मनोज कर्ण Language: Hindi 262 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next मनोज कर्ण 10 Oct 2021 · 2 min read कुछ मत कहो... कुछ मत कहो... ~~~~~~~~~~~ कुछ मत कहो... जब सुनने को कोई तैयार नहीं , अपनी ही धुन में है सब , अब बन्दगी दीदार नहीं। प्रेम की भाषा तो बेअक्ल... Hindi · कविता 4 612 Share मनोज कर्ण 5 Oct 2021 · 2 min read अन्नदाता,तू परेशान क्यों है...? अन्नदाता,तू परेशान क्यों है...? जिसने तुम्हारे खून पसीने की कमाई, सदा ही मिल बांट कर खाई, तेरे मेहनत की कमाई से, अपनी महलें है बनवाई । समझो तो सही,वो आढ़तिया... Hindi · कविता 6 8 1k Share मनोज कर्ण 3 Oct 2021 · 1 min read पितृपक्ष पितृपक्ष °°°°°°°° फल्गु नदी का पावन तट हो , साथ में वृक्ष अक्षयवट हो। पितृपक्ष पखवाड़े में पुण्यतिथि देख , हम पितरों को तर्पण करते हैं। अंजुलि में जल पुष्प... Hindi · कविता 4 4 597 Share मनोज कर्ण 2 Oct 2021 · 1 min read मृत्यु या साजिश...? मृत्यु या साजिश...? ~~°~~°~~° जय जवान,जय किसान का नायक, कर्तव्य की बलि वेदी पर , ताशकंद में मृत हुआ था । रोया था सारा भारत तब, ग्यारह जनवरी छियाछठ को... Hindi · कविता 9 6 2k Share मनोज कर्ण 2 Oct 2021 · 1 min read पिता की छाँव... पिता की छाँव ~~~~~~~ अँखियों में अरमाँ संजोए,निर्बल थी काया, पिता की छाँव कहूँ या बरगद की छाया... खो गया जब आज मैं , अतीत की यादों में । बचपन... Hindi · कविता 5 4 1k Share मनोज कर्ण 29 Sep 2021 · 1 min read चलो चाँद पर झूला डालें... चलो चाँद पर झूला डालें... आया सावन रूत मनभावन , चलो चाँद पर झूला लगाएं । ये धरती हुई अब हलकान, चलो चाँद पर झूला डालें... काम अभिषिक्त से तप... Hindi · कविता 10 14 894 Share मनोज कर्ण 24 Sep 2021 · 1 min read ऐसा कोई शिखर नहीं .. ऐसा कोई शिखर नहीं .. ऐसा कोई शिखर नहीं .. जिसे हम छू नहीं सकते, ऐसा कोई डगर नहीं.. जिस पर हम बढ़ नहीं सकते। याद कर उन चित्रांशों को,... Hindi · कविता 2 2 631 Share मनोज कर्ण 24 Sep 2021 · 1 min read तेरा धुन प्रभु जब सुनता हूँ... तेरा धुन प्रभु जब सुनता हूँ... तेरा धुन प्रभु जब सुनता हूँ... मन विकल-विकल हो उठता है। पाता हूँ खुद को पिंजरे में, तन आकुल व्यग्र हो उठता है। तेरा... Hindi · गीत 2 642 Share मनोज कर्ण 20 Sep 2021 · 1 min read ख्वाब अभी बाकी है... ख्वाब अभी बाकी है... ख्वाब अभी बाकी है... जिंदगी ढलने को करीब है, पर ख्वाब अभी बाकी है, हसरतों से भरी जिंदगी में, द्वंद अभी बाकी है... जीवन क्षितिज से... Hindi · कविता 7 6 1k Share मनोज कर्ण 18 Sep 2021 · 2 min read जंगल में कवि सम्मेलन जंगल में कवि सम्मेलन (एक व्यंग्य) एक बार जंगल के राजा द्वारा, जंगल में घोषणा करवाई गई। प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को, कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। सभी जानवर... Hindi · हास्य/हास्य-व्यंग्य 12 14 1k Share मनोज कर्ण 18 Sep 2021 · 1 min read मेरी उम्मीद से खिलवाड़ न कर मेरी उम्मीद से खिलवाड़ न कर ~~~~~~~~~~~~~~~ मेरी उम्मीद से खिलवाड़ न कर, मेरी तन्हाइयों पे कभी वार न कर, मन की बेचैनियों पे,तू कभी इतवार न कर। बड़े ही... Hindi · कविता 5 4 683 Share मनोज कर्ण 17 Sep 2021 · 1 min read शायद मैं गलत हूँ... शायद मैं गलत हूँ... शायद मैं गलत हूँ... उस राह पर न रख कदम, जिस पर सभी खुशहाल हैं। साँसें थमी हर चाह पर, पलकें झपी हर आह पर ।... Hindi · कविता 5 1k Share मनोज कर्ण 16 Sep 2021 · 3 min read प्रलय गीत प्रलय गीत, प्रकृति अब विश्राम करो। ~~~~~~~~~~~~ प्रकृति अब विश्राम करो, तुम हो कितने प्रणम्य वीर, क्यों परिश्रांत हुआ रुकते भी नहीं। थम जाए तो मुख़्तलिफ़ ये घड़ियाँ, तुम भी... Hindi · कविता 5 8 1k Share मनोज कर्ण 16 Sep 2021 · 1 min read खुद को देखो खुद को देखो ~~~~~~~ खुद को देखो, स्वयं की नजरों से, अपनी अच्छाइयों को, उन खौफनाक बुराईयों को। मंज़िल पर पहुंचने की, तमाम कठिनाइयों को, खुद से परखो, मग़र अपने... Hindi · कविता 2 4 554 Share मनोज कर्ण 15 Sep 2021 · 1 min read बहुमत बहुमत °°°°° बुराई ने अच्छाई से कहा कि, अनसोशल मत बनो, लोकतंत्र में मेरी ही बहुमत है, मैं सोशल हूँ, मेरी जमात में शामिल हो जाओ, और सामाजिक न्याय का,... Hindi · कविता 10 10 1k Share मनोज कर्ण 14 Sep 2021 · 2 min read हिन्दी काव्य का प्रसार हिन्दी काव्य का प्रसार (हिन्दी दिवस पर विशेष) °°°°°°°°°°°°°°°°°° राष्ट्रीय एकता की निशानी, हिन्दी है भारत की आत्मा। हिंदी में काव्य कैसे रची जाती, सुनिए तो कवि की जुबानी। कवि... Hindi · कविता 3 2 1k Share मनोज कर्ण 13 Sep 2021 · 1 min read कदम रुके नहीं कदम रुके नहीं ~~~~~~~ कदम रुके नहीं, मन थके नहीं, करो ऐसी जतन, सिर झुके नहीं। झाँको अपने अतीत में, थी जब नन्हीं परी सी, तब थी,कितनी तन्मय प्रतिपल, मन... Hindi · कविता 7 538 Share मनोज कर्ण 9 Sep 2021 · 1 min read लोक कहैये लोक कहैये °°°°°°°°° लोक कहैये, एना छी, लोक कहैये, ओना छी, अहां कोनो छुई-मुई नै जे, लोगक टोकने,छन में मुरझा जाएब, आओर स्तवन सुनि,छन में बिहँसि पड़ब। लोगक काम एतबे... Hindi · कविता 7 8 1k Share मनोज कर्ण 8 Sep 2021 · 2 min read मेरे बुद्ध महान ! मेरे बुद्ध महान ! (छन्दमुक्त काव्य) °°°°°°°°°°°°°° मेरे बुद्ध महान ! तेरी करुणा के सागर से, उमड़ा था ज्ञान का सैलाब, पूरे विश्व को आलोकित कर रहा। तुमने दिखाया था... Hindi · कविता · बुद्ध पूर्णिमा 14 15 1k Share मनोज कर्ण 6 Sep 2021 · 2 min read जय जगजननी ! मातु भवानी(भगवती गीत) जय जगजननी ! मातु भवानी... (भगवती गीत) जय जगजननी! मातु भवानी, दया करु माँ कृपा करु, लियऽ हमरा अपन शरण में, आब नै सोच विचार करु। जन्म-जन्म कऽ पाप हरु... Hindi · गीत 9 20 2k Share मनोज कर्ण 31 Aug 2021 · 2 min read इंकलाब,आतंकवाद के विरुद्ध एक सवाल, आतंकवाद के विरुद्ध एक सवाल आतंकवाद के विरुद्ध, कर रहा हूँ मैं आज, बता, तेरे लब क्यों सिले हुए हैं आज ? मचा था कुहराम कश्मीर में, मर्यादा... Hindi · कविता 6 6 1k Share मनोज कर्ण 24 Aug 2021 · 1 min read सब तो अपने हैं , सब तो अपने हैं , °°°°°°°°°°°°° कभी-कभार मन ये सोचता, सब तो अपने हैं । चाहे दूर के हो या, नजदीक के रिश्तेदार। सभी तो हैं बस , अपना ही... Hindi · कविता 6 12 1k Share मनोज कर्ण 14 Aug 2021 · 1 min read * नभ के तारे * नभ के तारे ********* नभ के तारे झिलमिल करते, कहते हमसे घुलमिल करके । छिपा रहस्य ब्रह्मांड के सारे, हम सब तो हैं नभ के तारे । सुरज चांद से... Hindi · कविता 7 6 844 Share मनोज कर्ण 12 Aug 2021 · 2 min read धरा की धूल धरा की धूल ~~~~~~~~ धरा की धूल मिट्टी हूँ मैं , उड़कर कहाँ तक जाउंगा । छुटेंगे जब वायु के थपेड़े , वापस ज़मीं पे ही आऊंगा। पंचभूतों से बना... Hindi · कविता 6 4 1k Share मनोज कर्ण 4 Aug 2021 · 2 min read प्रकृति के चंचल नयन प्रकृति के चंचल नयन ~~~~~~~~~~~ प्रकृति के चंचल नयन, विश्रांतिहीन विस्तृत नयन। संतप्त धरा के गर्भ से, व्योम क्षितिज फैले नयन, अनघ अभिराम सा है दिगदिगंत। सृष्टि अनंत, दृष्टि अनंत... Hindi · कविता 12 12 2k Share मनोज कर्ण 2 Aug 2021 · 1 min read सफलता की कुंजी (पार्ट -2) सफलता की कुंजी °°°°°°°°°°°°°°°° कर मन अभिभूत हे प्राणपति ! तू जीवन सफल फिर कर पाएगा, हो आत्मरति, मत कर अभिनय, जन्मों का पाप मिटा पाएगा। कर अभिज्ञान पथ उजियारा,... Hindi · कविता 6 4 853 Share मनोज कर्ण 2 Aug 2021 · 2 min read सफलता की कुंजी (पार्ट -1) सफलता की कुंजी °°°°°°°°°°°°°°° परिश्रम ही सफ़लता की कुंजी है, क्या ये कथन आपको पूर्ण रूपेण सही लगता? नहीं मुझे तो ये तर्कसंगत नहीं जान पड़ता, परिश्रम क्यों करे, कैसे... Hindi · कविता 9 6 1k Share मनोज कर्ण 30 Jul 2021 · 1 min read आँखें क्यों नम हुई फिर आज ? आँखें क्यों नम हुई फिर आज ? ~~~~~~~~~~~~~~~ ख्वाबों में सजाया था जिसे, पलकों पे बिठाया था जिसे, जिसके अधर नयन की जुगलबंदी में, उम्र की फितरत का भी पता... Hindi · कविता 6 2 937 Share मनोज कर्ण 27 Jul 2021 · 1 min read बँटवारे का दर्द बँटवारे का दर्द ~~~~~~~~~ खंजर भोंक माँ के सीने में हज़ारों, खण्डित कर दिया निजस्वार्थ के सितारों। छलकाती दर्द मानवता का धरा पर, भारत के दो टुकडों हुए हैं यहाँ... Hindi · कविता · विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस 16 8 3k Share मनोज कर्ण 24 Jul 2021 · 2 min read निष्ठुरता - एक आत्मावलोकन निष्ठुरता - एक आत्मावलोकन °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° मैं निष्ठुर नहीं था, निकला था तेरा अंश बनकर, तेरे स्वरुप से । धवल चंद्र के समान निर्मल था, मुखड़ा मेरा। धूल धूसरित गंदगी जमती... Hindi · कविता 7 10 926 Share मनोज कर्ण 21 Jul 2021 · 1 min read अभिनय चरित्रम् अभिनय चरित्रम् °°°°°°°°°°°°°°°° अभिनय की बेपरवाह ये दुनियाँ, जहां सब कुछ बिकते देखा है। फिल्मजगत की मायानगरी को, अंदर से तड़पते देखा है। क्षण भर में ही अश्रु टपके, क्षण... Hindi · कविता 8 8 958 Share मनोज कर्ण 21 Jul 2021 · 1 min read मृगतृष्णा मृगतृष्णा ~~~~~ मृगतृष्णा की चादर ओढ़, भटक रहा मानव इस जग में। मातृगर्भ से वर्तमान तक, खुद को समझ न पाया जग में । जन्म लिया निर्मल काया थी, शैशव... Hindi · कविता 10 6 1k Share मनोज कर्ण 16 Jul 2021 · 8 min read कविता का जन्म कविता का जन्म ~~~~~~~~~~ बस तीन -चार दिन पहले की बात है, जब मैं कार्यालय से घर वापस आया, तो देर शाम का वक़्त हो चुका था। घर आते ही... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 12 18 1k Share मनोज कर्ण 14 Jul 2021 · 2 min read बेजुबान और कसाई बेजुबान और कसाई ~~~~~~~~~~~~~ (एक याचना) बीच सड़क पर डटे,बेज़ुबान बकरे और कसाई, हो रही थी मौनभाव में, अस्तित्व की लड़ाई । कसाई डोर खींच रहा, पर बकरे ने भी... Hindi · कविता 14 9 4k Share मनोज कर्ण 12 Jul 2021 · 1 min read आयुर्वेद का गुणगान करें आयुर्वेद का गुणगान करें ~~~~~~~~~~~~~~ चिता मानव की दहक रही थी,लहर कोरोना विकराल बना। प्राणप्रहरियों को भी न बक्शा, मनुज कितना लाचार बना ।। बिलख रहा था जब देश यहां,... Hindi · कविता 7 4 1k Share मनोज कर्ण 11 Jul 2021 · 1 min read मन की डोर मन की डोर ~~~~~~ (प्रार्थना) नयनों को भटकने दे प्रभु, मन की डोर न छोड़ना तुम। जग माया की विकट जाल में, प्रीत की लाज बचाना तुम ।। जब भी... Hindi · कविता 8 4 977 Share मनोज कर्ण 9 Jul 2021 · 2 min read रिश्तों की डोर रिश्तों की डोर ~~~~~~~~~~~ पीहर छोड़ चली आई मैं, किस निर्मोही के संग, पी की बतिया,पी संग रतिया सब हो गई है भंग। वो कातिल अदाएं, वो मासूम शरारतें, क्यों... Hindi · कविता 13 10 2k Share मनोज कर्ण 5 Jul 2021 · 2 min read * सत्य,"मीठा या कड़वा" * सत्य,"मीठा या कड़वा" (छन्दमुक्त काव्य) ============== सत्य बहुत मीठा होता है, यदि खुद महसूस करें तो, अन्यथा दूसरों को इसका एहसास कराना, या दूसरे से इसका एहसास पाना दोनों ही,... Hindi · कविता 11 12 2k Share मनोज कर्ण 3 Jul 2021 · 2 min read दोष ककर ? दोष ककर ? """""""""""""""" बीचे रोड मकइ,धान पसारि सूखाउ, बथानि गाय-गोरु के सेहो बनाऊ, दुर्घटना जे भेल तऽ दोष ककर । अनहोनी जे भेल तऽ दोष ककर । सिस्टम के... Hindi · कविता 15 8 1k Share मनोज कर्ण 30 Jun 2021 · 1 min read कलियुग की विषकन्याएँ...? कलियुग की विषकन्याएँ...? (नशा मुक्ति पर विशेष) °°°°°°°°°°°°°°°°°° कलियुग की जो विषकन्या है, बच के रहना उससे यार। दूर देश से उड़कर आयी , जहरीली मीठी ये बयार । ड्रग्स,कोकिन,हैरोइन... Hindi · कविता 6 13 1k Share मनोज कर्ण 29 Jun 2021 · 1 min read *दुलहिन परिक्रमा* *दुलहिन परिक्रमा* """""""""""""""""""""" अहिं हमर ज्योति छी सजनी, अहिं छी हमर सद्ज्ञान । निज कष्ट सहलहुँ, तनिक नहिं कहलहुँ,अहां छी बहुत महान।। तनिक लेश नहिं अहां में देखलहुँ, निज गौरव... Hindi · कविता 8 6 1k Share मनोज कर्ण 27 Jun 2021 · 2 min read "मौत हमसे हारेगी" मौत हमसे हारेगी... """""""""""""" मौत हमसे हारेगी, है भरोसा अपने मन पे, मौत हमसे हारेगी, सत्य खातिर प्राण दूँगा, मौत हमसे हारेगी। है इरादा इस जहाँ का, आसरा बेहतर बनाऊँ,... Hindi · कविता 8 3 1k Share मनोज कर्ण 27 Jun 2021 · 1 min read अपलक निहारूं तुझे... अपलक निहारूं तुझे, दिल में सजा लूँ तुझे, एक बार तो सन्मुख आओ कान्हा ! पलकों में बिठा लूँ तूझे। एक बार तो सन्मुख आओ कान्हा ! पलकों में बिठा... Hindi · गीत 5 6 771 Share मनोज कर्ण 25 Jun 2021 · 2 min read हे,भारत की नारी कृपानिधि !.. हे,भारत की नारी कृपानिधि !.. तुम ध्यान करो, तुम ध्यान करो। हे,भारत की नारी कृपानिधि ! तुम ध्यान करो, तुम ध्यान करो, अपने स्वरूप का ध्यान करो। तुम धन, ऐश्वर्य... Hindi · कविता 7 19 1k Share मनोज कर्ण 23 Jun 2021 · 1 min read *कर्मफल* कर्मफल "" "" "" कर्मफल में आसक्त मनुज, इंसाफ नहीं कर पाता है। अपने ही अंतर्मन से वो, बार-बार घबराता है । कहता है मन, उस नर का, मुझे खुली... Hindi · कविता 11 4 1k Share मनोज कर्ण 23 Jun 2021 · 2 min read " मैं हूँ ममता " " मैं हूँ ममता " "" "" "" "" "" "" " मैं हूँ ममता, करुणामयी ममता, माँ की ममता, ओढ़ा कर आँचल की छाँव में, पूरी करती मैं,हर ख़्वाहिशों... Hindi · कविता 10 8 1k Share मनोज कर्ण 20 Jun 2021 · 2 min read **अनहद नाद** **अनहद नाद** ============ अनहद नाद की प्यासी है श्रुतिपुट... अनन्त शून्य की ऊचाईयों से, समुन्दर की गहराईयों तक । अनंत शब्दों का नाद सुना मैंने, पर मन को न भाया... Hindi · कविता 11 10 2k Share मनोज कर्ण 20 Jun 2021 · 2 min read वेदों की जननी... नमन तुझे, वेदों की जननी...नमन तुझे! * ** * * ** * * ** * * ** * (गायत्री जयन्ती पर विशेष) ================ वेदों की जननी...नमन तुझे! नमन तुझे, माँ नमन तुझे!!... Hindi · कविता 15 14 3k Share मनोज कर्ण 13 Jun 2021 · 1 min read "सपनों की मंजिल" "सपनों की मंजिल" ########### घर से निकला था मैं, गंतव्य तक पहुंचना मेरी मजबूरी थी निढाल थी आँखे उनके दर्शन की तलाश में, मधुर मिलन की आश में। राह थी... Hindi · कविता 10 3 932 Share मनोज कर्ण 13 Jun 2021 · 2 min read "चरित्र और चाय" "चरित्र और चाय" # # # # # # # # सरल शब्दों में समझाऊं आज मैं , चरित्र निर्माण की कहानी। मानव चरित्र भी होती है, एक प्याली चाय... Hindi · कविता 16 5 2k Share Previous Page 5 Next