कंधे पर किताब
सूट-बूट में लोग
झोले में किताब
पीठ पीछे लादे
खूब मिलते हैं।
सूट-बूट में लोग
सड़कों पर
पहली दफा कंधे पर
किताब लादे मिले हैं।
सूट-बूट में लोग
अपनी धरातल भूल
दिखावे में मशगूल
खूब दिखते हैं।
सूट-बूट में लोग
गाँव की विरासत
मिट्टी और जल की खुशबू भूले
शहर की गलियों में मिलते हैं।
सूट-बूट में लोग
परिजनों को नौकर
किसान पिता को चरवाहा
संज्ञा देने में नहीं हिचकिचाते हैं।
सूट-बूट में लोग
पहली दफा सुकून-ए-दिल
कंधे पर ज्ञान स्रोत
बौद्धिक खुराक लिए मिले हैं।
सूट-बूट में लोग
जो भी हो मकसद
कंधे पर किताब
सच में अद्भुत दिखें है ।
#दिनेश यादव
काठमाडौं–14, नेपाल ।
11 जनवरी, 2025 ।