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18 Jun 2024 · 1 min read

कुरसी महिमा धत्ता छंद

कुरसी महिमा
धत्ता छंद ६२ मात्रायें
१८/१३ के चार चरण
१८ में १०/८ पर यति
************
कुरसी महरानी,परम सयानी ,
सदा तरुण जन मन हरन ।
मन मोहनि माता, भाग्य विधाता,
नित सब जग तारन तरन।

कोउ कुटिल दरिंदा, मूरख नंदा
पाय करे जीवन सफल।
धन झूल झुलावत, पद मद लावत
सनत कीच दीखत विमल ,

जनता जयकारे, गूंजें नारे।
सुनि सुनि हो नेता मगन ।
पद से पद पावे, बढ़ता जावे।
जन प्रिय बन नायक सघन ।

सब उमर‌ बिताई,कर कविताई ,
चुन राखे आखर रतन ।
हे कुरसी मैया, भेज रुपैया।
तव महिमा गावत जतन ।

गुरू सक्सेना
13/6/24

Language: Hindi
117 Views

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