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14 Mar 2025 · 1 min read

बस

हमने जैसे ही
भीड़ भरी बस में प्रवेश किया !
एक यात्री ने
बड़ी जोर से धक्का दिया !!
हमने पूछा…
अजी मियां ! क्या गजब कर रहे है ?
एक दुबले पतले कवि को धक्का दे रहे है !!
तभी वह बोला…
हुजूर मैं आपकी परेशानी समझ रहा हूं !
किंतु क्या करूं ?
इस भीड़ भरी बस में
बामुश्किल से सांस ले रहा हूं !!
• विशाल शुक्ल

Language: Hindi
26 Views
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