Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2024 · 1 min read

हमारी शान है हिन्दी, हमारा मान है हिन्दी।

हमारी शान है हिन्दी, हमारा मान है हिन्दी।
चिरंतन मूल्य-संस्कृति का, सतत उत्थान है हिन्दी।
प्रवासी भी विदेशों में, बजाते हिन्द का डंका,
मनुज जो हिन्द के वासी, उन्हें वरदान है हिन्दी।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

1 Like · 120 Views
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all

You may also like these posts

*संस्कार*
*संस्कार*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
अनुशासन या अफ़सोस: जीवन का एक चुनाव
अनुशासन या अफ़सोस: जीवन का एक चुनाव
पूर्वार्थ
आगमन उस परलोक से भी
आगमन उस परलोक से भी
©️ दामिनी नारायण सिंह
सलाम सलाम, उन शहीदों को सलाम
सलाम सलाम, उन शहीदों को सलाम
gurudeenverma198
अबकी बार निपटा दो,
अबकी बार निपटा दो,
शेखर सिंह
शरद पूर्णिमा की देती हूंँ बधाई, हर घर में खुशियांँ चांँदनी स
शरद पूर्णिमा की देती हूंँ बधाई, हर घर में खुशियांँ चांँदनी स
Neerja Sharma
' पंकज उधास '
' पंकज उधास '
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
तुम जो आसमान से
तुम जो आसमान से
SHAMA PARVEEN
😘अभी-अभी😘
😘अभी-अभी😘
*प्रणय*
मन की बुलंद
मन की बुलंद
Anamika Tiwari 'annpurna '
गांव सदाबहार
गांव सदाबहार
C S Santoshi
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
Rj Anand Prajapati
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
Keshav kishor Kumar
मैं खुद भी सोचता हूँ ये क्या मेरा हाल है; जिसका जवाब चाहिए,
मैं खुद भी सोचता हूँ ये क्या मेरा हाल है; जिसका जवाब चाहिए,
Ritesh Deo
23/54.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/54.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*माटी की संतान- किसान*
*माटी की संतान- किसान*
Harminder Kaur
मोर मुकुट संग होली
मोर मुकुट संग होली
Dinesh Kumar Gangwar
अरे! डॉक्टर की बीवी हो
अरे! डॉक्टर की बीवी हो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रुकना नहीं चाहता कोई
रुकना नहीं चाहता कोई
Shriyansh Gupta
बाबोसा
बाबोसा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
*चलो अयोध्या रामलला के, दर्शन करने चलते हैं (भक्ति गीत)*
*चलो अयोध्या रामलला के, दर्शन करने चलते हैं (भक्ति गीत)*
Ravi Prakash
The Lost Umbrella
The Lost Umbrella
R. H. SRIDEVI
कविता -
कविता - "करवा चौथ का उपहार"
Anand Sharma
धरती का बस एक कोना दे दो
धरती का बस एक कोना दे दो
Rani Singh
दरारों में   ....
दरारों में ....
sushil sarna
प्रार्थना
प्रार्थना
Indu Singh
आया हूँ
आया हूँ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मुझे ख़्वाब क्यों खलने लगे,
मुझे ख़्वाब क्यों खलने लगे,
Dr. Rajeev Jain
नारी शक्ति
नारी शक्ति
भरत कुमार सोलंकी
स्वयं से सवाल
स्वयं से सवाल
आनन्द मिश्र
Loading...