मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं,
*** सागर की लहरें....! ***
सात समंदर से ज़्यादा स्याही जो ख़ुद में समाए हो,
जीवन है रंगमंच कलाकार हम सभी
ग़ज़ल _ नहीं भूल पाए , ख़तरनाक मंज़र।
Love Is The Reason Behind
मैं रात भर मैं बीमार थीऔर वो रातभर जागती रही
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आसमां में चांद प्यारा देखिए।
फर्ज मां -बाप के याद रखना सदा।
अनुनय (इल्तिजा) हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
" समय बना हरकारा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "