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Comments (4)

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27 Jan 2021 03:54 PM

समझ अपनी – अपनी है अपना दिमाग,
जो लिखें वही समझे जरूरी नहीं
बहुत खूब

27 Jan 2021 03:46 PM

अद्भुत

बहुत ही खूबसूरत लिखा आपने। लेखक की अपनी एक उदात्त सोच होती है । यदि पाठक भी रुचि रखे तो रचना सार्थक हो जाती है। बहुत बधाई।

9 Jan 2021 10:51 PM

बहुत बहुत आभार सोनी जी। आपकी टिप्पणी 1 नई ऊर्जा देती है।

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