हिंदी है मेरी भाषा लिपि देवनागरी ,
हिंदी है मेरी भाषा लिपि देवनागरी ,
देवों के नगर से आई देवनागरी ,
सबको बांधती एक डोर में,
विविध कलाओं को अपने छोर में,
सूर, तुलसी,जायसी की तान है हिंदी।
भाषा को जानना हमारा राष्ट्रधर्म है,
सुखमय जीवन के लिए करना सत्कर्म है,
जब कभी तूफानों में कश्ती फंसी होगी,
उस दिन बनेगी दृढ़ता से पतवार ये हिंदी।
अनामिका तिवारी “अन्नपूर्णा” ✍️