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Comments (9)

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प्रेमरस उद्वेलित अतिसुंदर प्रस्तुति !

धन्यवाद !

2 Feb 2021 07:48 PM

बहुत बहुत आभार। मैंने आपकी रचना को मत दे दिया है।

मैंने अभी अपनी रचना पोस्ट नहीं की है। विदित हो।

27 Jan 2021 03:48 PM

उत्तम

चंबल के भीहड़ों में भी मोहब्बत की हवा चलने लगी है , सियासत की नफरत सुपारी किसको देगी ..???

23 Jan 2021 02:00 PM

आभार प्रशांत जी। हम तो कान्हा की कर्मस्थली में जन्मे हैं मुहब्बत तो विरासत में है।

23 Jan 2021 02:02 PM

इन बीहड़ों में रहकर अब तो भय से परे हैं।

बहुत सुंदर प्रस्तुति

22 Jan 2021 07:46 PM

बहुत बहुत आभार आपकी स्नेह मय प्रेरणा के लिए

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