Posts Tag: दोहा 4k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 39 Next सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read नई पत्तियां खिल गईं---- नई पत्तियां खिल गईं, मनवा देख-देख हर्षाय। बोले पपीहा बागन में, मधुरिम गीत सुनाय।। Hindi · दोहा 3 2 223 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read कोयल बोले बाग में----- कोयल बोले बाग में, अमिया गई बौराय। नन्हीं कलियां खिल रहीं, भौरें रहै अकुलाय।। Hindi · दोहा 1 2 577 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read पतझड़ के दिन बीत गए----- पतझड़ के दिन बीत गए, माह बसन्त है आई। डाली-डाली खिल गयी, कोमल पात सजाई।। Hindi · दोहा 1 2 452 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read भूखा दर-दर भटकि रहा----- भूखा दर-दर भटकि रहा, क्षुधा रही सताय। एक रामफल देखि लिया, खावहिं भूख मिटाय।। Hindi · दोहा 2 218 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read सतजन प्रभु को समझ लिए----- सतजन प्रभु को समझ लिए, मूरख काहि बिसात। आदित्य प्रकाश बिखेर रहा, अज्ञ उल्लू समझै रात।। Hindi · दोहा 2 239 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read झूठन को झूठा लगै------ झूठन को झूठा लगै, सत्य समझ नहिं आई। नदी किनारे वृक्ष जैसे, उल्टी प्रतिबिम्ब बनाई।। Hindi · दोहा 3 2 436 Share विनोद सिल्ला 5 Oct 2021 · 1 min read शब्द शब्द शब्द घोल दें कान में, मिश्री सा मिष्ठान। शब्द लगा दें आग भी, शब्दों को पहचान।। शब्दों ने ही विगत में, करवाए संग्राम। शब्द शांति वाहक बने, दिया अमन... Hindi · दोहा 1 2 262 Share विनोद सिल्ला 5 Oct 2021 · 1 min read तर्क करो फिर जान लो दोहे तर्क करो फिर जान लो, लेना तब ही मान। बात पते की दी बता, रखना इसका ध्यान।। तर्क कसौटी परख लो, सही चढ़े परवान। मीन-मेख भी ना रहे, उन्नत... Hindi · दोहा 1 4 345 Share विनोद सिल्ला 5 Oct 2021 · 1 min read जीवन पतली डोर है विनोद सिल्ला के दोहे जीवन पतली डोर है, जो कुदरत के हाथ। जब तक कायम डोर है, तब तक रहता साथ।। जीवन देख करीब से, जीवन है अनमोल। जीवन पावन... Hindi · दोहा 1 1 206 Share विनोद सिल्ला 5 Oct 2021 · 1 min read साहब तेरे राज में दोहे साहब तेरे राज में, नित-नित मरते लोग। तुझको फुरसत है नहीं, बढ़ता जाता रोग।। ऑक्सीजन की घाट में, फूल रही है सांस। पेड़ काट कर है किया, अपना जीवन... Hindi · दोहा 1 2 221 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read हिय में सुमिरन जो करै----- हिय में सुमिरन जो करै, सो तो साधु होय। पाहन सुमिरन जो करै, साधु ना कहिए सोय।। Hindi · दोहा 1 162 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read प्रभु सुमिरन जो जन न करै------ प्रभु सुमिरन जो जन न करै, करै ना भक्ति विवेक। मूरख दर-दर फिरि रहा, अधम बगुला भक्त अनेक।। Hindi · दोहा 1 321 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मृदु वचन है बोलि रहा------ मृदु वचन है बोलि रहा, समन्वय भाव फैलाय। हरि को जो समझ लिया,साँच पंडित कहलाय।। Hindi · दोहा 2 2 406 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read एक प्रभु की है यह सम्पदा------- एक प्रभु की है यह सम्पदा, जीव-जगत एवं नीर। प्राणि में प्राण संचार करै, चार तत्व संग समीर।। Hindi · दोहा 1 219 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read दुख में हरि को जपि रहा----- दुख में हरि को जपि रहा, सुख में दिया बिसारि। शीतलहर सिर चढ़ि गयो, चादर लियो चढ़ाई।। Hindi · दोहा 1 212 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read वृक्ष घटा व प्राणि सम्पदा----- वृक्ष घटा व प्राणि सम्पदा, प्रभु ने दिया बनाय। एक पताका प्रेम का, रहा सज्जन फहराय।। Hindi · दोहा 1 229 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मात कहै बैनी कहै------ मात कहै बैनी कहै, दोनों नारि कै रूप। राम कहै रहीम कहै, नीर-वारि एकरूप।। Hindi · दोहा 1 213 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मैं को हिय से निकालिया------ मैं को हिय से निकालिया, अब है प्रभु का वास। रजनी के पल बीत गयो, आया मधुरिम प्रभात।। Hindi · दोहा 1 246 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read सब गुन ताहि बसि रहै------ सब गुन ताहि बसि रहै, हिय में तुम्हारे समाहि। कस्तूरी को खोजत फिरै, मूरख मृग वन जाहि।। Hindi · दोहा 1 431 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read एक तरफ माँहि मैं रहै------ एक तरफ माँहि मैं रहै, दूजे हरि माँहि नाथ। मिलन कबहुँ न हो सकै, रजनी कै संग प्रभात।। Hindi · दोहा 1 279 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read गुजरे पल फिर ना मिलैं------ गुजरे पल फिर ना मिलैं, देवहिं ताहि बिसारि।। करम आज ही कर लेवहिं, नाहि करौ विचारि।। Hindi · दोहा 2 232 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read सेवक करम है करि रहा------ सेवक करम है करि रहा, करम से नाता जोड़ि। मानुष जैसी करनी करै, सो वैसा ही फल पाहि।। Hindi · दोहा 1 474 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read साधु प्रीति है बाँट रहा----------- साधु प्रीति है बाँट रहा, नित घूमि दिशि चहुँओर। जाके रही भावना जैसी, खोलि कै भरे पिटार।। Hindi · दोहा 1 213 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मंदिर-मस्जिद में टटोल रहैं------- मंदिर-मस्जिद में टटोल रहैं, मिला न अल्लाह-राम। हृदय में जाके खोजि ल्यौ, तामे प्रभु करै विश्राम।। Hindi · दोहा 1 193 Share राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' 4 Oct 2021 · 1 min read बुंदेली दोहा-कागौर (राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़) *बुंदेली दोहा-* *बिषय-कागौर* *1* जीते जी पूछी नहीं मरे रखत कागौर।। शान दिखावे ऐन है, भरी दिखा रइ पोर।। *** **2** साल भरे धूरा चढी, तस्वीरों पे आज। रख कागौर... Hindi · दोहा 1 1 229 Share RAMESH SHARMA 3 Oct 2021 · 1 min read होशियार बेकार राजनीति की देश मे , ऐसी चली बयार ! बेवकूफ खुशहाल हैं,..होशियार बेकार !! सुविधाएँ सरकार की,..हो जाएँ जो बंद.! रोयेंगे सब से अधिक,भारत मे मति-मंद !! रमेश शर्मा Hindi · दोहा 3 279 Share Mahender Singh 3 Oct 2021 · 1 min read कुछ दोहे बापू देख्या बेटा देख्या, देखा सकल जहान् देखणा छूट गया आपा,कैसे मिलता सुकून . . खाऊं न खाण दयूं , रखूं भूखे का भूखा, संपदा नै सिकोड़ कै,मारूं एक बै... Hindi · दोहा 4 4 344 Share अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य ) 2 Oct 2021 · 1 min read मां शारदे को समर्पित मंच को नमन! काव्य करूॅ प्रारंभ मां, लेकर तेरा नाम। शब्द-शब्द में तुम बसो,भजूॅ सदा अविराम।।(१) छंद ज्ञान कुछ है नहीं, मूढ़ मति अज्ञान। कुछ अनुपम मैं भी लिखूॅ,दे दो... Hindi · दोहा 1 296 Share Mahesh Ojha 2 Oct 2021 · 1 min read गांधी : एक सोच अटल विश्वास शान्ति प्रेम क्षमा और सत्य के मूरत, कहा सुभाष ने बापू जिन्हें अपने सम्बोधन में। बने थे संत जो जग में बिना जपकर कोई माला, चलो सन्मार्ग पर... Hindi · कविता · दोहा · मुक्तक · शेर 3 664 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read दुर्जन-निर्दय सब मिले---- दुर्जन-निर्दय सब मिले, सज्जन मिला ना कोय। जो प्राणी को प्रेम बाँटै, सो लाख पुण्य कमाय।। Hindi · दोहा 1 211 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read काया खूब सँवारि रहा काया खूब सँवारि रहा, करकै हिय दुत्कार। सब यही छूट जाएगा, होगा जग अँधियार।। Hindi · दोहा 1 434 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read भाई-भाई देखो लड़ि रहा भाई-भाई देखो लड़ि रहा, द्वेषभाव अपनाय। एक चला जग छोड़ि कै, दूजा मोती टपकाय।। Hindi · दोहा 1 420 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read मानुष हैं सब एक सा साधु गृह-गृह घूमि कै, रहै प्रेम बरसाय। मानुष हैं सब एक सा, अपना लियो बनाय।। Hindi · दोहा 1 182 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read सीप में पानी ज्यौं पड़ा सीप में पानी ज्यौं पड़ा, पानी-पानी होय। स्वाति नखत में देखि ल्यौ, पानी मोती होय।। Hindi · दोहा 1 194 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read ज्ञान गुरु से पूँछि ल्यौ सदा ज्ञान गुरु से पूँछि ल्यौ, जाति न पूँछै कोय। तोड़ मधुर फल खाइ ल्यौ, वृक्ष न कबहुँ गिनाए।। Hindi · दोहा 1 400 Share विनोद सिल्ला 30 Sep 2021 · 1 min read वर्षा का जल भर गया विनोद सिल्ला के दोहे वर्षा का जल भर गया, गली बन गई ताल। जलमग्न शहर हो गया, हुए बाढ़ से हाल।। झुग्गी सारी ढूब गई, घर से बेघर लोग। मच्छर... Hindi · दोहा 265 Share विनोद सिल्ला 30 Sep 2021 · 1 min read दाढ़ी वाले दोहे दाढ़ी वाले दोहे दाढ़ी तेरी बढ़ गई, कैसा तेरा हाल। दीवानों सा तू लगे, कैसा है जंजाल।। दाढ़ी तेरी सितमगर, बड़ी चार सौ बीस। दमघोटू सी लग रही, रही सभी... Hindi · दोहा 757 Share विनोद सिल्ला 30 Sep 2021 · 1 min read भीम राव अम्बेडकर भीम राव अम्बेडकर भीम राव अम्बेडकर, चले कष्ट की राह। संघर्ष किया उम्रभर, समता जिनकी चाह।। शोषित को हक दे गए, किया बड़ा उपकार। ज्ञान का प्रतीक कह कर, याद... Hindi · दोहा 1 233 Share विनोद सिल्ला 30 Sep 2021 · 1 min read धर्म सियासत जब मिले विनोद सिल्ला के दोहे धर्म सियासत जब मिले, होता खेल अजीब। मार मुकाए आम - जन, नर-नार अरु गरीब।। गाजा - पट्टी धर्म ने, कर दी लहूलुहान। फिलीस्तीन - इजरायली,... Hindi · दोहा 1 254 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 29 Sep 2021 · 1 min read हर सरकारी योजना, हो जाती बेकार। हर सरकारी योजना, हो जाती बेकार। भ्रष्टाचारी तंत्र हैं, इसके जिम्मेदार।। अंधों की सरकार है, बहरों का दरबार। लूट खसोट मचा रहे, सारे लम्बरदार।। जाने क्यों ख़ामोश है, दिल्ली का... Hindi · दोहा 268 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 29 Sep 2021 · 1 min read दोहे अपनों के दुख दर्द में, गिरता है जो नीर। जादू सम करता असर, हर लेता हर पीर।। मँहगी हैं अब रोटियाँ, मँहगाई का दौर। रोजगार दुर्लभ हुआ, मँहगा है हर... Hindi · दोहा 326 Share RAMESH SHARMA 29 Sep 2021 · 1 min read किया नमूना पेश खूब चलाई आपने,.. ..सम्मुख तीव्र बयार । समझ लिया हैं रेत की, क्या मुझको दीवार।। मुँह को अपने सील कर,किया नमूना पेश । कीमत उनके दंभ की, कुछ भी नही... Hindi · दोहा 2 255 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 29 Sep 2021 · 1 min read शहीदे-आज़म पर दोहे ज़िन्दा है वो आज भी, जश्न मनाओ यार देशप्रेम मक़सद रहा, देशभक्ति ही प्यार नमन क्रांतिकारी भगत, तुम अमर महावीर प्राण लुटाये राष्ट्र पर, तुम हो सच्चे वीर क्रान्तिपथ से... Hindi · दोहा 2 380 Share jyoti jwala 27 Sep 2021 · 1 min read भगत सिंह हे वीर भगत सिंह धरा ऋणी है आपके हर बलिदानों की पथ प्रदर्शक, प्रेरणा आप हो आज़ादी के हर दीवानों की, ????????????? Hindi · दोहा 246 Share Dr Archana Gupta 26 Sep 2021 · 1 min read रोटियां 1 कहते रूखी रोटियां, तन को करें निरोग त्याग जीभ की दासता, अपनाओ बस योग 2 दिन भर मजदूरी करें, फिर भी हैं लाचार गिनती की बस रोटियां, खाता है... Hindi · दोहा 3 2 288 Share सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण' 26 Sep 2021 · 1 min read सुप्रभात पवन मनचला हो चला,कदली पत्र झकोर। ज्यों गोपी के वसन को,ले भागे चितचोर।१। अरुण देश में सगुण-सा,खिल आया जलजात। कर्मयोग का कृष्ण ने,किया नव सूत्रपात।२। रक्तिम व्योम-वलक्ष,अरुण-रूप-रस-रंग से। दुःशासन का... Hindi · दोहा 1 2 333 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 25 Sep 2021 · 1 min read हम पागल प्रेमी हईं, लोग कहे नादान दुश्मन के भी दोस्त हऽ, भारत देश महान। आँख टरेरल बंद कर, ऐ मूरख नादान।। झूठे ललकारत हवे, दिखलावत बा शान। कई बार हारल हवे, चीन पाक नादान।। लालच में... Bhojpuri · दोहा 423 Share RAMESH SHARMA 24 Sep 2021 · 1 min read हुआ परखना आपको हुआ परखना आपको, कभी नहींआसान । आँखे तो मेरी तरफ, लेकिन बंद जुबान ।। किया नही संचय कभी,करूँ सदा सत्कार । आईने सा हो गया,..... मेरा भी किरदार ।। रमेश... Hindi · दोहा 2 251 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 23 Sep 2021 · 1 min read सरकारी परियोजना, बन गई झंडुबाम। सब मशीन से हो रहा, मनरेगा का काम। सरकारी परियोजना, बन गई झंडुबाम।। अध्धा पौवा में लुभा, मनरेगा मजदूर। लाभ लिये इस बात का, मुखिया जी भरपूर।। #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य Hindi · दोहा 3 344 Share Mahender Singh 22 Sep 2021 · 1 min read तीन दोहे मारे मारे फिर रहे लोग, धन गया, गया ईमान, व्यवाहरिक नासमझ है, धार्मिक बन बांटे ज्ञान. . रोने को मजबूर हैं लोग, सुनने को नहीं तैयार, बोलते बहुत अधिक हैं,... Hindi · दोहा 3 3 398 Share Previous Page 39 Next