Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2024 · 1 min read

” धेले में “

” धेले में ”
भीड़ मिली हर तरफ यहाँ
पर हम रहे अकेले में,
जमा कर लिए हीरे-मोती
अन्त न पाया धेले में।

3 Likes · 2 Comments · 159 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

आदमी क्यों  खाने लगा हराम का
आदमी क्यों खाने लगा हराम का
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
एक संदेश युवाओं के लिए
एक संदेश युवाओं के लिए
Sunil Maheshwari
मुझे आदिवासी होने पर गर्व है
मुझे आदिवासी होने पर गर्व है
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
एक बात!
एक बात!
Pradeep Shoree
बात सच्ची अगर कही होती
बात सच्ची अगर कही होती
Dr fauzia Naseem shad
मुझे दर्द भी पीना आ गया ।
मुझे दर्द भी पीना आ गया ।
DR. RAKESH KUMAR KURRE
-बढ़ी देश की शान-
-बढ़ी देश की शान-
ABHA PANDEY
गुड़िया हमारी(बेटी के जन्मदिन पर)
गुड़िया हमारी(बेटी के जन्मदिन पर)
gurudeenverma198
मर्यादा, संघर्ष और ईमानदारी,
मर्यादा, संघर्ष और ईमानदारी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
...........
...........
शेखर सिंह
हे जग की माता
हे जग की माता
महेश चन्द्र त्रिपाठी
गीत (11)
गीत (11)
Mangu singh
मौसम का गीत
मौसम का गीत
Laxmi Narayan Gupta
"फिरकापरस्ती"
Dr. Kishan tandon kranti
चौपाला छंद- प्रकृति की सीख
चौपाला छंद- प्रकृति की सीख
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
* हनुमंत का दरबार**
* हनुमंत का दरबार**
Dr. P.C. Bisen
ग़ज़ल - बड़े लोगों की आदत है!
ग़ज़ल - बड़े लोगों की आदत है!
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
अबला न कहलाएगी ...
अबला न कहलाएगी ...
sushil sarna
मैं पत्नी हूँ,पर पति का प्यार नहीं।
मैं पत्नी हूँ,पर पति का प्यार नहीं।
लक्ष्मी सिंह
गुरू
गुरू
Neha
मिलती है जब ख़ुशी तुझे, मिलता मुझे भी खुशियाॅं अपार।
मिलती है जब ख़ुशी तुझे, मिलता मुझे भी खुशियाॅं अपार।
Ajit Kumar "Karn"
आश किरण
आश किरण
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
किसी के प्रति ईर्ष्या का भाव वैमनस्य का उद्भव तामसिक प्रवृत्
किसी के प्रति ईर्ष्या का भाव वैमनस्य का उद्भव तामसिक प्रवृत्
Rj Anand Prajapati
सृष्टि का अंतिम सत्य प्रेम है
सृष्टि का अंतिम सत्य प्रेम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
#शुभ_रात्रि
#शुभ_रात्रि
*प्रणय प्रभात*
"मेरे देश की मिट्टी "
Pushpraj Anant
रिश्तों में वक्त
रिश्तों में वक्त
पूर्वार्थ
फितरत आपकी जैसी भी हो
फितरत आपकी जैसी भी हो
Arjun Bhaskar
कहीं बरसे मूसलाधार ,
कहीं बरसे मूसलाधार ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
पी जाता हैं प्यास भी, .....मेरी वो हर बार ।
पी जाता हैं प्यास भी, .....मेरी वो हर बार ।
RAMESH SHARMA
Loading...