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1 Jul 2024 · 1 min read

वर्ण पिरामिड

वर्ण पिरामिड

हो
प्यार
अनोखा
अलबेला
कभी न धोखा
हो चितवन में
सदा मधुर रस।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

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