देश 2037 में ही हो सकता है विकसित। बशर्ते "इमोशनल" के बजाय "
ये नव वर्ष हमको स्वीकार नही
कुदरत है बड़ी कारसाज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
यहां सभी लोग समय के चक्र में बंधे हुए है, जब सूर्य दिन के अल
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
वीर शिवा की धरती है ये, इसको नमन करे संसार।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
शीर्षक – #जीवनकेख़राबपन्ने
दीवारों की चुप्पी में राज हैं दर्द है
सारे नेता कर रहे, आपस में हैं जंग
यह कौनसा आया अब नया दौर है
जिंदगी एक परीक्षा है काफी लोग.....
बुन्देली दोहा प्रतियोगिता -191 के श्रेष्ठ दोहे (छिड़िया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'