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18 Dec 2024 · 1 min read

देखो आया जादूगर

वो देखो आया जादूगर
एक छड़ी लाया जादूगर।

थैले में डाल कर अण्डा
छड़ी जमके घुमाया,
मत समझना चूजे निकले
तिरंगा फहर आया।

एक बक्सा में डाला कागज
फिर छड़ी घुमाया,
बक्सा को पलटा कर देखा
नोट निकल आया।

एक रुमाल को झाड़ कर
उस पर छड़ी घुमाया,
फड़ फड़ फड़फड़ाहट संग
श्वेत कबूतर उड़ाया।

सुन्दर रंगीन पर्दा डालकर
एक लड़के को छुपाया,
छड़ी घुमाकर हटाया परदा
रीछ निकल कर आया।

अगर होता मैं जादूगर तो
रसगुल्ला का पेड़ उगता,
सबको बाँटता जी भर कर
मैं भी तो खुद खाता।

( मेरी 58वीं कृति : बित्ता-बित्ता पानी
बाल कविता-गीत संग्रह से,,,)

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
बेस्ट पोएट ऑफ दी ईयर -2023
हरफनमौला साहित्य लेखक।

2 Likes · 3 Comments · 46 Views
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