Arun Prasad Language: Hindi 498 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 10 Arun Prasad 26 Sep 2021 · 2 min read राजनीति का वोट राजनीति का वोट --------------------------------------------- राजनीति, वोट मांगे तुम बहुत अपने दुकानों के लिए। अब उबरकर स्वार्थता से बस तुम्हें राष्ट्रवादी होना चाहिए। कौन पत्थर दे कुचल सिर,क्या पता दूसरा कोई... Hindi · कविता 169 Share Arun Prasad 26 Sep 2021 · 1 min read यह तेरा,मेरा और उसका शहर ******************************** नयन धुले हैं पर,धुंआ-धुआं है शहर। खामोशियों में जज्ब,नपा-तुला है शहर। वीरान जंगल का सिलसिला है शहर? परत दर परत प्रेत का टीला है शहर। हर दरवाजे पर ही... Hindi · कविता 136 Share Arun Prasad 26 Sep 2021 · 4 min read चलो गाँव चलें --------------------------------- रास्ते बिखरे थे या मेरा वजूद था बिखरा! गाँव तो अब भी होता रहा है वैसा हरा-भरा। वह हरियाली मेरे शरीर का हिस्सा था। मेरे अस्तित्व का बड़ा मशहूर... Hindi · कविता 272 Share Arun Prasad 26 Sep 2021 · 1 min read उपहार --------------------- शोक-मग्न है भावी पीढ़ी कैसा यह उपहार! हवा विषैली,दूषित पानी एवम् नग्न पहाड़। रोटी और दाल के लिए लड़ रहे थे लोग। अब तो हवा,पानी को झगड़ रहेंगे लोग।... Hindi · कविता 168 Share Arun Prasad 26 Sep 2021 · 1 min read गाँव की गलियों के बदल गये हैं संस्कार गाँव की गलियों के बदल गये हैं संस्कार। इसमें अब आग है और भूख से तड़पा हुआ नफरत। दयावान दरवाजे दहशत में और शोषण से बौखलाया आदमी आपे से बाहर।... Hindi · कविता 172 Share Arun Prasad 26 Sep 2021 · 1 min read नया वर्ष -------------------------------------------------------------- चाँद के दिन लदे,सूरज उतरेगा अब सब के आंगन में। लाल-पीली रौशनी से लदा चमकेगा सब के प्रांगण में। हमारे आकांक्षाओं के यादों के शव पर खड़ा होगा सूरज।... Hindi · कविता 141 Share Arun Prasad 26 Sep 2021 · 1 min read आज़ादी "'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''' किसने खोजा था आज़ादी किसने चाहा था आज़ादी। था कौन समझता आज़ादी! जिस अर्थ में अब है आज़ादी। अनुशासित क्यों न हो आज़ादी? सम्पादित क्यों न हो आज़ादी? पर्वत... Hindi · कविता 148 Share Arun Prasad 25 Sep 2021 · 2 min read भूली-बिसरी यादें ------------------------------------------------------ आपसे मिले तो याद आ गयी कुछ बातें। बिसरने लगी कुछ बातें। क्यांकि आप थे सौन्दर्य दुःस्वप्न की तरह आपाद मस्तक। याद आई हमें फुलों की खुश्बू, आधी रात... Hindi · कविता 412 Share Arun Prasad 25 Sep 2021 · 2 min read क्यों! रणातुर रहा -------------------------------------------------------------- जिन्दगी मुझसे और मैं जिन्दगी से लड़ने को सज्ज था। सारा विश्व मुझे पराजित होता देखता खड़ा निर्लज्ज था। व्यक्ति मैं अकेला समूह के विरुद्ध सिर्फ रण का प्रण... Hindi · कविता 1 208 Share Arun Prasad 25 Sep 2021 · 1 min read आत्मा को शांति नहीं है आत्मा को शांति नहीं है। यह आत्मा शहर की है। जिन्दा आत्मा गयी मर सी है। कर रहा कितना शोर है यह। दूषित आवाजों में विभोर है यह। यह एक... Hindi · कविता 159 Share Arun Prasad 25 Sep 2021 · 1 min read करगिल दिवस पर मेरा नमन वह अमर बलिदान हमारे राष्ट्र का है शौर्य और सम्मान। मेरा नमन। वह तुम्हारा युद्ध के दौरान रक्षक का लिए अभिमान दधिची की तरह कर देना प्राणदान। तुम्हारे अद्भुद उस... Hindi · कविता 180 Share Arun Prasad 25 Sep 2021 · 2 min read कौन हूँ?-----मैं? ************************************************** रोपता हूँ हर वर्ष मैं अपना अविभाजित भविष्य। देखता हूँ मेरे देह पर लिपटा हुआ मेरे शव का दैत्याकार दृश्य। काटता हूँ कोई न कोई अपना कुपोषित विकृत अंग... Hindi · कविता 221 Share Arun Prasad 25 Sep 2021 · 1 min read हादसा जिन्दगी ----------------------------------------- जिन्दगी कुछ नहीं हादसे के सिवा। कुछ अच्छे, बुरे कुछ नशे के सिवा। स्याह और सर्द दर्दों का है सिलसिला। जन्म का हर्ष मृत्यु का हारा किला। कुछ हंसने... Hindi · कविता 366 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 1 min read शीर्षहीन जोश और जज़्बात नारों में बहुत तेरे है दोस्त। कुछ न बदले,नारों से ज्वाला निकलना चाहिए। राष्ट्रभक्ति की हमें भाषण सुनाये तुमने बहुत। अब तो तेरे कर्म से ऐसा ही... Hindi · कविता 230 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 1 min read गजल ------ चाहने वालों ने मुझसे मुंह फेर लिया चाहने वालों ने मुझसे मुंह फेर लिया मुझे मुझमें कोई पटक गया सा है दोस्त दिल में जलजला सा कुछ पैठ गया. कोई उजाला दरक गया सा है दोस्त. कुछ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 268 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 1 min read शहर आक्रोश में है मौत पर मेरे -------------------------------------- शहर आक्रोश में है मौत पर मेरे। पर,नहीं बेहोश होता मौत पर मेरे। चल पड़ा है फिर,सेंक कर रोटियाँ। खरीदेगा फिर,मुर्दा हुई जो बोटियाँ। रसास्वादन रसों में नहीं,है राजनीति... Hindi · कविता 133 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 1 min read शाश्वत हो हमारा गणतन्त्र दिवस --------------------------------------- शाश्वत हो हमारा गणतन्त्र दिवस। हमें रहे बचाए सदा होने से परवश। हमारी आकांक्षा को प्रभु का वर रहे। स्वतंत्रताएँ सारे विश्व में अमर रहे। प्राप्त हो गणतन्त्र को... Hindi · कविता 234 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 2 min read मैं आदमी हूँ (अरुण कुमार प्रसाद ) ------------------------------------------------- मैं आदमी हूँ। जीव के श्रेष्ठ संयोजन के तहत संयोजित। अपरिभाषित पुतला नहीं। स्वच्छ वाणी है मेरी। मैं रहा तुतला नहीं। आदमी का अस्तित्व व्यक्तिपरक... Hindi · कविता 548 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 2 min read सप्ताहांत तक सात दिन सात सुख,दु:ख ------------------------------- सप्ताह का प्रथम दिन उत्सव सा महकता है। बिस्तर से उतरते हुए, देहरी से उतर रास्ते पर आते हुए मन शांत और मष्तिष्क निश्चिन्त। चुनौतियों से भिड़ने,देह प्रस्तुत। दोस्त... Hindi · कविता 177 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 1 min read होना साम्राज्ञी ------------------------------------------ भाग्य नहीं है होना साम्राज्ञी- तुम्हारा देह, नैन-नक्श कामुक बस। विकल्प एक और है- धनाढ्य हों अभिभावक। यह सत्य है। बाकी सारा कुछ पारिस्थितिक असत्य है। साम्राज्ञी होकर क्या... Hindi · कविता 406 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 1 min read सुख क्यों है सुख -------------------- द्वेष का देह है सुख का। अहम् का मन। ईर्ष्या के रक्त से हुआ है मांसपेशियों का गठन। समृद्धि में सुख पहचानने को आतुर। सुख की समृद्धि देता है... Hindi · कविता 409 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 1 min read स्त्री फिर से जीवन में स्त्री ही फिर से है। आप कुरुक्षेत्र का युद्ध जीतकर आयें आप कार्यालयों में आजीविका खो कर आयें आप अपना अस्तित्व बचाते आहत होकर आयें आप खुद से... Hindi · कविता 198 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 2 min read वर्षों बाद तुम्हें देखा --------------------------------------------------- वर्षों बाद तुम्हें देखा आशंकित तमन्ना नगर देखने की थी। किन्तु, तुम बेतरतीब थे आज भी जंगल की तरह। तुम्हारे बेतरतीब ज़ुल्फों से ही तो हमें प्यार था। छूने... Hindi · मुक्तक 207 Share Arun Prasad 18 Sep 2021 · 9 min read अचिकित्सकीय लोगों हेतु थोड़ी चिकित्सकीय जानकारी ----------------------------------------------------------- संक्रमण :- वायरल(सूक्ष्म-जीवाणु जनित) और बैक्टीरियल(जीवाणु जनित) -------------------------------------------------------------------------------- वायरल अति सूक्ष्म जीवाणु है और बैक्टीरिया से भी सूक्ष्म होता है। वायरल संक्रमण वायरस के कारण होता है तथा यह... Hindi · लेख 305 Share Arun Prasad 18 Sep 2021 · 1 min read आदमी ----------------------------------------------------- आदमी,तुम्हें सारे भूले पल याद आ जाते हैं आदमी होने के और जानवर होने के भी। राज की बात भी और रोज़मर्रा की भी। याद आ जाते हैं खुशनुमा... Hindi · कविता 201 Share Arun Prasad 17 Sep 2021 · 2 min read इस्तीफा अर्जी ना लिखे हाँ जी पास तो वे थे ग्रेस अंक से। आया सुखाड़ बालू में खलबली मारे दहाड़.। ताजमहल उत्पीड़न–प्रतीक मेरा विचार। नदिया चली चले बिना ही थकी बालू... Hindi · हाइकु 238 Share Arun Prasad 15 Sep 2021 · 1 min read अभियंता दिवस अभियांत्रिकी सभ्यताका रत्न है,उसका वाहक और कारक । Hindi · लेख 154 Share Arun Prasad 14 Sep 2021 · 1 min read सड़क पर संसद -------------------------------------- संसद सड़क पर आने के लिए ले रहा है जुंबिश भरी अंगड़ाई। क्या-क्या बताए क्या पता सड़क को सहलाये क्या पता हमारे पैरों को तोड़ दे उसमें या,खुदवा दे... Hindi · कविता 186 Share Arun Prasad 14 Sep 2021 · 1 min read सालों बाद वह गाँव -------------------------------------------------- सालों बाद वह गाँव लौटेगा। उन पगडंडियों को खोजेगा। कितने! सधे कदम होते थे उसपर। उसे स्कूल और हाट-बाजार ले जाता था। नंगे पैरों से घिस-घिस खेत से बना... Hindi · कविता 182 Share Arun Prasad 14 Sep 2021 · 4 min read आत्मकथा दंगे की ------------------------- सृष्टि के साथ जन्मा नहीं मैं। ईश्वर नहीं है मेरा पिता। मनुष्य सभ्य होने लगा तब मैं लेने लगा बीजरूप। मनुष्य के संस्कार में जब अहंकार करने लगा घर... Hindi · कविता 364 Share Arun Prasad 14 Sep 2021 · 3 min read आजादी के अलबम का पहला पन्ना (1) वे थे आजादी मांग रहे। खुद को सूली पर टांग रहे। वे भारत के दुख से पीड़ित थे। पुरजन के दुख से दु:खित थे। वे नहीं सिकंदर के ‘विस्तार’... Hindi · कविता 221 Share Arun Prasad 13 Sep 2021 · 4 min read ताजमहल,रूप तीन यमुना–तीरे मुस्कुरा रहा। चाँदनी रात में नहा रहा। स्तब्ध‚ मौन कुछ बोलो तो। कुछ बात व्यथा की ही कह दो अथवा इतिहास बता रख दो। अपनी सुषमा का भेद सही‚कुछ... Hindi · कविता 234 Share Arun Prasad 13 Sep 2021 · 1 min read गोरी तोरे अँगना में कौन रहा नाच ------------------------------------ गोरी तोरे अँगना में कौन रहा नाच! होली के रस्म सारे कौन रहा बाँच? किसने गुलाल मला कहो गाल-गाल? पिया परदेशी कैसे कर गया कमाल? कैसे चुनरिया का रंग... Hindi · गीत 184 Share Arun Prasad 13 Sep 2021 · 1 min read कलिंग का पाप ---------------------------- पाप था कलिंग का होना, स्वाभिमानी! कि अशोक की महत्वाकांक्षाओं का होता रहना अभिमानी? सम्मान, कहते हैं, छीने नहीं जा सकते। किन्तु, यह तो सभ्यता के दौर का है... Hindi · कविता 199 Share Arun Prasad 13 Sep 2021 · 1 min read तीली ----------------------------------------- टकराकर अपने ही अंश से राख बन जाना नियति है हमारी। ऊर्जा उंडेलकर,रौशनी उपजाकर तम का दाग बन जाना सिद्धि है हमारी। तिल-तिल जलना मेरा, अंधेरे को, उजाला बनाए... Hindi · कविता 343 Share Arun Prasad 10 Sep 2021 · 10 min read प्रादुर्भाव सृष्टि का प्रादुर्भाव सृष्टि का --------------आदि का अंत,अंत का होना तथा नवीन ------------------------------------------------------------------------------------ निविड़ तम व प्रकाश प्रतिद्वन्दि कहीं क्या था द्वंद का अंत! कुक्षि में इनके जाने कौन मौन सा पड़ा... Hindi · कविता 1 494 Share Arun Prasad 9 Sep 2021 · 1 min read बहुत दुःखित है दुनिया दुःख कोई कम कर देता बहुत दुःखित है दुनिया दुःख कोई कम कर देता। इस युग के समुद्र–मंथन का विष कोई पाी लेता। सेंक रहा है किन्तु‚ वह कैलाश के हिम में देह। वह होता... Hindi · कविता 1 198 Share Arun Prasad 9 Sep 2021 · 1 min read क्षणिकाएँ शरम बेशरम हम हो गये तो शर्म में डूबी हो तुम। शर्म तब आयी मुझे जब बेशरम बन खुल पड़ी। ---------------------------------------------- सौन्दर्य को डर --------------- किसी लावण्यमयी के कपोलों को... Hindi · मुक्तक 227 Share Arun Prasad 9 Sep 2021 · 1 min read चाँद के ओठ पे मुहब्बत का इतिहास अपने प्यार के हर किस्से को करें खास चलें। और इस श्वेत चाँदनी में बैठें हम गुनाह करें। हर हुस्न के आतिश को लगा दिया आतिश आज चाँद चूमें चलो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 356 Share Arun Prasad 9 Sep 2021 · 1 min read हाईकु जितना जियो। रहती है अधूरी। लिप्सित लोभ। कवि श्रीमान! आशय या कथन? योद्धा कि भाट। नींद न आयी। दु:ख के कारण ही। खुशी मारे भी। Hindi · हाइकु 279 Share Arun Prasad 8 Sep 2021 · 1 min read हे, कृष्ण --------------------------------------------------------- हे कृष्ण,तुम्हारे ग्रन्थों ने तुझे चाणक्य बना दिया। जीवन में आदमी से ईश्वर का मानक बना दिया। गौ-चरवाहे से चतुर्भुज विष्णु का अवतार बनकर। मानव-धर्म को धरती पर तूने... Hindi · कविता 1 2 189 Share Arun Prasad 7 Sep 2021 · 1 min read लड़ाई लड़ते रहे। आज भी बेवजह। पति व पत्नी। खगों का प्रेम। चले जीवन भर। तलाक को ना। ये आविष्कार। अभागा है बहुत। युद्ध लड़ेगा। शांति के लिए। शांति सुलगाते हैं।... Hindi · हाइकु 390 Share Arun Prasad 7 Sep 2021 · 1 min read युद्ध शांति के लिए। इतिहास का युद्ध। शांति हताश। रक्त में डूबा। युद्ध का इतिहास। दर्प जिंदा है। प्राण का नहीं। युद्ध कल्याण का हो। जियो,जीने दो। शांति के लिए। युद्ध... Hindi · हाइकु 1 205 Share Arun Prasad 7 Sep 2021 · 2 min read व्यक्त करने हैं व्यथा -------------------------------------------------- वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा। पीड़ा आसमान का ही बहुत था, वह सुनाने में विभोर। मुझे अवसर नहीं मिला। इसलिए मृत्यु के साथ हो लिया। उसके साथ... Hindi · कविता 1 231 Share Arun Prasad 6 Sep 2021 · 2 min read ईश्वर की खोज ‘मेरा सुख सौंदर्य में है। क्योंकि मेरी क्षुधा सौंदर्यशालिनी है।‘ मैंने बार-बार वाक्य के इस अतुलनीय अंश को स्वयं को सुनाया और विस्मृत न किए जाने की चेतावनी दी। इतना... Hindi · लेख 1 268 Share Arun Prasad 5 Sep 2021 · 2 min read वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा -------------------------------------------------- वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा। पीड़ा आसमान का ही बहुत था, वह सुनाने में विभोर। मुझे अवसर नहीं मिला। इसलिए मृत्यु के साथ हो लिया। उसके साथ... Hindi · कविता 311 Share Arun Prasad 5 Sep 2021 · 2 min read दर्द छोटा करते जाना है ------------------------------ औंधा पड़ा आसमान गाँव में । समझ में न आने लायक बड़ा है। क्या है प्रयोजन विशाल होने का? शायद इसके सारे कमियों को छुपाने हेतु जी-जान से पड़ा... Hindi · कविता 211 Share Arun Prasad 4 Sep 2021 · 1 min read सहमा हुआ आया है जीता गाँव सहमा हुआ आया है जीता। सारे घुटन और त्रास एकाकी पीता। गाँव शतरंज की बिसात सा बिछा है। कौन किसको खेलेगा बात-बात में छिपा है। शहरों में आकर झूठ... Hindi · कविता 147 Share Previous Page 10