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Comments (19)

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29 Jun 2021 10:45 PM

सुन्दर

30 Jun 2021 08:12 PM

धन्यवाद ?

26 Jun 2021 03:23 PM

Ati uttam

26 Jun 2021 03:41 PM

धन्यवाद

25 Jun 2021 12:25 PM

अत्यधिक सुंदर रचना ?

25 Jun 2021 01:21 PM

नारी स्तुति ??

25 Jun 2021 02:42 PM

सच्चे अर्थ में देखा जाए, तो ये नारी स्तुति नहीं है बल्कि भारतीय नारी को अपने खोए हुए स्वरूप की याद दिलाने वाली और स्वाभिमान जागृत करने वाली काव्य रचना है।

सिर्फ भारत ही क्यों, नेपाली नारी भी आखिर नारी ही है।

खाली नारी को ही उपदेश या सहानुभूति की जरूरत है क्या?

जो असल में माता है, उसमे करोड़ों तो सही रूप में माता का कर्तव्य निभा नही पा रही, ऊपर से आप हर नारी को माता का दर्जा देने की बात कर रहें है।
अब वो प्राचीन काल वाली बात गई।
हां हर स्त्रीवर्ग को नारी बनने की कोशिश जरूर करनी चाहिए।
नारी बहुत व्यापक शब्द है।
मुझे तो लाखों में दो चार नारी ही दिखती आज कल।

25 Jun 2021 08:02 AM

उसके लिए मेरी काव्य रचना “मैं हूँ ममता”का अवलोकन करें

अति सुंदर

25 Jun 2021 07:29 AM

धन्यवाद

25 Jun 2021 06:55 AM

बाँधने वाली डोर है औरत,
मत समझो कमजोर है औरत। ?

25 Jun 2021 07:16 AM

सही बात

25 Jun 2021 06:55 AM

अच्छी रचना ?

25 Jun 2021 07:16 AM

धन्यवाद

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