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6 Feb 2024 · 1 min read

समस्या ही समाधान

समस्या से समाधान
🍀☘️🙏🙏🍀☘️
पग पर पग पकड़ बनाता
झंझट बखेड़ा उलझा मन
मन मनांतर से ही बनता

रोज नूतन जटिल समस्या
वर्चस्ववाद विस्मृत करता
निकास निरस्त निदान पल

आ खड़ा हो जाता सामने
नाश विनाश भयंकर पल
बजता दुदुंम्भीवारूदीशंख

संघ का संग फूकता मृंदग
टूटता छूटता जीवन संग
बिखर जाता नगर व गांव

आन पर प्राण क्षण सर्वनाश
विनाश परखच्चे त्राहिमाम
दिल धड़कता सकल ज़हान

कस्में वादें भूल छूट टूट जाता
सोच विचार क्षण बदल जाता
उलझ सुलझ उलझन सबल

जन विकास पथ होता दुर्बल
कहने से कुछ नहीं होता
करने से सब कुछ होता है

अति प्रबल अहंग मानस में
तर्क-वितर्क विचार विमर्श ही
सुलझाता है बहुमद उलझन

समस्या जीवन में आनीजानी
प्रतिपल बनती नयी कहानी है
निदान खुशी निज मनमानी

पद मद घन घनघोर घटा
निचोड़ विचार तभी है जोड़
घमंड से कभी न सुलह हुआ

बढ़ता कलह विवाद कठोर
जन टूट बिखर जीव निरस
कुशासा विपाशा जब बढ़ता

जेलासन नजर आने लगता
सोझ समझ करना सुविचार
दुवारा ना हो ऐसा कुविचार

भाव भावना पर टिका संसार
बड़ा ना दूजा कोई भाईचारा
छोड़ समस्या करें विकास

मुसीबत से निकलता है निदान
विकास परिवर्तन जन मन आस
कृत समस्या पथ अवरोधक

सरल सरस निदान आसान नहीं
समाधान निदान से अति भारी
यही शास्वत सत्य समझें ज्ञानी

शांतिपूर्ण जीवनशैली हो कैसे
सामाजिक धार्मिक विकास
विश्वास निश्चल पवित्र हो जैसे ।
🌹🍀🙏🙏🍀🌹
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण

Language: Hindi
94 Views
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
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