Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jan 2025 · 1 min read

खिड़की पर बैठा मृदु हृदय, बाहर के शोर को भांप रहा,

खिड़की पर बैठा मृदु हृदय, बाहर के शोर को भांप रहा,
या अवसाद के दलदल में फंसा, अंदर के कोलाहल से भाग रहा।
आँखों की तन्मयता से ईश्वरीय कृतियों को, विस्मृत होकर जांच रहा,
या विखंडित मन के भंवर में डूबकर, कोरी शून्यता को ताक रहा।
शहर के झिलमिल आवरण में, ये समय असंख्य अवसरों को बाँट रहा,
या फिर स्वयं की निरंतर गति में चलकर, वो भी बस समय को काट रहा।
नयनों से झड़ते नीर की आर में, प्रेम स्वयं के अग्न को झांप रहा,
या विरह की चीखों से विचलित हो, स्थायित्व में अपने काँप रहा।
स्वतंत्र छवियों की उन्मुक्तता से, उनके मुस्कान के नभ को आंक रहा,
या स्वयं के पग की बेड़ियाँ देख, नियति के चीथड़ों को टांक रहा।
स्वप्न मिलन के सार्थक हैं पथ पर, जो चिह्न ईर्ष्या का, इस मानस पर छाप रहा,
या सुदूर सागर में कल्पना की कश्ती में, इच्छाओं के टुकड़े, यथार्थ फांक रहा।
चहचहाते पंछियों के हर्षित स्वर में, मन मलंग की लय पर नाच रहा,
या निःशब्दिता की गूंज में उठते तरंग पर, मानस इस छंद को डांट रहा।
क्षणभंगुर क्षणों की जीवंतता को, अद्भुत और अनोखा ये राग रहा,
या स्मृतियों की शाश्वतता का, कोरे आँचल पर ठहरा एक दाग रहा।
खिड़की पर बैठा मृदु हृदय, बाहर के शोर को भांप रहा,
या अवसाद के दलदल में फंसा, अंदर के कोलाहल से भाग रहा।

10 Views
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

Ranjeet Kumar Shukla- kanhauli
Ranjeet Kumar Shukla- kanhauli
हाजीपुर
उजालों की चकाचौंध में ,लोग हमें भूल जाते हैं।
उजालों की चकाचौंध में ,लोग हमें भूल जाते हैं।
Deepesh purohit
कुछ ख़ुशनसीब ऐसे हैं जो आगे किस्मत से बढ़ गए!
कुछ ख़ुशनसीब ऐसे हैं जो आगे किस्मत से बढ़ गए!
Ajit Kumar "Karn"
जुदाई  की घड़ी लंबी  कटेंगे रात -दिन कैसे
जुदाई की घड़ी लंबी कटेंगे रात -दिन कैसे
Dr Archana Gupta
बीज की स्तुषी
बीज की स्तुषी
Santosh kumar Miri
कभी न दिखावे का तुम दान करना
कभी न दिखावे का तुम दान करना
Dr fauzia Naseem shad
..
..
*प्रणय*
- उसका ख्याल जब आता है -
- उसका ख्याल जब आता है -
bharat gehlot
चलो चाय पर मिलते हैं
चलो चाय पर मिलते हैं
Indu Nandal
"इच्छाशक्ति"
Dr. Kishan tandon kranti
हाँ देख रहा हूँ सीख रहा हूँ
हाँ देख रहा हूँ सीख रहा हूँ
विकास शुक्ल
24. Ideas
24. Ideas
Santosh Khanna (world record holder)
इस तरह कुछ लोग हमसे
इस तरह कुछ लोग हमसे
Anis Shah
ग़ज़ल __न दिल को राहत मिली कहीं से ,हुई निराशा भी खूब यारों,
ग़ज़ल __न दिल को राहत मिली कहीं से ,हुई निराशा भी खूब यारों,
Neelofar Khan
*बुंदेली दोहा-चिनार-पहचान*
*बुंदेली दोहा-चिनार-पहचान*
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सूरतों  में ख़ूब होंगी शैख, गो हूर ए जन्नत
सूरतों में ख़ूब होंगी शैख, गो हूर ए जन्नत
इशरत हिदायत ख़ान
ज्ञान:- खुद की पहचान बस और कुछ नहीं
ज्ञान:- खुद की पहचान बस और कुछ नहीं
हरिओम 'कोमल'
जिसके हर खेल निराले हैं
जिसके हर खेल निराले हैं
Monika Arora
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
जीवन का सितारा
जीवन का सितारा
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दीप जगमगा रहे थे दिवाली के
दीप जगमगा रहे थे दिवाली के
VINOD CHAUHAN
हे ईश्वर
हे ईश्वर
sheema anmol
हिंदी है मेरी भाषा लिपि देवनागरी ,
हिंदी है मेरी भाषा लिपि देवनागरी ,
Anamika Tiwari 'annpurna '
अवल धरां है ऊजळी, सती सूरा री खांण।
अवल धरां है ऊजळी, सती सूरा री खांण।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
आपके शत्रु आपको क्रोध दिला सकते हैं
आपके शत्रु आपको क्रोध दिला सकते हैं
ruby kumari
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Meera Singh
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
Shyam Sundar Subramanian
परवर दीगार
परवर दीगार
Usha Gupta
बन बादल न कोई भरा
बन बादल न कोई भरा
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
छठ परब।
छठ परब।
Acharya Rama Nand Mandal
Loading...