Comments (4)
5 Feb 2021 04:31 PM
जीवन सत्य बधाई।
Bhartendra Sharma
Author
5 Feb 2021 06:04 PM
आभार श्रीमान
हम मिले न मिले मन मिल जाए।
दिल की बगिया में सुमन खिल जाए।
रिश्ता बना रहे ऐसा, चाहे पास में न हो पैसा।
जख्म एक दूसरे के सिल जाएं।।
*अनुनय*प्रणाम आदरणीय!
बहुत बहुत सुंदर। मेरी नकारात्मक रचना में भी अपने सकारात्मक्ता के पंख लगा दिये। आपको भी सादर नमन ।