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20 Apr 2024 · 1 min read

निराला का मुक्त छंद

निराला का मुक्त छंद
भी मैं ही हूँ
पंत का प्रकृति प्रेम
भी मैं ही हूँ
प्रसाद का आनंदवाद
भी मैं ही हूँ
महादेवी की रहस्यमई अनुभूति
भी मैं ही हूँ
हाँ..
मैं ही हूँ कविता
कविता मैं ही हूँ….

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