Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

बन बादल न कोई भरा

क्षितिज सा विस्तृत
दिखाई देती जिंदगी
दूर से दृष्टिगत धरती सा अनुभव
और व्योम सी भावनाएं
सूक्ष्मता से करीब उतरे तो
दोनों का मिलन एक दिवास्वप्न
आचेतनता की अवस्था में
अचेत हैं मानस यहाँ,
जिन्दगी फिसल रही
रेत से भरे मुठ्ठियों में ,
कशमोंकश के राहों में
कसमसाते से जो रहे,
कई रातों का अन्धेरा बने तुम ,
बिखरती रंगीनियों में
अरमां के बादल कब ये छटे,
हैरान हुये वीरानियों को देखकर
ठहाकों के फिर भी महफिल
खूबसूरत सजे हैं यहाँ
कहीं खामोशियों की आवो हवा
कही झड़ते सोनल सूखे पत्ते,
फूल था कोई मुस्कराता
खुशबू थी रवाँ रवाँ
पथ सजे थे पथिक से बेहद
मंजिल का पर न कोई नामोंनिशां
मिल गई कुछ दिशाओं से
कुछ पेड़ों को थोड़ी हवा,
माली खुश हुआ
कुछ तो जिन्दा है यहाँ,
बह तो रहे नदी -सा, मगर रुका रूका
दूर से आती कहीं दिल से सदा
न बन बादल कोई भरा
उङ जा हल्का हो
बरस के सदा यहाँ ।
….…………………..पूनम समर्थ (आगाज ए दिल)

Language: Hindi
1 Like · 129 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
View all

You may also like these posts

अपनी शक्तियों का जश्न अवश्य मनाइए परन्तु अपनी कमजोरियों को भ
अपनी शक्तियों का जश्न अवश्य मनाइए परन्तु अपनी कमजोरियों को भ
ललकार भारद्वाज
अरज लेकर आई हूं दर पर बताने ।
अरज लेकर आई हूं दर पर बताने ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
कंधे पर किताब
कंधे पर किताब
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
रंगों की बौछार
रंगों की बौछार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मूर्तियां भी मौन हैं
मूर्तियां भी मौन हैं
अमित कुमार
Take a look at this Meri Pratham Anugoonj on Flipkart
Take a look at this Meri Pratham Anugoonj on Flipkart
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
सबसे प्यारा भारतवर्ष है मेरा
सबसे प्यारा भारतवर्ष है मेरा
Harminder Kaur
सौदा
सौदा
ओनिका सेतिया 'अनु '
"आत्मावलोकन"
Dr. Kishan tandon kranti
अजनबी
अजनबी
krupa Kadam
होली के दिन
होली के दिन
Ghanshyam Poddar
*तेरी मेरी यारी*
*तेरी मेरी यारी*
Santosh kumar Miri
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
तू ही ज्ञान की देवी है
तू ही ज्ञान की देवी है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मुक्तक - डी के निवातिया
मुक्तक - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
सु
सु
*प्रणय प्रभात*
लोककवि रामचरन गुप्त के लोकगीतों में आनुप्रासिक सौंदर्य +ज्ञानेन्द्र साज़
लोककवि रामचरन गुप्त के लोकगीतों में आनुप्रासिक सौंदर्य +ज्ञानेन्द्र साज़
कवि रमेशराज
आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ?
आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ?
डॉ.सीमा अग्रवाल
पत्नी की दिव्यदृष्टि
पत्नी की दिव्यदृष्टि
आकाश महेशपुरी
कल मैं याद आऊँगा
कल मैं याद आऊँगा
gurudeenverma198
Everyone enjoys being acknowledged and appreciated. Sometime
Everyone enjoys being acknowledged and appreciated. Sometime
पूर्वार्थ
- परिंदे कैद नही किए जाते -
- परिंदे कैद नही किए जाते -
bharat gehlot
सुख का मुकाबला
सुख का मुकाबला
Dr MusafiR BaithA
मेरे दिल की हर धड़कन तेरे ख़ातिर धड़कती है,
मेरे दिल की हर धड़कन तेरे ख़ातिर धड़कती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
कृष्णकांत गुर्जर
माँ सरस्वती वंदना
माँ सरस्वती वंदना
Karuna Goswami
चन्द्रमाँ
चन्द्रमाँ
Sarfaraz Ahmed Aasee
भौतिक युग की सम्पदा,
भौतिक युग की सम्पदा,
sushil sarna
जब मेले ने देखा चुड़ियों से मिल
जब मेले ने देखा चुड़ियों से मिल "इश्क का रंग"
©️ दामिनी नारायण सिंह
हम तेरा
हम तेरा
Dr fauzia Naseem shad
Loading...