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बचपन के सबसे प्यारे दोस्त से मिलने से बढ़कर सुखद और क्या हो
बचपन के सबसे प्यारे दोस्त से मिलने से बढ़कर सुखद और क्या हो
इशरत हिदायत ख़ान
रातों की तन्हाई में
रातों की तन्हाई में
इशरत हिदायत ख़ान
पता नही क्यों लोग चाहत पे मरते हैं।
पता नही क्यों लोग चाहत पे मरते हैं।
इशरत हिदायत ख़ान
अपने दर्द को अपने रब से बोल दिया करो।
अपने दर्द को अपने रब से बोल दिया करो।
इशरत हिदायत ख़ान
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
इशरत हिदायत ख़ान
हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
इशरत हिदायत ख़ान
सर्दी में कोहरा गिरता है बरसात में पानी।
सर्दी में कोहरा गिरता है बरसात में पानी।
इशरत हिदायत ख़ान
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
इशरत हिदायत ख़ान
आप लाख प्रयास कर लें। अपने प्रति किसी के ह्रदय में बलात् प्र
आप लाख प्रयास कर लें। अपने प्रति किसी के ह्रदय में बलात् प्र
इशरत हिदायत ख़ान
टूटे तारे
टूटे तारे
इशरत हिदायत ख़ान
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