Comments (9)
27 Jan 2021 03:48 PM
उत्तम
23 Jan 2021 10:39 AM
चंबल के भीहड़ों में भी मोहब्बत की हवा चलने लगी है , सियासत की नफरत सुपारी किसको देगी ..???
Bhartendra Sharma
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23 Jan 2021 02:00 PM
आभार प्रशांत जी। हम तो कान्हा की कर्मस्थली में जन्मे हैं मुहब्बत तो विरासत में है।
Bhartendra Sharma
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23 Jan 2021 02:02 PM
इन बीहड़ों में रहकर अब तो भय से परे हैं।
22 Jan 2021 02:08 PM
बहुत सुंदर प्रस्तुति
Bhartendra Sharma
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22 Jan 2021 07:46 PM
बहुत बहुत आभार आपकी स्नेह मय प्रेरणा के लिए
प्रेमरस उद्वेलित अतिसुंदर प्रस्तुति !
धन्यवाद !
बहुत बहुत आभार। मैंने आपकी रचना को मत दे दिया है।
मैंने अभी अपनी रचना पोस्ट नहीं की है। विदित हो।