Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

मज़दूर की मजबूरी

कहां जा रहे हो अरे ओ मजदूर ??
किसके कारण हो इतने मजबूर ??
उत्तर——जा रहे हैं बहुत दूर !!
पेट ने साहब किया है मजबूर ।
अगर किसी शहर में मिल गया काम ,
दो वक्त की रोटी का हो जाएगा इंतजाम ।
बस इतना ही है हम चाहते,
साथ में परिवार का पेट भी हम पालते ।
अभी विकट समस्या आई है ,
कोरोना नामक महामारी छाई है।
अभी निरूपायवस जाना है घर की ओर ,
चाहे पेट कितना भी करे शोर।

——-उत्तीर्णा धर

Language: Hindi
1 Like · 112 Views

You may also like these posts

बिखरी छटा निराली होती जाती है,
बिखरी छटा निराली होती जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन
जीवन
sushil sarna
Lucky Number Seven!
Lucky Number Seven!
R. H. SRIDEVI
Mksport là một trong những nhà cái c&aa
Mksport là một trong những nhà cái c&aa
MKSport
शायरी - संदीप ठाकुर
शायरी - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
कदम दर कदम
कदम दर कदम
Sudhir srivastava
आत्मविश्वास
आत्मविश्वास
इंजी. संजय श्रीवास्तव
समस्याओं के स्थान पर समाधान पर अधिक चिंतन होना चाहिए,क्योंकि
समस्याओं के स्थान पर समाधान पर अधिक चिंतन होना चाहिए,क्योंकि
Deepesh purohit
काश तुम में वो बात होती!
काश तुम में वो बात होती!
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
*संविधान-दिवस 26 नवंबर (कुंडलिया)*
*संविधान-दिवस 26 नवंबर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
यह पतन का दौर है । सामान्य सी बातें भी क्रांतिकारी लगती है ।
यह पतन का दौर है । सामान्य सी बातें भी क्रांतिकारी लगती है ।
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
" चाहत "
Dr. Kishan tandon kranti
नव वर्ष मंगलमय हो
नव वर्ष मंगलमय हो
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
वक्त को पीछे छोड़ दिया
वक्त को पीछे छोड़ दिया
Dheerja Sharma
मैंने ख़ुद को सही से समझा नहीं और
मैंने ख़ुद को सही से समझा नहीं और
Rekha khichi
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
VINOD CHAUHAN
सोच समझ कर वोलो वाणी रे
सोच समझ कर वोलो वाणी रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मैं जिस तरह रहता हूं क्या वो भी रह लेगा
मैं जिस तरह रहता हूं क्या वो भी रह लेगा
Keshav kishor Kumar
you don’t need a certain number of friends, you just need a
you don’t need a certain number of friends, you just need a
पूर्वार्थ
लोगों ने तुम्हे केवल नफरत दी है अरे नही रे लोगो ने तुम्हे थप
लोगों ने तुम्हे केवल नफरत दी है अरे नही रे लोगो ने तुम्हे थप
Rj Anand Prajapati
क्या क्या बदले
क्या क्या बदले
Rekha Drolia
एक उदासी
एक उदासी
Shweta Soni
गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
घमण्ड बता देता है पैसा कितना है
घमण्ड बता देता है पैसा कितना है
Ranjeet kumar patre
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
डॉ. दीपक बवेजा
माँ बनना कोई खेल नहीं
माँ बनना कोई खेल नहीं
ललकार भारद्वाज
छंद घनाक्षरी...
छंद घनाक्षरी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जनरल नॉलेज
जनरल नॉलेज
कवि आलम सिंह गुर्जर
सांप पालतू भी हो, तो डंसना नही छोड़ेगा
सांप पालतू भी हो, तो डंसना नही छोड़ेगा
Harinarayan Tanha
Loading...