10
posts
बचपन के सबसे प्यारे दोस्त से मिलने से बढ़कर सुखद और क्या हो
इशरत हिदायत ख़ान
रातों की तन्हाई में
इशरत हिदायत ख़ान
पता नही क्यों लोग चाहत पे मरते हैं।
इशरत हिदायत ख़ान
अपने दर्द को अपने रब से बोल दिया करो।
इशरत हिदायत ख़ान
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
इशरत हिदायत ख़ान
हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
इशरत हिदायत ख़ान
सर्दी में कोहरा गिरता है बरसात में पानी।
इशरत हिदायत ख़ान
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
इशरत हिदायत ख़ान
आप लाख प्रयास कर लें। अपने प्रति किसी के ह्रदय में बलात् प्र
इशरत हिदायत ख़ान
टूटे तारे
इशरत हिदायत ख़ान