किसी के आत्मसम्मान पर इतना घातक प्रहार न करो कि कुदरत खुद उस किसी के आत्मसम्मान पर इतना घातक प्रहार न करो कि कुदरत खुद उसके पक्ष में खड़ी हो जाए।