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22 May 2024 · 1 min read

मुझे आदिवासी होने पर गर्व है

मुझे आदिवासी होने पर गर्व है
हर किसान पिता आदिवासी है,
जंगल में रहते थे हम कुंदमुले खाते थे
और अपनी जमीन जोतते थे
हम प्रकृति को अपने देवताओं में से एक मानते थे
हर जानवर की मर्जी हो ,तभी जंगल में रहते हैं आदिवासी हम, वन कुल रानीवासी हैं हम ,
धरणी हैं हमारा जीवन आकास।
मजदूर का बाप, बच्चा,
प्रकृति ने जीना सिखाया,
हालात ने लड़ना सिखाया,
मुझे आदिवासी होने पर गर्व है
: राकेश देवडे़ बिरसावादी

Language: Hindi
123 Views

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