Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

वज़्न — 2122 2122 212 अर्कान – फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम – बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ़

काफिया – “आये” की बंदिश
रदीफ़ – बहुत
ग़ज़ल
21 2 2 2122 212
ख़्वाब बनकर याद वो आये बहुत।
अश्क़ आँखों से छलक जाये बहुत।

दूरियाँ तो रास अब आती नहीं,
ये जुदाई हमको तड़पाये बहुत।

रोग ये कैसे मेरे दिल को लगा,
पहले-पहले हम भी घबराये बहुत।

इश्क़ का इज़हार जब से कर गये,
हम अकेले में भी शरमाये बहुत।

लौटआना इस कदर मुमकिन नहीं,
अब तो आगे हम निकल आये बहुत।

नीलम शर्मा ✍️

1 Like · 22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
एक हमारे मन के भीतर
एक हमारे मन के भीतर
Suryakant Dwivedi
"खिलाफत"
Dr. Kishan tandon kranti
Growth requires vulnerability.
Growth requires vulnerability.
पूर्वार्थ
सवाल~
सवाल~
दिनेश एल० "जैहिंद"
अपना घर
अपना घर
ओंकार मिश्र
मज़दूर
मज़दूर
Shekhar Chandra Mitra
आपको दिल से हम दुआ देंगे।
आपको दिल से हम दुआ देंगे।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बाल कविता: मदारी का खेल
बाल कविता: मदारी का खेल
Rajesh Kumar Arjun
अपने किरदार में
अपने किरदार में
Dr fauzia Naseem shad
* शक्ति है सत्य में *
* शक्ति है सत्य में *
surenderpal vaidya
ज़िंदगी जीने के लिये क्या चाहिए.!
ज़िंदगी जीने के लिये क्या चाहिए.!
शेखर सिंह
इक बार वही फिर बारिश हो
इक बार वही फिर बारिश हो
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
सुप्त तरुण निज मातृभूमि को हीन बनाकर के विभेद दें।
सुप्त तरुण निज मातृभूमि को हीन बनाकर के विभेद दें।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
तूफ़ान और मांझी
तूफ़ान और मांझी
DESH RAJ
ସାଧୁ ସଙ୍ଗ
ସାଧୁ ସଙ୍ଗ
Bidyadhar Mantry
शाकाहारी बने
शाकाहारी बने
Sanjay ' शून्य'
2245.
2245.
Dr.Khedu Bharti
इस्लामिक देश को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी देश के विश्वविद्या
इस्लामिक देश को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी देश के विश्वविद्या
Rj Anand Prajapati
अभिनंदन डॉक्टर (कुंडलिया)
अभिनंदन डॉक्टर (कुंडलिया)
Ravi Prakash
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
झरोखा
झरोखा
Sandeep Pande
आप और हम जीवन के सच
आप और हम जीवन के सच
Neeraj Agarwal
जितनी तेजी से चढ़ते हैं
जितनी तेजी से चढ़ते हैं
Dheerja Sharma
किया पोषित जिन्होंने, प्रेम का वरदान देकर,
किया पोषित जिन्होंने, प्रेम का वरदान देकर,
Ravi Yadav
डर से अपराधी नहीं,
डर से अपराधी नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दुखता बहुत है, जब कोई छोड़ के जाता है
दुखता बहुत है, जब कोई छोड़ के जाता है
Kumar lalit
विटप बाँटते छाँव है,सूर्य बटोही धूप।
विटप बाँटते छाँव है,सूर्य बटोही धूप।
डॉक्टर रागिनी
पूजा
पूजा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
पुष्पों का पाषाण पर,
पुष्पों का पाषाण पर,
sushil sarna
Loading...