साधुवाद।
आभार
बहुत अच्छी रचना ? कृपया मेरी रचना को पढ़ें और वोट करने कृपा करें ?
आभार। अवश्य आदरणीया।
बहुत बहुत आभार।
जिस दिन जमीनी स्तर पर किसी प्रतिभावान चमार के पैर छूने में ऊची जाति वालो की हिचकिचाहट खत्म हो जायेगी
उसी दिन आरक्षण खत्म हो जायेगा
आरक्षण हटाने की बात करते हैं
जमीनी स्तर के जातिप्रथा हटाने की क्यो बात नहीं की जाती
धन्यवाद ??
आपके चिंतन को सादर नमन।
जिस दिन ब्राह्मण क्षत्रिय का बच्चा किसी बुजुर्ग चमार के पैर छूने लगेगा तभी जाकर जातिप्रथा का जहर खत्म हो और आरक्षण भी
मेरे ख्याल से बुजुर्ग का पैर छूना और आशीर्वाद लेना अच्छी बात है और धार्मिक भी
धन्यवाद ??
महर्षि रैदास और महारानी भक्तिमती मीरा से अधिक श्रेष्ठ उदाहरण क्या हो सकता है। ज्ञान , सम्मान, और संस्कार का संबंध किसी जाति विशिष्ट से नहीं है।
अतिसुंदर संदेशपूर्ण यथार्थ प्रस्तुति !
साधुवाद ! ?
बस प्रयास है आदरणीय। आपके स्नेह के लिए आभार।
बहुत सुंदर रचना है।महोदय मेरी रचना अमर प्रेम (सवैया) का अवलोकन कर एक वोट देकर सहयोग देने की कृपा करें , धन्यवाद। ।
बहुत उम्दा । मेरी रचना “अधूरा पर पूर्ण प्यार” का भी अवलोकन करें और अच्छा लगे तो तो अवश्य वोट करें। Voted