम्हें जब जब भी देखूँ तो दिल करता लिपट जाऊँ, मुझे लगती... Hindi · मुक्तक 4 3 361 Share Bhartendra Sharma 3 Feb 2021 · 1 min read मुक्तक हमेशा वो ही कहे की आप कैसे हो... गीत गजल रुबाई तनहाई शरमाई महफिल या संताप जैसे हो... जो जैसी भावना रखेगा वैसा नाम देदेगा, एक खुद पर लिखो कविता... Hindi · मुक्तक 5 2 331 Share Bhartendra Sharma 5 Feb 2021 · 1 min read खुश हो लेना अच्छा है कुछ होना, कुछ ना होने से अच्छा है... कुछ होने पर, खुश हो लेना अच्छा है.. चाह बहुत कुछ, होने की रखने वालों.. थोड़े में भी, खुश हो लेना अच्छा... Hindi · मुक्तक 5 6 327 Share Bhartendra Sharma 22 Jan 2021 · 1 min read तुम क्या समझो तुम क्या समझो स्वरचित मत समझो की तुम्हें देख कर मैं जीता हूँ. या नहीं देख कर मर जाता हूँ..... या तेरे योवन सागर मे डुबकी लेने या फिर नयन... Hindi · कविता 5 9 340 Share Bhartendra Sharma 11 Feb 2021 · 1 min read Happy Promise Day जिंदगी की कशमकश का बोझ कुछ ज्यादा रहा... इश्क तेरा इंतिहा तक, पर मेरा आधा रहा... वार दी तूने जिंदगानी देह भी और रूह भी, मेरा आलम बेवजह ही, तुम... Hindi · मुक्तक 6 4 327 Share Bhartendra Sharma 4 Feb 2021 · 1 min read मैं पागल तुम दीवानी हो मैं पागल तुम दीवानी हो मय युक्त लवों पर मुक्त तबत्सुम, उभरे उरोज मादक थिरकन कातिल चितवन, न्यासी हो प्रकृति की या साकी कोई भरा हुआ पैमाना हो.... जुगुनू सी... Hindi · कविता 3 1 326 Share Bhartendra Sharma 4 Jan 2021 · 1 min read दोस्ती शाम सी नहीं होती दोस्ती दोस्त से होती है किसी नाम से नहीं होती... रूह से रूह का मिलन है ये किसी काम से नहीं होती... गलत क्या है और सही किसे कहते है... Hindi · कविता 4 1 325 Share Bhartendra Sharma 30 Dec 2020 · 1 min read तुमने कभी लिखे तो नहीं तुमने कभी लिखे तो नहीं पर उन खतों को पढ़ लेता हूं... जो तुमने कभी देखे नहीं ख्वाब हसीन गढ़ लेता हूं... तुम जो तुम हो, क्या पता है तुमको... Hindi · कविता 9 12 321 Share Bhartendra Sharma 3 Feb 2021 · 1 min read भ्रष्टाचार चाहे जितना जोर लगा लो, कितना भी जन गण मन गा लो... कितनी भी योजना बना लो, समिति बना लो, बजट बना लो... भारत आगे नहीं बढ़ेगा जब तक छिद्र... Hindi · कविता 6 4 332 Share Bhartendra Sharma 5 Jan 2021 · 1 min read सबको खुश रख पाना सम्भव है क्या हर पल सबको खुश रख पाना क्या ये संभव हो सकता है... तो बेपरवाह होकर जी पाना भी क्या संभव हो सकता है... जीवन इतना सरल नहीं है अक्सर सभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 5 318 Share Bhartendra Sharma 4 Feb 2021 · 1 min read वर्षात और फिर रात यदि वर्षात हो फिर रात हो तुम साथ हो तो क्या बात हो ज़ुल्फों से पानी टपकता हो तुम्हारे गाल पर आकर अटकता हो यौवन शिखरों पर गिर कर के... Hindi · कविता 3 1 328 Share Bhartendra Sharma 13 Jan 2021 · 2 min read जीवन इतना कठिन नहीं है जीवन इतना कठिन नहीं था जितना हमने बना लिया है... जब लक्ष्य नहीं कोई निश्चित राहों को क्यों बुना गया है... पता नहीं है क्या है पढ़ना, जो है पढ़ना... Hindi · कविता 3 1 319 Share Bhartendra Sharma 14 Feb 2021 · 1 min read प्रेम शहादत दोनों का दिन प्रेम शहादत दोनों का दिन प्यार प्रेम, उत्सर्ग शहादत सब अपनाओ आज दोस्तो... प्रेम - शहादत दोनों का दिन आज मनाओ खाश दोस्तो... प्रेम नहीं होगा यदि दिल में तो... Hindi · कविता 4 330 Share Bhartendra Sharma 8 Feb 2021 · 1 min read ये देश हमारा है ये देश हमारा है हम हिन्दुस्तानी हैं ये देश हमारा है... ये गर्व हमारा है हमें जान से प्यारा है... इतिहास बताता है हम बहुत घट चुके हैं सदियों से... Hindi · कविता 3 1 324 Share Bhartendra Sharma 17 Feb 2021 · 1 min read नेह और उत्सर्ग कहां से लाएंगे अपना ही सुख अपना ही हित, बैठ गया उर अन्तर में, रघुकुल जैसा नेह और उत्सर्ग कहां से लाएंगे... काव्य लेखनी कुंठित होगी, और सृजन होगा अवरुद्ध, कैसे तुलसी वाल्मीक... Hindi · मुक्तक 1 331 Share Bhartendra Sharma 26 Feb 2021 · 1 min read मैं पुरुष रूप में वरगद हूं..पार्ट_4 भीतर से हूं निरा खोखला, बाहर से दिखता गदगद हूं... मिथ्या कहते है सबल श्रेष्ठ, मैं पुरुष रूप में वरगद हूं... मैं वरगद हूं, मैं वरगद हूं, मैं वरगद हूं,... Hindi · कविता 2 9 329 Share Bhartendra Sharma 12 Mar 2021 · 1 min read मुक्तक दिल जीतने की चाह में जीता चला गया... अपमान के हर जहर को पीता चला गया... सोचा यही था प्यार के बदले मिलेगा प्यार, भारत उस दर से बेकदर रीता... Hindi · मुक्तक 2 2 315 Share Bhartendra Sharma 10 Feb 2021 · 1 min read वर्षों से दफन राज बता देता हूँ अपने दिल पर पड़ा पर्दा, आज उठा देता हूँ... सीने में वर्षों से दफन राज बता देता हूँ... गीत गज़ल शायरी व शृंगार मैं जानता ही नहीं, बस तुम पर... Hindi · मुक्तक 6 9 328 Share Bhartendra Sharma 17 Mar 2021 · 1 min read मिलन *शीर्षक:_मिलन* खूब दौलत मिली खूब शोहरत मिली, जहां में जो आए बहुत कुछ मिला.. तन व यौवन मिला, पुष्प जीवन खिला, गर कुछ कम मिला, कभी सब कुछ मिला.. कम... Hindi · गीत 2 317 Share Bhartendra Sharma 9 Jan 2021 · 1 min read हम लिखें वो ही समझो जरूरी नहीं हम लिखें कोई पढ़े ये तो जरूरी नहीं... पढ़ भी ले और उसे समझे जरूरी नहीं... समझ अपनी - अपनी है अपना दिमाग, जो लिखें वही समझे जरूरी नहीं... दुनिया... Hindi · कविता 4 4 298 Share Bhartendra Sharma 30 Mar 2021 · 1 min read अब तलक छला नहीं खुद लिख के जी ली जिंदगी अब जिंदगी से गिला नहीं.. पढ़ भी इस क़दर लिया कि तू घुट्टी नई पिला नहीं.. कविता में प्रेम कर लिया चाहे रूबरू मिला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 304 Share Bhartendra Sharma 18 Feb 2021 · 1 min read मुक्तक अपना ही सुख अपना ही हित, बैठ गया उर अन्तर में, रघुकुल जैसा नेह और उत्सर्ग कहां से लाएंगे... काव्य लेखनी कुंठित होगी, और सृजन होगा अवरुद्ध, कैसे तुलसी वाल्मीक... Hindi · मुक्तक 2 305 Share Page 1 Next