Kumar Kalhans Language: Hindi 190 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kumar Kalhans 5 Mar 2025 · 1 min read साथ तेरा चाहता हूं । साथ तेरा चाहता हूं। डूबती संध्या का तारा देखे हमको मुस्कुराए, लौटता पंछी हमारी ओर देखे गुनगुनाए चित्र जाने कितने ऐसे कल्पना में बांधता हूं। साथ तेरा चाहता हूं। दूर... Hindi · गीत 37 Share Kumar Kalhans 4 Mar 2025 · 1 min read सारे गीत समर्पित तुझको। सारे गीत समर्पित तुझको। आंसू व मुस्कान दिए हैं पूरित इनसे गान दिए हैं, भावों की अनदेखी गलियां व राहें अनजान दिए हैं, शूल मिले हैं फूल खिले हैं जो... Hindi · गीत 36 Share Kumar Kalhans 9 Jan 2025 · 3 min read मेमोरियल के लिए ज़मीन। मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं अपने बिल्डिंग के टैरेस पर यूं ही चहल कदमी कर रहा था , एक गीत मन में उमड़ घुमड़ रहा था ,... Hindi · कहानी 88 Share Kumar Kalhans 9 Jan 2025 · 2 min read प्रेम। शरीर जर्जर हो चुका था। मांस हड्डियों से चिपक गया था। सुंदरता , मादकता कर्क रोग के दावानल में भस्म हो चुकी थी। जो सिर कभी केशराशि का नंदन वन... Hindi · कहानी 65 Share Kumar Kalhans 3 Jan 2025 · 1 min read दौरा। मेंटलीजेंट और वदराईयन ब्रेकफास्ट कर रहे थे और साथ ही साथ कुछ राजनैतिक गूफ्तगू भी हो रही थी। एंड्रॉयड टेलीविजन पर न्यूज चल रही थी। - बांग्लादेश में हिंदुओं पर... Hindi · हास्य-व्यंग्य 226 Share Kumar Kalhans 3 Jan 2025 · 1 min read शीतलता के भीतर कितने ज्वाल लिए फिरते हैं। शीतलता के भीतर कितने ज्वाल लिए फिरते हैं। पीड़ाओं के आगे सुख की ढाल लिए फिरते हैं। दुख की आपाधापी सागर के लहरों के जैसी, कितना मथती क्या बतलाएं तरल... Hindi · कविता · गीत 170 Share Kumar Kalhans 3 Jan 2025 · 2 min read नामकरण। छोटे भाई का विवाह संपन्न कर पूरा परिवार वापस मुम्बई आ गया था। चार बहनों का एकमात्र दुलारा भाई था। सब लोग बहुत प्रसन्न थे। एक बहन ने विवाह सकुशल... Hindi · कहानी 210 Share Kumar Kalhans 3 Jan 2025 · 1 min read सजनी तेरी बात चली तो धूप चांदनी बन मुसकाई। सजनी तेरी बात चली तो धूप चांदनी बन मुस्काईं। सूखी रुत में कारी बदरी आई व मुझपर लहराई। परिवर्तित हो गया सभी कुछ , धूप के टुकड़े चंदन बनकर, लिपट... Hindi · गीत 200 Share Kumar Kalhans 3 Jan 2025 · 1 min read चाटते हैं रात दिन थूका हुआ जो। चाटते हैं रात दिन थूका हुआ जो , गीत स्वाभिमान के वे गा रहे हैं। नाम पद की लालसा में व्यथित होकर, कूट कीचड़ में मलिन मन लोटते हैं, चाह... Hindi · गीत 239 Share Kumar Kalhans 30 Dec 2024 · 1 min read चाटते हैं रात दिन थूका हुआ जो। चाटते हैं रात दिन थूका हुआ जो , गीत स्वाभिमान के वे गा रहे हैं। नाम पद की लालसा में व्यथित होकर, कूट कीचड़ में मलिन मन लोटते हैं, चाह... Hindi · कविता 192 Share Kumar Kalhans 15 Dec 2024 · 1 min read तितलियों जैसे पल। तितलियों जैसे पल मिलें तो , न पकड़ो उनको, उन्हें अपने आसपास, उड़ने, फड़फड़ाने दो, ये जो हसीन वक्त मिला है, उसे कैद करने की हवस में , उन्हें मत... Hindi · कविता 103 Share Kumar Kalhans 14 Aug 2024 · 2 min read स्त्री। नहीं....................। ईश्वर की सभा में एक महीन पतली आवाज बहुत ही तेज सुर में गूंजी। इतनी तेज कि वहां उपस्थित सभी देवगणों को अपने कान पर हाथ रखना पड़ा। किंतु... Hindi · कहानी 116 Share Kumar Kalhans 10 Jul 2024 · 1 min read आंसू तुम्हे सुखाने होंगे। आंसू तुम्हे सुखाने होंगे। डूब गए यदि इनके भीतर, पूरी दुनियां धुंधलाएगी, एकाधिक यदि मिले सहारे, बाकी वसुधा कतराएगी, सबको भय लगता है भय से, सबके पास बहाने होंगे। आंसू... Hindi · गीत 224 Share Kumar Kalhans 30 Jun 2024 · 1 min read बन गई हो एक नगमा। बन गईं हो एक नगमा गुनगुनाता है कोई। अपनी ख़ामोशी में भी तुझको बुलाता है कोई। तुम जहां पर पांव रखती हो वहाँ की धूल को। अपने हाथों से उठा... Hindi · ग़ज़ल 181 Share Kumar Kalhans 30 Jun 2024 · 1 min read वक्त के संग हो बदलाव जरूरी तो नहीं। वक्त के संग हो बदलाव जरूरी तो नहीं। वक्त भर देगा हर एक घाव जरूरी तो नहीं। तमाम उम्र तपिश में ही गुजर सकती है। बुझेगा वक्त का अलाव जरूरी... Hindi · ग़ज़ल 139 Share Kumar Kalhans 30 Jun 2024 · 1 min read मां। उसके निर्दोष नयनों में, उत्साह की चमक थी, उसके दोषरहित मुखड़े पर, निश्छल प्रेम था, भय , लाज , झिझक, न ऐसा कोई विचार था, जब उसने मेरे गले में,... Hindi · गद्य कविता। 148 Share Kumar Kalhans 30 Jun 2024 · 1 min read मैं अंतिम स्नान में मेरे। मैं अंतिम स्नान में मेरे। मेरे अपने पास रहेंगे, दूर रहेंगे पता नहीं है, संबंधों का जग स्वतंत्र है, वृक्ष से लिपटी लता नहीं है, क्या उस पल मैं वहां... Hindi · गीत 157 Share Kumar Kalhans 30 Jun 2024 · 1 min read गीत सुनाता हूं मरघट के सुन पाओगे। गीत सुनाता हूं मरघट के,बतलाओ क्या सुन पाओगे। जलती हुईं चिता के लपटों के उदास नर्तन को लखकर, जीवन के निस्सार सार की कुछ कड़वी बूंदों को चखकर, लौट इसी... Hindi · गीत 154 Share Kumar Kalhans 30 Jun 2024 · 2 min read दो जूते। मैं दिल्ली घूमने गया था। वहां एक ग़ज़ब नजारा देखा। वैसे भी दिल्ली अजब गजब नजारों के लिए मशहूर है। एक मंत्री मा र्ले ना पानी के लिए उपवास पर... Hindi · लघु कथा 157 Share Kumar Kalhans 30 Jun 2024 · 1 min read स्काई लैब जब बहुत छोटे से थोड़ा बड़ा था तब sky lab का मलबा धरती पर गिरने वाला था। ज़ाहिर सी बात है कि गिरता पृथ्वी के किसी छोटे से हिस्से पर... Hindi · संस्मरण 155 Share Kumar Kalhans 27 May 2024 · 1 min read मुश्किल है अपना मेल प्रिय। मुश्किल है अपना मेल प्रिय। तुम व्हाट्सएप पर लगी रहो, मैं एफबी पर ही रहता हूं, तुम स्टेटस में उलझी हो, मैं लाइक्स गिनता रहता हूं, जीवन भर चलने वाला... Hindi · गीत 1 200 Share Kumar Kalhans 26 May 2024 · 1 min read आंसुओं से अपरिचित अगर रह गए। आंसुओं से अपरिचित अगर रह गए, तो हंसी में सरसता नहीं आएगी, भाव के बादलों से न पहचान हो, तो नदी में तरलता नहीं आएगी। ठोकरों से हैं भरपूर राहे... Hindi · गीत 113 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read ढल गया सूर्य फिर आएगा। ढल गया सूर्य फिर आएगा। माना संध्या गहराएगी, फिर रात उतर कर आएगी, लेकर काले रंग को रजनी पूरे जग को नहलाएगी, पर भोर सभी को धो देगी इक चिन्ह... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 110 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read पीले पत्ते दूर हो गए। पीले पत्ते दूर हो गए। हरी डाल की हरियाली में, इनका काफी योगदान था, जब तक किरणे सोख रहे थे, इनका काफी मान दान था, समय आ गया है अब... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 138 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read खुद को समझ सको तो बस है। खुद को समझ सको तो बस है। भटक भटक कर थक जाओगे, चाहत कुछ है कुछ पाओगे, जो पाया संतोष करो भी, अपने मन को समझाओगे, बाहर मरूथल का शासन... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 122 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read आज अकेले ही चलने दो। आज अकेले ही चलने दो। पथ परिचित है पीर पुरानी, पर उसमें कुछ बात अजानी, आज न तुमसे बांट सकूंगा, अनजाने दुख की हैरानी, मेघों से अच्छादित नभ में आज... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 128 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read संभवतः अनुमानहीन हो। संभवतः अनुमानहीन हो, ये जग कितना एकाकी है। दीयों का मेला दिवाली, वे समूह में मुस्काते हैं, दूर से देखो तो लगता है, एक ही सुर में सब गाते हैं,... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 118 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read परछाई उजली लगती है। परछाई उजली लगती है, कितना दुष्कर मलिन समय है। हम कितने काले हो सकते हैं, इसका अनुमान हो रहा, हम में कितना दोष भरा है, इसका कुछ कुछ भान हो... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 129 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read हो न हो हम में कहीं अमरत्व तो है। हो न हो हम में कहीं अमरत्व तो है। हमने रखा है हलाहल को गले में, वासुकी को हमने है रस्सी बनाया, सामने न इंद्र के घुटने टिके हैं, हमने... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 120 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read उन्हें पुकारो। उन्हें पुकारो जिनके आने से, मन की पहचान खरी हो। मरुथल कोशिश भी कर लें पर , नागफनी ही दे पाएंगे, रेत ही जिनका मन हो तन में, नमी कहां... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 176 Share Kumar Kalhans 10 May 2024 · 1 min read जीवन का त्योहार निराला। जीवन का त्योहार निराला। ढोलक की थापों के भीतर, शहनाई का राग करुण है, मरुथल के हिर्दय में बसता, सपनो का संसार वरुण है, खिलखिल रंगो के हिरदय में, छिपा... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 152 Share Kumar Kalhans 5 May 2024 · 1 min read यूं ही रंग दिखाते रहिए। यूं ही रंग दिखाते रहिए। ठोकर खायी है बहुधा पर भूल गया और कदम बढ़ाए, याद अगर सब कुछ रखे तो कैसे कोई आगे जाए, मुझे याद रह जाए सब... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 102 Share Kumar Kalhans 5 May 2024 · 1 min read धोने से पाप नहीं धुलते। धोने से पाप नहीं धुलते। गंगा यमुना के संगम पर या गंगा सागर तट जाओ, तन धोकर शुद्ध किया खुद को तुम अपने मन को बहलाओ, इतनी आसानी से लेकिन... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 191 Share Kumar Kalhans 5 May 2024 · 1 min read दुनिया चतुर सयानी बाला। दुनियां चतुर सयानी बाला। अपने मादक हाव भाव से फुसलाती है बहलाती है, जब उसकी माया चल जाती खूब हमें यह उलझाती है, पीकर जिसे छोड़ना मुश्किल ऐसी सोम सुरा... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 157 Share Kumar Kalhans 5 May 2024 · 1 min read सूरज अंकल जलते जलते देखो इक दिन जल मत जाना। सूरज अंकल जलते जलते देखा इक दिन जल मत जाना। जल जाओगे यदि , धरती पर कौन उजाला लायेगा, अंधियारे में भूत चोर का भय कितना बढ़ जायेगा, मन के... Poetry Writing Challenge-3 · बाल कविता 1 169 Share Kumar Kalhans 5 May 2024 · 2 min read डीजे। भारत में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो डीजे नामक असुर के प्रकोप से बचा हो। हर शुभ कार्य में इस राक्षस की सम्माननीय उपस्थिति अनिवार्य है। हर शोभा... Hindi · लेख 198 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 2 min read कल रात सपने में प्रभु मेरे आए। कल रात सपने में प्रभु मेरे आए, भक्त वत्सल थे , वात्सल्य रस से नहाए, मुझसे यह पूछा, वत्स क्या कष्ट है, विचलित क्यों इतना है, इतना क्यों रुष्ट है,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 202 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read कर्ज जिसका है वही ढोए उठाए। कर्ज़ जिसका है वही ढोये उठाये। देवकी के अश्रु से गोकुल क्यों भीगे, क्यों यशोदा की व्यथा हो देवकी की, गोपियों के प्रेम को मथुरा क्यों समझे, जान क्यों पाए... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 98 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read कैसे परहेजगार होते हैं। कैसे परहेज़गार होते हैं। हम तो पीकर बीमार होते हैं। **** कौन उनके गुनाह गिनवाए। पाक सब पहरेदार होते हैं। **** जिस्म-ए-मुद्दा एक हो लेकिन। उसके चेहरे हज़ार होते हैं।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 142 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read मैं जब भी चाहूंगा आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मैं जब भी चाहूँगा आज़ाद हो जाउंगा ये सच है। मगर मैं ये कभी कर ही नहीं पाउँगा ये सच है। ज़माना आएगा समझाएगा देगा तसल्ली पर। मैं तन्हाई में... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 122 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read पुर शाम की तन्हाइयां जीने नहीं देती। पुर शाम की तन्हाईयाँ जीने नहीं देती। उस पर ये सितम वह मुझे पीने नहीं देती। मैं जानता हूँ जख़्म सब नासूर बनेगें। पर लरज़ती यादें इन्हें सीने नहीं देती।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 131 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read बूढ़े लोग। बूढ़े लोग, जिनके झुर्री भरे चेहरे में छिपा है दशकों का इतिहास, इतिहास जिसमे उनके अनगिनत छोटे बड़े संघर्ष हैं, किसी में जीते हैं किसी में हारे हैं, कही हार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 107 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read मुद्दा सुलझे रार मचाए बैठे हो। मुद्दा सुलझे रार मचाए बैठे हो। पर खुद को ही गांठ बनाए बैठे हो। कैसे आगे बढ़कर तुमसे गले मिलें। हाथों में हथियार उठाए बैठे हो। गुल कैसे खिल पाएं... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 103 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read यही रात अंतिम यही रात भारी। यही रात अंतिम यही रात भारी। आनंद अतिरेक अनुपम अबोला, अदभुद ही आएगा प्राची से डोला, कण कण सुवासित प्रभासित करेगा, उपहार लाएगा किरणों का मेला, वंचित न कर देना... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 132 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read सुरूर छाया था मय का। सुरूर छाया था मय का , कूबूल है मुझको, मेरे हाथों ने , तेरी हथेली को मैंने जब पाया था, अपने अहसास से भीगे हुए , हाथों से जब, मैंने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 119 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read गीत नया गाता हूं। गीत नया गाता हूं। अपने हठयोग से नभ को झुकाया है, गर्वीला सागर भी हाथ जोड़ आया है, जीवन से भर दिया हाथों को फेरकर, प्रस्तर कठोर को मोम सा... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 121 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read सबकी आंखों में एक डर देखा। सबकी आंखों में एक डर देखा। देखा जंगल की एक शहर देखा। .... कुछ भी मुमकिन है इस रिसाले में। राह देखी है और सफर देखा। .... देखा महलों को... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 88 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read गर तू गैरों का मुंह ताकेगा। अपनी ताकत भूल के गर तू गैरों का मुंह ताकेगा। इस दर से उस दर तक पूरी उम्र तू पतरी चाटेगा। ***** कई पीढियां गुजर चुकी हैं लापरवाही झेल रहा।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 90 Share Kumar Kalhans 27 Apr 2024 · 1 min read कैसे एतबार करें। एक ही गलती बार बार करें। कैसे हम तुझपे एतबार करें। .. लुत्फ इसमें भी खूब आता है। मुसलसल तेरा इंतजार करें। .. चाशनी बन लिपट के वार करें। एक... Hindi · ग़ज़ल 98 Share Kumar Kalhans 25 Apr 2024 · 1 min read बाबा , बेबी। 2024 के आम चुनाव समाप्त हो चुके हैं। देश के चिर युवा नेता मुंह लटकाए , रोनी सूरत बनाए बैठे हुए हैं। उनके आगे पीछे उनके चिर परिचित सलाहकार बुझे... Hindi · कहानी 103 Share Page 1 Next