Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jul 2021 · 1 min read

मन की डोर

मन की डोर
~~~~~~
(प्रार्थना)

नयनों को भटकने दे प्रभु,
मन की डोर न छोड़ना तुम।
जग माया की विकट जाल में,
प्रीत की लाज बचाना तुम ।।
जब भी देखूँ नयन दृष्टि से,
हंसते गाते मोहक दृश्य ।
भ्रमजाल से बच के रहें बस,
पकड़ों मन की डोर प्रभु।।

यदि हो पीड़ा तन को हे प्रभु,
मन की आश में रहना तुम ।
तुझको ही अर्पण कर दूँ मैं,
साँसों की हर धड़कन को।।
जप-तप-ब्रत का ज्ञान नहीं मुझको,
कैसे मैं तुझको याद करे प्रभु।
उम्र की रैना बीत रही है,
मन की डोर न छोड़ना तुम।।

कोलाहल की करतल ध्वनि में,
तुझको मन से श्रवण करूँ।
मन तेरा ही सुमिरन करे बस,
मन में ऐसे भाव भर दो।।
निशि दिन सजल नेत्र हो मेरे,
ऐसी भक्ति का वरदान करो।
हो जाए अहंभाव विलोपन,
पकड़ों मन की डोर प्रभु।।

मौलिक एवं स्वरचित

© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – ११ /०७/२०२१
मोबाइल न. – 8757227201

Language: Hindi
8 Likes · 4 Comments · 971 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनोज कर्ण
View all
You may also like:
*सारा हिंदुस्तान है, मोदी का परिवार (कुंडलिया)*
*सारा हिंदुस्तान है, मोदी का परिवार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मोरनी जैसी चाल
मोरनी जैसी चाल
Dr. Vaishali Verma
बालबीर भारत का
बालबीर भारत का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आजा रे अपने देश को
आजा रे अपने देश को
gurudeenverma198
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
Kanchan Khanna
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
Manju sagar
आस्था
आस्था
Neeraj Agarwal
शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,
शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,
Sonam Puneet Dubey
ये 'लोग' हैं!
ये 'लोग' हैं!
Srishty Bansal
चुलबुली मौसम
चुलबुली मौसम
अनिल "आदर्श"
*हम नदी के दो किनारे*
*हम नदी के दो किनारे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"साधक के गुण"
Yogendra Chaturwedi
कहां बिखर जाती है
कहां बिखर जाती है
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
किसान
किसान
Bodhisatva kastooriya
BUTTERFLIES
BUTTERFLIES
Dhriti Mishra
राजकुमारी कार्विका
राजकुमारी कार्विका
Anil chobisa
मरीचिका
मरीचिका
लक्ष्मी सिंह
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
Rj Anand Prajapati
मैं  नहीं   हो  सका,   आपका  आदतन
मैं नहीं हो सका, आपका आदतन
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"दर्द दर्द ना रहा"
Dr. Kishan tandon kranti
साथ हो एक मगर खूबसूरत तो
साथ हो एक मगर खूबसूरत तो
ओनिका सेतिया 'अनु '
शनि देव
शनि देव
Sidhartha Mishra
घोसी                      क्या कह  रहा है
घोसी क्या कह रहा है
Rajan Singh
నీవే మా రైతువి...
నీవే మా రైతువి...
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
कवि रमेशराज
चुनिंदा अश'आर
चुनिंदा अश'आर
Dr fauzia Naseem shad
2706.*पूर्णिका*
2706.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तन प्रसन्न - व्यायाम से
तन प्रसन्न - व्यायाम से
Sanjay ' शून्य'
"कला आत्मा की भाषा है।"
*Author प्रणय प्रभात*
हमारा फ़र्ज
हमारा फ़र्ज
Rajni kapoor
Loading...