Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2021 · 1 min read

भ्रष्टाचार

चाहे जितना जोर लगा लो, कितना भी जन गण मन गा लो…
कितनी भी योजना बना लो, समिति बना लो, बजट बना लो…

भारत आगे नहीं बढ़ेगा जब तक छिद्र नहीं रोकेंगे…
नाव डूब जानी है निश्चित यदि जल श्रोत नहीं रोकेंगे…

भ्रष्टाचार जड़ों में फैला लोकतंत्र बेमतलब का है,
पैसा है तो लोकसभा में अपने हित के प्रश्न पूछा लो…
कितनी भी योजना बना लो, समिति बना लो, बजट बना लो…

अभी बनी थी सड़क मगर ये फिर क्यों खुद गई पता नहीं है..
गढ्डों में गिर गिर के कितनी दुनिया उजड़ी पता नहीं है…

मोटा वेतन किन्तु कमीशन, कितना मिल गया सभी पता है,
मरते हैं तो मर जाने दो चाहो तो बस जांच करा लो….
कितनी भी योजना बना लो, समिति बना लो, बजट बना लो…

सेबी, इरडा, ईसीआई, लोकायुक्त नीयत नहीं है सब बेमानी…
रिश्वत, रुतबा और कमीशन की अड्डा हैं सब रजधानी…

बाहर तो सब मिलकर खाएं, मौज मनाएं, रास रचाएं,
असेम्बली और पार्लियामेंट में जनता को हुड़दंग दिखा लो…
कितनी भी योजना बना लो, समिति बना लो, बजट बना लो…

भारतेन्द्र शर्मा “भारत”
धौलपुर, राजस्थान
मो.94914307564

Language: Hindi
6 Likes · 4 Comments · 328 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
युग बीते और आज भी ,
युग बीते और आज भी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
13) “धूम्रपान-तम्बाकू निषेध”
13) “धूम्रपान-तम्बाकू निषेध”
Sapna Arora
राखी है अनमोल बहना की ?
राखी है अनमोल बहना की ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ़
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ़
Neelam Sharma
सीख ना पाए पढ़के उन्हें हम
सीख ना पाए पढ़के उन्हें हम
The_dk_poetry
दुआ सलाम
दुआ सलाम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Love is a physical modern time.
Love is a physical modern time.
Neeraj Agarwal
हमेशा..!!
हमेशा..!!
'अशांत' शेखर
ਦਿਲ  ਦੇ ਦਰਵਾਜੇ ਤੇ ਫਿਰ  ਦੇ ਰਿਹਾ ਦਸਤਕ ਕੋਈ ।
ਦਿਲ ਦੇ ਦਰਵਾਜੇ ਤੇ ਫਿਰ ਦੇ ਰਿਹਾ ਦਸਤਕ ਕੋਈ ।
Surinder blackpen
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
Vivek Mishra
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
माँ तेरे चरणों
माँ तेरे चरणों
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बड्ड यत्न सँ हम
बड्ड यत्न सँ हम
DrLakshman Jha Parimal
(7) सरित-निमंत्रण ( स्वेद बिंदु से गीला मस्तक--)
(7) सरित-निमंत्रण ( स्वेद बिंदु से गीला मस्तक--)
Kishore Nigam
"सुर्खियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
ओझल तारे हो रहे, अभी हो रही भोर।
ओझल तारे हो रहे, अभी हो रही भोर।
surenderpal vaidya
हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है
हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है
Utkarsh Dubey “Kokil”
आदिशक्ति वन्दन
आदिशक्ति वन्दन
Mohan Pandey
अजीब है भारत के लोग,
अजीब है भारत के लोग,
जय लगन कुमार हैप्पी
आऊँगा कैसे मैं द्वार तुम्हारे
आऊँगा कैसे मैं द्वार तुम्हारे
gurudeenverma198
■ नाकारों से क्या लगाव?
■ नाकारों से क्या लगाव?
*Author प्रणय प्रभात*
*करता है मस्तिष्क ही, जग में सारे काम (कुंडलिया)*
*करता है मस्तिष्क ही, जग में सारे काम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बना रही थी संवेदनशील मुझे
बना रही थी संवेदनशील मुझे
Buddha Prakash
मेरा स्वप्नलोक
मेरा स्वप्नलोक
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मन का आंगन
मन का आंगन
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
ती सध्या काय करते
ती सध्या काय करते
Mandar Gangal
"रिश्ता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
भूले से हमने उनसे
भूले से हमने उनसे
Sunil Suman
नारी हूँ मैं
नारी हूँ मैं
Kavi praveen charan
2939.*पूर्णिका*
2939.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...