Posts Tag: Hindi Poem 68 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manisha Manjari 12 Aug 2022 · 1 min read ठोकरों ने गिराया ऐसा, कि चलना सीखा दिया। ज़िन्दगी ने राहों को हीं, मंज़िल बना दिया, ठोकरों ने गिराया ऐसा, कि चलना सीखा दिया। हवाओं ने पतझड़ में, साजिशों का सहारा लिया, जुड़े थे कभी शाख़ से, ज़मीं... Hindi · Hindi Poem · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 10 12 555 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 1 Oct 2023 · 1 min read *दादी चली गई* आज अपने बीच देखकर तुझे जन्नत के फ़रिश्ते भी खुश हुए होंगे जीत गये हैं हमसे आज बाज़ी वो तभी वो तुझे अपने साथ ले गए होंगे दादा को तो... Hindi · Dadi · Grandmother · Hindi Poem · Kavita Kosh · दादी पर कविता 10 5 2k Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 9 Aug 2023 · 1 min read मोहब्बत बनी आफत जब पाकिस्तान की सीमा भारत के अंदर आ गई किसी ने इसे प्यार की ताक़त कहा किसी ने कहा घुसपैठ हो गई जब चार बच्चों की माँ सरहद पार के... Hindi · Hindi Poem · Poetry · कविता · व्यंग्य · हास्य 9 1 1k Share Ruchi Sharma 13 Sep 2022 · 1 min read हिन्द की बिंदी लो आ गया वो दिन ,आज फिर मेरी याद आई अखबारों में लिखकर, मंचो पर बोलकर सबने वाह ,वाह पाई बस एक दिन के लिये मेरी याद आई। कितनी सुंदर... Hindi · Hindi Poem · Poem 8 5 207 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 26 Nov 2023 · 1 min read *प्यार का रिश्ता* कब आओगे मिलने हमसे कहता रहता हूं यही तुमसे आ जाओ अब मिलने हमसे सता रही है ये दूरी तुमसे तुमसे शुरू होकर तुम में ख़त्म छुपी नहीं है मेरी... Hindi · Hindi Kavita · Hindi Poem · Poetry · कविता · ग़ज़ल 8 1 2k Share Mamta Rani 2 Jul 2023 · 1 min read रिश्ते रिश्ते पल-पल में फ़ितरत बदले, आजकल लोग जमाने में रिश्ते को ताक पर रखते,रहते हैं सिर्फ धन कमाने में जिंदगी की आपाधापी में,सबकुछ अपना बिखर रहा रोज उम्र घट रही,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · Dil Ke Rishte · Fitrat · Hindi Poem · Kavita · Life 7 4 308 Share Manisha Manjari 28 Jul 2022 · 1 min read किसी ने कहा, पीड़ा को स्पर्श करना बंद कर पीड़ा कम जायेगी। किसी ने कहा, पीड़ा को स्पर्श करना बंद कर पीड़ा कम जायेगी। पर बता मुझे, यदि ये भी न रहे तो मेरे अस्त्तित्व को कौन दर्शाएगी? इस खालीपन के अंधेरों... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 7 9 451 Share Manisha Manjari 22 Oct 2022 · 1 min read ये अनुभवों की उपलब्धियां हीं तो, ज़िंदगी को सजातीं हैं। ये इच्छाओं की कतार, ज़िन्दगी को ऐसे मोड़ पर ले आती है, की ज़िन्दगी सुकून से जीने को, ज़िन्दगी हीं तरस जाती है। अपने दंश से ये, हर क्षण में... Hindi · Hindi Poem · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · ज़िन्दगी · मनीषा मंजरी 7 6 219 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 18 Feb 2024 · 1 min read *अब मान भी जाओ* क्यों नाराज़ हो मुझसे इस कदर तुम देखते ही मुँह फेर लेते हो आजकल तुम लगता नहीं तेरे बिना मेरा दिल भी कहीं अब बहुत हुई नाराज़गी, मान जाओ न... Poetry Writing Challenge-2 · Hindi Poem · Poetry · कविता · गीत 6 1 477 Share Manisha Manjari 4 Sep 2022 · 1 min read अनकहे शब्द बहुत कुछ कह कर जाते हैं। अनकहे शब्द बहुत कुछ कह कर जाते हैं, स्वयं के विचार हीं तो, सबसे ज्यादा सताते हैं। अन्धकार के बादल, जब छत पर मंडराते हैं, साये रिश्तों के हीं, सर्वप्रथम... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 6 8 330 Share Manisha Manjari 19 Aug 2022 · 1 min read असफ़लताओं के गाँव में, कोशिशों का कारवां सफ़ल होता है। कुछ खतों के मुक्कद्दर में, बस जेहन की ज़मीं होती है, खंज़र जैसे हाथों में, जब लकीरों की कमी होती है। खमोशिओं की गहराईयों में, शब्द निर्वस्त्र से पड़े होते... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 6 11 454 Share Manisha Manjari 6 Aug 2022 · 1 min read आंधियां आती हैं सबके हिस्से में, ये तथ्य तू कैसे भुलाता है? अंतर्मन के द्वंदों से आज भी मन थर्राता है, बीते वक़्त का तूफ़ान जब राहों को भरमाता है। शब्दों का वो कोलाहल संवेदनाओं को स्तब्ध कर जाता है, आघातों की... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 6 4 360 Share Manisha Manjari 5 Aug 2022 · 1 min read ये ज़िन्दगी जाने क्यों ऐसी सज़ा देती है। ये ज़िन्दगी जाने क्यों ऐसी सज़ा देती है, कागज़ की कश्ती छीन, हाथों में पतवार थमा देती है। ओस की बूंदें तो भोर के सहारे गिरा करती हैं, पर तपिश... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · कविता 6 7 354 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 13 Jan 2024 · 1 min read दिल की गुज़ारिश दिल ने मेरे ये गुज़ारिश की है रहने की इसमें तुझे इजाज़त दी है मान जाओ मेरे दिल की ये अर्ज़ तुम्हारे लिए मैंने ज़माने की खिलाफत की है हो... Hindi · Hindi Poem · Love Poetry · Poetry · Shayari · कविता 6 2 1k Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 3 Feb 2024 · 1 min read *पिता का प्यार* हूं एक बाप, मजबूर नहीं हूं मैं तेरी हालत से अनजान नहीं हूं मैं रोकर अपना दर्द नहीं जताता कमज़ोरी की पहचान नहीं हूं मैं माना है नहीं वक़्त अच्छा... Hindi · Hindi Poem · Kavita · पिता · बेटा 6 1 2k Share Pooja Singh 5 Aug 2022 · 1 min read गीता की महत्ता गीता का उपदेश दिया , कृष्णा ने युद्ध स्थान में | अर्जुन का उद्धार हुआ समर क्षेत्र के घेरे में || दे सकते थे गीता ज्ञान , अन्य काल या... Hindi · Hindi Poem 5 8 387 Share Manisha Manjari 14 Sep 2022 · 1 min read जब हवाएँ तेरे शहर से होकर आती हैं। कुछ खुशबुएँ साँसों को महका कर जाती हैं, जब हवाएं तेरे शहर से होकर आती हैं। यादों के बंद कमरों में सेंधमारी कर जाती हैं, और सिमटे हुए दर्दों को... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 5 4 278 Share Manisha Manjari 26 Jul 2022 · 1 min read सागर ने लहरों से की है ये शिकायत। सागर ने लहरों से की है ये शिकायत, वो कश्ती आती नहीं जिसकी थी मुझे आदत। मेरी मौजों में घुलती रहती थी वो खिलखिलाहट, और आँखे ढ़ुंढती थी मीलों तक... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 5 9 350 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 18 Feb 2024 · 1 min read *समा जा दिल में मेरे* माना मैंने कि उसकी नज़रों में आज कोई किरदार नहीं है मेरा लेकिन वो जानता नहीं उसके बिना कोई वजूद नहीं है मेरा सपने देखता हूं जिसके मैं जानता हूं... Poetry Writing Challenge-2 · Hindi Poem · Poetry · Shayari · कविता 5 1k Share Manisha Manjari 8 Sep 2022 · 1 min read जीवन क्षणभंगुरता का मर्म समझने में निकल जाती है। स्वयं के अक्स की पहचान, धूमिल सी हो जाती है, विपत्तियों की गाठें जब, जीवन की डोर में लग जाती हैं। खुशियों के क्षण तो, पलक झपकते खो जाते हैं,... Hindi · Hindi Poem · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 4 5 361 Share Manisha Manjari 11 Sep 2022 · 1 min read रेत पर नाम लिख मैं इरादों को सहला आयी। तलाश ज़िन्दगी की, उस मकाम पे ले आयी, खुद की परछाई भी, तब मेरे काम ना आयी। घर के मोह ने, मुझे एक आशातीत दुनिया दिखाई, कि घर तो कभी... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 4 6 460 Share Manisha Manjari 4 Sep 2022 · 1 min read खामोशियों ने हीं शब्दों से संवारा है मुझे। उस भीड़ से ज्यादा इस तन्हाई ने संभाला है मुझे, दिन के उजालों ने नहीं, रात के अंधेरों ने निखारा है मुझे। सितारों का अपना तो, मैं कभी बन ना... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 4 4 261 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 19 Aug 2023 · 1 min read *तेरा इंतज़ार* जानता हूँ बुरा मान जाओगे तुम तुम्हारा दिल और दुखाना नहीं चाहता हूँ माफ़ करना कोई गलती हो गई हो अब मैं तुमसे कुछ कहना नहीं चाहता हूँ तुम क्या... Hindi · Hindi Poem · Poetry · कविता · ग़ज़ल · गीत 4 1k Share Manisha Manjari 7 Jul 2022 · 1 min read क्यों करूँ नफरत मैं इस अंधेरी रात से। क्यों करूँ नफरत मैं इस अंधेरी रात से, जिसने मिलवा दिया मुझे अपने आप से। गर्दिशों में भी इसने चमकना सिखाया, और आंसुओं के साथ भी तो अपना बनाया। हाँ,... Hindi · Hindi Poem · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · Manishamanjari · कविता 4 2 638 Share MSW Sunil SainiCENA 11 Nov 2022 · 2 min read "एंबुलेंस कर्मी" "एंबुलेंस कर्मी" हूटर की आवाज, कभी आपने भी तो सुनी होगी। बेवजह अनजान के लिए दिल से दुआ की होगी।। एंबुलेंस के हूटर की आवाज, भागते दौड़ते, बिना रुके, स्ट्रैचर,... Hindi · Hindi Kavita · Hindi Poem · कविता 3 142 Share Manisha Manjari 16 Oct 2022 · 1 min read गंतव्यों पर पहुँच कर भी, यात्रा उसकी नहीं थमती है। उसकी खामोशियाँ शब्दों से कहीं ज्यादा बोला करती हैं, हृदय में छिपे रहस्यों को बस आँखों से खोला करती हैं। भावशून्यता का लिहाफ़ ओढ़े, वो अंधेरों से विचरती है, कहीं... Hindi · Featuring In The Upcoming Nove · Hindi Poem · Hindi Poetry · कविता · मनीषा मंजरी 3 2 257 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Sep 2022 · 1 min read जमी हुई धूल उस जमी हुई धूल को साफ़ मत करो वक़्त के आईने पर पर्दा ज़रूरी होता है। जो किस्सा भूल जाने में भलाई हो उसे भूल जाओ.…....याद मत करो जो छोड़कर... Hindi · Hindi Poem · Johnny Ahmed · कविता 3 310 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 3 Sep 2023 · 1 min read दिल जल रहा है है सर्द रातें दिल जल रहा है जाने क्यों वो मेरे दिल से खेल रहा है कोई बता दो जाकर उसको सता रहे हो जिसे, वो तेरे लिए ही जी... Hindi · Dard Shayari · Hindi Poem · Ishq · Latest Poetry · Sad Shayari 3 1 2k Share Pooja Singh 26 Sep 2022 · 1 min read जय माता की तीन गुणों के हम आधीन , हम हैं माता कितने दीन l होकर माया के आधीन , भोग विलास में हो गए लीन ll ज्ञान हमे ऐसा मिल जाये, हो... Hindi · Hindi Poem 3 4 221 Share Manisha Manjari 30 Jun 2022 · 1 min read अंधेरी रातों से अपनी रौशनी पाई है। उन परिंदों की उड़ान पर कब तक पहरे लगा पाएगा कोई, जिन्होंने उड़ना भी पंख गंवाने के बाद हीं सीखा है। अंधेरी रातों से अपनी रौशनी पाई है, और खुद... Hindi · Hindi Poem · Life · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 3 4 343 Share Manisha Manjari 1 Jul 2022 · 1 min read कुछ बारिशें बंजर लेकर आती हैं। कुछ बारिशें बंजर लेकर आती हैं, जब आंखें आंसुओं से लिपट जाती हैं। भीगते तो हैं सतह मगर, चोटें आत्मा तक पहुँच जाती हैं। कहते हैं अंधकार मिटाने को वो... Hindi · Hindi Poem · Life · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 3 2 456 Share Mamta Rani 13 Jul 2022 · 1 min read गुरु राह हमें दिखाते हैं घिस कर खुदको हमें चमकाते हैं, रिश्ता है ऐसा गुरु , शिष्य का जो इस जग को बनाते हैं। गुरु ज्ञान हैं गुरु महान हैं गुरु... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Kavita 3 2 278 Share MSW Sunil SainiCENA 11 Nov 2022 · 1 min read "कुछ अधूरे सपने" शीर्षक: "कुछ अधूरे सपने" ---------------------------------- कुछ अधूरे सपने पूरे करणे सैं, मंजिल बेरंगी सी रंग भरणे सैं। सच्ची नीयत, इरादे नेक, आलसपन के पंख कुतरने सैं। कुछ अधूरे सपने पुरे... Hindi · Best Poem · Hindi Poem · कविता · कविता-हिन्दी 2 854 Share Aditya Prakash 22 Aug 2022 · 1 min read वर्षा की बूँद एक दिन था मैं अपने छत पर खड़ा, थका-माँदा-सा था, अपने आप में खोया, बैठा एक कोने में था मैं मुरझाया, अचानक एक बूंद आ लगी मेरे तन से मैं... Hindi · Hindi Poem · Kavita 2 316 Share Saransh Singh 'Priyam' 22 Aug 2023 · 1 min read हार पर प्रहार कर हार पर प्रहार कर हार पर प्रहार कर, खड्ग को फिर से धार कर, समय का कोप कुछ नहीं, समय को तार-तार कर। हार भी तो शस्त्र है, और लक्ष्य... Hindi · Hindi Poem · Motivational Poems · Motivational Quotes · Quote Writer · प्रेरणादायक कविता 2 479 Share Saransh Singh 'Priyam' 1 Sep 2023 · 1 min read "द्वंद" "द्वंद" निराश मन— सिद्ध क्यूँ? प्रसिद्ध क्यूँ? मन में ऐसा युद्ध क्यूँ? अनगिनत क्यूँ रास्ते ? नहीं हुँ मैं प्रबुद्ध क्यूँ? कुछ ही हैं सफल यहाँ । सभी सफल हैं... Hindi · Hindi Poem · Poem · Quote Writer · कविता 2 371 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read 244. "प्यारी बातें" हिन्दी काव्य-रचना संख्या: 244. शीर्षक: "प्यारी बातें" (रविवार, 16 दिसंबर 2007) ---------------------------- कुछ अपनी सुनाओ प्यारी बातें । कैसे हैं दिन कैसी रातें।। क्या तुम्हें भी आती है नीदें या... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · कविता · हिन्दी कविता 2 486 Share Kavita Chouhan 2 Aug 2022 · 1 min read देह मिलन देह मिलन क्या शाश्वत प्रेम ? सहमी इच्छाओं को जगाता हो निश्छल झरनें सा बहता खीचता प्रेम आलिंगन हो स्वच्छन्द सा क्षणिक बन्धन बिलख रहा भीतर अंतर्द्वंद इक दूजे के... Hindi · Hindi Poem · Love · कविता 2 971 Share Famyas Siwani 2 Aug 2022 · 1 min read नसीब की बात नसीब नसीब की बात होती है किसी के नसीब में हँसना तो किसी का रोना होता है किसी के नसीब में जीना तो किसी का मरना होता है, ये नसीब... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Nazm · Poem · कविता 2 1 337 Share Manisha Manjari 27 Jul 2022 · 1 min read धारणाएँ टूट कर बिखर जाती हैं। धारणाएँ टूट कर बिखर जाती हैं, संबंधों की आर में जब ये छली जाती हैं। विजय शत्रुओं पर तो मिल जाती है, अनुभव तो अपनों का घात करवाती है। समक्ष... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 2 8 387 Share Vivek Pandey 22 May 2022 · 1 min read लड़ते रहो लड़खड़ा रहे हैं ,गिर रहे है , गिर कर संभल रहे हैं ये तजुर्बे हैं जो हो रहे हैं । Hindi · Hindi · Hindi Poem · Hindi Quotes · Vivek Pandey Activist · कविता 2 677 Share MSW Sunil SainiCENA 10 Sep 2022 · 1 min read :::: हवा :::: शीर्षक: "हवा" (मेरी परछाई, हिन्दी काव्य-संग्रह) ये हवा का ज़िक्र है हवा बदल रही है। कैसी हवा चल रही है कुछ लोग हैं हवा में कहीं हवा निकल रही है।।... Hindi · Dhruvikastudio · Hindi Poem · Mswsunilsainicena · हिन्दी कविता 2 217 Share AJAY AMITABH SUMAN 7 Aug 2022 · 1 min read वर्तमान से वक्त बचा लो:चतुर्थ भाग इतिहास गवाह है , हमारे देशवासियों ने गुलामी की जंजीरों को लंबे अरसे तक सहा है। लेकिन इतिहास के इन काले अध्यायों को पढ़कर हृदय में नफरत की अग्नि को... Hindi · Hindi Poem · Motivational · पुरावृत्त 1 224 Share Manisha joshi mani 4 Jun 2023 · 1 min read Kavita कविता -तिरस्कार तिरस्कार तिरस्कार बस तिरस्कार ही पाया है समाज से। त्रिशंकु सा जीवन हर पल जी रही हूं ,या रहा हूं पता नही। संकोच नही हुआ माँ को नन्हा... Hindi Poem 1 116 Share Vedaanshii Vijayvargi 4 Mar 2023 · 2 min read Poem on "Maa" by Vedaanshii “कविता लिखने बैठी हूँ” कविता लिखने बैठी हूं - मैं क्या कविता लिखूं? जब कविता ने ही मुझे लिखा हो.. (संयोग से मेरी माँ का नाम कविता है। बहुत प्यारी... Hindi · Emotional · Hindi Kavita · Hindi Poem · Kavita Maa Par · कविता 1 162 Share Faza Saaz 3 Jan 2023 · 1 min read ऐसा नहीं है कि मैं तुम को भूल जाती हूँ ऐसा नहीं है कि मैं तुम्हें भूल जाती हूँ मैं अक्सर चाय का पानी चूल्हे पर रख कर भूल जाती हूँ! ऐसा नहीं है कि मैं तुम्हें भूल जाती हूँ... Hindi · Hindi Poem · कविता 1 226 Share MSW Sunil SainiCENA 10 Sep 2022 · 1 min read "कोरोना लहर" "कोरोना लहर" ये लहर, कोरोना लहर, अत्यंत ज्वर इसका कहर, हम तुम न जाने क्यूँ इतने बेखबर, क्यूँ न होता सबर, बेवजह क्यूँ घूमें दर बदर, इधर उधर, ये लहर,... Hindi · Dhruvikastudio · Hindi Poem · Mswsunilsainicena · हिन्दी कविता 1 208 Share Abhishek Shrivastava "Shivaji" 30 Oct 2022 · 1 min read दीवाली पर छंद १२२२ १२२२ १२२२ १२२२ | सजल | विधाता छंद पुरातन धर्म का भी मर्म बतलाती है दीवाली हमें है प्रेम से रहना ये सिखलाती है दीवाली कहीं हमने गरीबों को... Hindi · Diwali · Hindi Poem · Poets Of Bihar · ग़ज़ल/गीतिका 1 191 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read "आधुनिकता का परछावा" हरियाणवी काव्य-रचना संख्या:240. "आधुनिकता का परछावा" (वीरवार, 01 नवम्बर 2007) ------------------------------------- कित खोगी वा छटा निराली हरी-भरी गाँव की हरियाली। आधुनिकता का परछावा पड़गया ना दिक्खें ईब हल ठाए हाळी।।... Hindi · Hindi Poem · कविता · हिन्दी कविता 1 178 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read ::: प्यासी निगाहें ::: 241. "प्यासी निगाहें" (वीरवार, 01 नवम्बर 2007) -------------------------------- मंद चिरागों का ये आलम झुलसे हैं परवाने क्यों। प्यासी है क्यूं फिर से निगाहें छलके नहीं पैमाने क्यों।। बादल बड़ा है... Hindi · Hindi Poem · कविता · हिन्दी कविता 1 339 Share Page 1 Next