Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

मेरे खामोश होते ही

मेरे खामोश होते ही
मेरे आसपास सन्नाटा छा जाता है
तो क्या सारा कोलाहल
मेरा ही परावर्तन है
कोई और नहीं
मैं ही स्वयं से बोल रही थी
कोई और नहीं
मैं ही स्वम् के साथ हँस रही थी
और चुप होते ही
पसरा सन्नटा मुझे बता देता है,
कि मैं ही मेरा मनोरंजन हूँ,
मैं स्वयं का आनंद
मैं ही मेरा कोलाहल
मैं ही मेरा परावर्तन।

~माधुरी महाकाश

Language: Hindi
78 Views
Books from Madhuri mahakash
View all

You may also like these posts

डिज़िटल युग का पदार्पण हो गया! हम द्रुत गति से सफलता के सभी आ
डिज़िटल युग का पदार्पण हो गया! हम द्रुत गति से सफलता के सभी आ
DrLakshman Jha Parimal
अपने  होने  का  क्या  पता   दोगे ।
अपने होने का क्या पता दोगे ।
Dr fauzia Naseem shad
राज्यतिलक तैयारी
राज्यतिलक तैयारी
Neeraj Mishra " नीर "
अच्छा स्वस्थ स्वच्छ विचार ही आपको आत्मनिर्भर बनाते है।
अच्छा स्वस्थ स्वच्छ विचार ही आपको आत्मनिर्भर बनाते है।
Rj Anand Prajapati
भूल गया
भूल गया
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
Lovi Mishra
हे मेरे वतन, तुझपे कुर्बान हम
हे मेरे वतन, तुझपे कुर्बान हम
gurudeenverma198
चंद सवालात हैं खुद से दिन-रात करता हूँ
चंद सवालात हैं खुद से दिन-रात करता हूँ
VINOD CHAUHAN
दस्तक भूली राह दरवाजा
दस्तक भूली राह दरवाजा
Suryakant Dwivedi
कभी हमारे शहर आओ तो मिल लिया करो
कभी हमारे शहर आओ तो मिल लिया करो
PRATIK JANGID
4193💐 *पूर्णिका* 💐
4193💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मध्यम मार्ग
मध्यम मार्ग
अंकित आजाद गुप्ता
धड़कनों में प्यार का संचार है ।
धड़कनों में प्यार का संचार है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
..
..
*प्रणय*
" नाराज़गी " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पचड़ों में पड़ना ही पड़ता है (गीतिका)
पचड़ों में पड़ना ही पड़ता है (गीतिका)
Ravi Prakash
मत जलाओ तुम दुबारा रक्त की चिंगारिया।
मत जलाओ तुम दुबारा रक्त की चिंगारिया।
Sanjay ' शून्य'
आज़ के पिता
आज़ के पिता
Sonam Puneet Dubey
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
13, हिन्दी- दिवस
13, हिन्दी- दिवस
Dr .Shweta sood 'Madhu'
कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मिल गया तो मीठा-मीठा,
मिल गया तो मीठा-मीठा,
TAMANNA BILASPURI
राम
राम
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
तारों से अभी ज्यादा बातें नहीं होती,
तारों से अभी ज्यादा बातें नहीं होती,
manjula chauhan
अब ऐसे दस्तूर हुए हैं
अब ऐसे दस्तूर हुए हैं
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
जीवन एक यथार्थ
जीवन एक यथार्थ
Shyam Sundar Subramanian
यूँ न फेंको गुलाल.. रहने दो.!
यूँ न फेंको गुलाल.. रहने दो.!
पंकज परिंदा
जीवन में मन , वाणी और कर्म से एकनिष्ठ होकर जो साधना में निरं
जीवन में मन , वाणी और कर्म से एकनिष्ठ होकर जो साधना में निरं
Raju Gajbhiye
"कला"
Dr. Kishan tandon kranti
एक चुटकी सिन्दूर
एक चुटकी सिन्दूर
Dr. Mahesh Kumawat
Loading...