कल मैं याद आऊँगा

(शेर)- जब सुनोगे मेरे ये नग़में, तुम बहुत आँसू बहावोगे।
करके मुझको तब याद, मुझको आवाज़ लगावोगे।।
क्योंकि मेरे इन नग़मों है, तुम्हारे दिल की आवाज़ ही।
जब जाऊँगा तुमसे दूर मैं, सच तुम बहुत पछतावोगे।।
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चाहे आज नहीं लेकिन, कल मैं याद आऊँगा।
हाँ, मैं सच कल तुमको, बहुत ही रुलाऊँगा।।
चाहे आज नहीं लेकिन————————-।।
ये गीत जो अपनी कलम से, मैं लिख रहा हूँ।
मेरे इन नग़मों में बात, मैं किसकी कह रहा हूँ।।
अक्स मेरे इन नग़मों में, जब अपना तुम देखोगे।
दर्द तुम्हारा बनकर मैं, कल तुमको तड़पाऊंगा।।
चाहे आज नहीं लेकिन———————–।।
बुरा लगता हूँ तुमको, सच्ची बात जो कहता हूँ।
क्योंकि मैं अपनी रूह की आवाज जो, सुनता हूँ।।
क्योंकि मैं जी.आज़ाद हूँ , और सच मैं लिखूँगा।
करोगे मेरा सच याद तुम, जब दुनिया से जाऊँगा।।
चाहे आज नहीं लेकिन———————–।।
हाँ, मेरे पास महल नहीं है, मेरी तालीम ही मेरी दौलत है।
यह कलम ही मेरी ताकत है, मेरा ईमान ही मेरी शौहरत है।।
हाँ, मैं एक इंसान हूँ , यह अहम तो मैं दिखाऊंगा।
नहीं दिखाऊंगा गम तुम्हें मैं, दुहायें देकर जाऊँगा।।
चाहे आज नहीं लेकिन———————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)