नव वर्ष का स्वागत।
दिसंबर की यह अंतिम शाम
मन में हलचल जगाती है ।
नव वर्ष के स्वागत में यह
अपनी बाहें फैलाती है।
क्या खोया क्या पाया मन में
सबका हिसाब लगाती है।
नए पुराने- रिश्ते सबका
जीवन में स्थान बताती है।
बनावटी दोस्त – झूठे वादे
गलत फैसलों से मुक्ति दिलाती है।
अधूरे ख्वाबों को पूरा करने को
आगे कदम बढ़ाती है ।
नए इरादे कुछ नए वादे खुद से
करने को कदम बढ़ाती है ।
2025 के स्वागत में दिसंबर 2024
अपनी बाहें फैलाती है ।
लक्ष्मी वर्मा ‘प्रतीक्षा’
खरियार रोड, ओड़िशा।