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5 Aug 2024 · 1 min read

श्रंगार

आशिकों को देखो अब तो सज गया बाजार है।
इश्क अब इबादत रहा नही हो गया व्यापार है।
वह दिन दूर नहीं इश्क ठेलों पर बेचेंगे सौदागर।
इश्क का मोल वह क्या जाने जो करता व्यापार है।
विपिन

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