व्यर्थ में तनाव और अवसाद में रहने से अच्छा है ब्लॉक मार दिया
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व्यर्थ में तनाव और अवसाद में रहने से अच्छा है ब्लॉक मार दिया जाए। जहाँ सह्रदयता न हो, मानसिक तारतम्य न हो। ऐसे संबंध को प्रायः समाप्त हो जाना होता है। आत्मीयता, सम्मान और अनुभूति सबसे प्रथम है। यदि किसी भी संसर्ग में इन तीन भावों का अभाव हो जाए तो संबंध का स्थाई बने रहना भी व्यर्थ हो जाता है। ऐसा संपर्क आपको नित्य ही स्ट्रेस देता है। आपकी शांति भंग करता है। मानसिक कुशाग्रता मनुष्य का पहला ध्येय होना चाहिए। ऐसे लोग, जो अनुभूति हीन हों। मान और प्रतिष्ठा को व्यवहार में न लाते हों। उग्र स्वभाव और असभ्य हों तो ऊचित है ऐसे लोगों से दूर रहा जाए। ऐसे लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाए। एक ब्लॉक असंख्य समस्याओं और द्वंद्व से रक्षा करता है।
– इशरत हिदायत ख़ान