काल के मार से
बच सका ना कोई काल के मार से
कहां जाओगे भागे काल के प्रहार से
मर गया रे दसकंधर अहंकार से
बच सका ना कोई काल के मार से
कोई जाने नहीं, वो आये बिन बुलाये
कोई चिट्ठी न पाती, न बताए , चेताए
वो अनजान है , घण्टे , प्रहर , मास और वार से
बच सका ना कोई काल के मार से
राजा हो या रंक , संत और असंत हो
शरद , शीत, ग्रीष्म, हेमन्त, बसंत हो
सूखे में ले जाये, या भयावह बाढ़ से
बच सका ना कोई काल के मार से
सुई की नोंक से हवाओं की झोंक से
रूकता नहीं है वो किसी की रोक से
मर्जी है उनकी ले जाये , चाहे तलवार से
बच सका ना कोई काल के मार से
लिखेश्वर साहू
ग्राम-सौगा
9669874209