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सुनील कुमार
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2 Oct 2021 · 1 min read
मानुष हैं सब एक सा
साधु गृह-गृह घूमि कै, रहै प्रेम बरसाय।
मानुष हैं सब एक सा, अपना लियो बनाय।।
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
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