Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Shriyansh Gupta
29 Followers
Follow
Report this post
7 Jan 2025 · 1 min read
दोहा
छूट गया बचपन कहीं, नहीं मुझे कुछ ज्ञात।
करने लगा मैं भी अब, औरों जैसी बात।
– श्रीयांश गुप्ता
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
Like
Share
9 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
3889.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लघुकथा - घर का उजाला
अशोक कुमार ढोरिया
The best Preschool Franchise - Londonkids
Londonkids
शिकवा
अखिलेश 'अखिल'
बादलों को आज आने दीजिए।
surenderpal vaidya
रग रग में देशभक्ति
भरत कुमार सोलंकी
फूल खिले हैं डाली-डाली,
Vedha Singh
ना जाने ज़िंदगी में कई दाॅंव - पेंच होते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
प्रकृति की पुकार
AMRESH KUMAR VERMA
नारी का क्रोध
लक्ष्मी सिंह
हुईं मानवीय संवेदनाएं विनष्ट
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
तन की चाहत से ऊपर उठ कर
Chitra Bisht
महसूस तो होती हैं
शेखर सिंह
राम मंदिर
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
- तेरे बिना जी नही पाऊंगा -
bharat gehlot
Hey...!!Listen dear...!!
पूर्वार्थ
अतीत - “टाइम मशीन"
Atul "Krishn"
कुछ पल तेरे संग
सुशील भारती
ज़रूरी ना समझा
Madhuyanka Raj
ऊपर बने रिश्ते
विजय कुमार अग्रवाल
दोहा
Ravi Prakash
"जुबांँ की बातें "
Yogendra Chaturwedi
कोल्हू का बैल
Sudhir srivastava
नववर्ष- 2025 के लिए
आर.एस. 'प्रीतम'
दोस्ती : कल और आज
Shriyansh Gupta
रेस
Karuna Goswami
पिता
Sanjay ' शून्य'
दोहा- सरस्वती
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
किसी भी काम को बोझ समझने वाले अक्सर जिंदगी के संघर्षों और चु
Rj Anand Prajapati
कभी
PRATIK JANGID
Loading...