जो अंदर से घबराएं हुए हो वो बाहर से शारीरिक रूप से संकेत दे

जो अंदर से घबराएं हुए हो वो बाहर से शारीरिक रूप से संकेत दे ही देते है जैसे किसी जल को यदि ढककर आग पर चढ़ा दिया जाए तो उसके अंदर ज़मी भांप आखिरकार बाहर उस ढक्कन को ऊपर उठा कर निकल ही जाती है।
RJ Anand prajapati