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29 Sep 2024 · 1 min read

वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।

वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
सामने बड़ाई करता, पीठ पीछे गालियाँ बकता रहा ।।
कैसे मानूँ उसे दोस्त भला तुम्हीं कहो,
आस्तीन का साँप बनकर, जो हमेशा डसता रहा ।।।

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