समय परिवर्तनशील है

समय में बदलाव आता है सहज ही सही,
बदलाव सतत होता है सहज ही सही …
किसी ने शाश्वत कह सनातन पेटेंट किया,
वर्णाश्रम की बंद व्यवस्था में सब कैद हुआ
आतुर है समय, नियति से कदम ताल भला
व्यावसायिक व्यवहार ने स्थान प्राप्त किया
पद प्रतिष्ठा और गोपनीयता का क्षय हुआ,
समानता समाजवादी सोच से तंत्र दूर था,
करुणा शील अरहत से उन्नत समाज हुआ
शब्दों से वाक्य,जब कथा मे सार नहीं रहा,
कथनी करनी में अब सामंजस्य नहीं रहा,
कैसा वसुधैव कुटुम्बकम, कैसा विश्व-गुरु.