भावपूर्ण सृजन मन को छू गया
आभार लक्ष्मी जी। आपकी शुभेच्छा मुझे प्रेरणा देगी।
नहीं बोलना नहीं बताना रहना सबसे दूर अकेले यूं चुप रहना ठीक नहीं है. आपकी कविता की इस पंक्ति ने मन मोह लिया बहुत ही सुंदर रचना आपके द्वारा प्रस्तुत की गई. आशा करता हूं आप आगे भी ऐसी ही कविता लिखते रहें. धन्यवाद
शेट्टी जी आपकी प्रतिक्रिया ने मुझे नई ऊर्जा दी है। बहुत बहुत धन्यवाद्।
भारतेन्द्र जी आप अच्छा लिख रहे हैं । अंतर्मन की भावनाएं व्यक्त करने के लिए कोई भी विधा माध्यम हो सकती है , फिर यह कदापि महत्त्व नहीं रखता कि आप किस विषय के छात्र रहे हैं। साहित्य लेखन के लिए बस इतना ही पर्याप्त है कि आपके पास भाव हों और भाषा अच्छी हो । वाणिज्य के विद्यार्थी होकर भी आप अच्छा सृजन कर रहे हैं। बधाई। मेरी कविता कोरोना का भी अवलोकन कर अपनी शुभकामनाएं दें। धन्यवाद।
बहुत बहुत आभार सोनी जी
आपकी सृजित कोरोना भी बहुत उत्कृष्ट कृति है
अंतर्मन के उमड़ते भावों की अतिसुंदर प्रस्तुति।
धन्यवाद !
बहुत बहुत आभार। आपकी प्रेरणा ऐसे ही सदैव मिलती रहे।
बहुत सुंदर